MP Politics: 'कई बार राजतिलक होते-होते वनवास हो जाता है'...शिवराज सिंह चौहान का छलका दर्द?

MP Politics - 'कई बार राजतिलक होते-होते वनवास हो जाता है'...शिवराज सिंह चौहान का छलका दर्द?
| Updated on: 03-Jan-2024 06:40 PM IST
MP Politics: पांचवी बार मध्य प्रदेश का मुख्यमंत्री ना बनाए जाने पर सूबे के पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान का बयान सामने आया है. शिवराज सिंह चौहान का कहना है कि कई बार राजतिलक होते-होते वनवास भी हो जाता है, जो कि किसी न किसी उद्देश्य की पूर्ति के लिए होता है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री न बनाने के पीछे कहीं न कहीं कोई बड़ा उद्देश्य होगा.

राजधानी भोपाल में आयोजित एक रैली के दौरान पूर्व सीएम ने कहा कि चिंता मत करना, उनकी जिंदगी जनता-जनार्दन, बेटा-बेटियों और उनकी बहनों के लिए है. उन्होंने कहा कि वो अभी भी राज्य की जनता के लिए काम करेंगे. वो धरती पर इसलिए आए हैं ताकि लोगों की जिंदगी के जो दुख दर्द हैं उन्हें दूर कर सकें.

‘जनता की आंखों में कभी भी आंसू नहीं आने देंगे’

पूर्व सीएम ने कहा कि वो राज्य की जनता की आंखों में कभी भी आंसू नहीं आने देंगे और राज्य की जनता की जिंदगी को बेहतर बनाने की पुरजोर कोशिश करेंगे, उसमें कोई कसर नहीं छोड़ेंगे, इसके लिए वो दिन रात काम करने के लिए तैयार हैं. सीएम ने कहा कि उनकी जिंदगी जनता के लिए समर्पित है और वो हमेशा जनता के साथ रहेंगे.

‘बंगले का रखा नाम मामा का घर’

सके साथ ही शिवराज सिंह चौहान ने रैली में अपने नए बंगले का पता और नाम भी बताया. उन्होंने कहा कि उनके बंगले का नया पता है बी-8, 74 बंगला, जिसका नाम उन्होंने मामा का घर रख दिया है. शिवराज सिंह के नए बंगले के मेन गेट पर एक तरफ जहां उनके नाम की नेम प्लेट लगी है, वहीं दूसरी तरफ बड़े-बड़े अक्षरों में मामा का घर लिखा हुआ है.

मामा के नाम से मशहूर हैं शिवराज सिंह

आपको बता दें कि शिवराज सिंह चौहान पहली बार साल 2005 में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री बने थे. उसके बाद से लगातार 15 साल तक उन्होंने सूबे की कमान बतौर मुख्यमंत्री संभाली. वो राज्य की जनता के बीच काफी लोकप्रिय थे, खासतौर पर महिलाओं के साथ उनका भाई बहन वाला रिश्ता था, यही वजह है कि राज्य में वो मामा के नाम से मशहूर थे.शिवराज सिंह चौहान ने विधानसभा चुनाव में बीजेपी को जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई थी.

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