Shri Krishna Janmasthan: सुप्रीम कोर्ट ने शाही ईदगाह मस्जिद में सर्वे पर लगाई रोक, HC ने दी थी मंजूरी

Shri Krishna Janmasthan - सुप्रीम कोर्ट ने शाही ईदगाह मस्जिद में सर्वे पर लगाई रोक, HC ने दी थी मंजूरी
| Updated on: 16-Jan-2024 12:01 PM IST
Shri Krishna Janmasthan: सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश के मथुरा स्थित शाही ईदगाह मस्जिद में सर्वे पर रोक लगा दी है. मुस्लिम पक्ष ने कोर्ट कमिश्नर सर्वे पर रोक लगाने की मांग की थी. उसने इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती दी थी. हाई कोर्ट ने मस्जिद में सर्वे का आदेश दिया था. वकील तस्नीम अहमदी ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले का हवाला देते हुए कहा कि जहां किसी सिविल मुकदमे की स्थिरता पर सवाल उठाया जाता है और उस आधार पर अंतरिम राहत देने का विरोध किया जाता है, तो अंतरिम राहत देने का निर्णय लेने से पहले ट्रायल कोर्ट को कम से कम एक साथ मुकदमे को सुनना चाहिए.

उन्होंने कहा कि मुकदमे के संबंध में प्रथम दृष्टया संतुष्टि होनी चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मुस्लिम पक्ष के आवेदन पर नोटिस जारी कर रहे हैं. यह कानूनी पहलू का मामला है. बता दें कि मथुरा में 13.37 एकड़ जमीन पर विवाद है. करीब 11 एकड़ पर श्रीकृष्ण जन्मस्थान मंदिर है. 2.37 एकड़ जमीन पर शाही ईदगाह मस्जिद है. औरंगजेब ने 1669-70 में शाही ईदगाह का निर्माण कराया था. दावा है कि उसने श्रीकृष्ण जन्मस्थली पर बने प्राचीन केशवनाथ मंदिर को तोड़कर निर्माण कराया था.

1935 में हाई कोर्ट से 13.37 एकड़ विवादित भूमि बनारस के राजा को अलॉट किया था. 1951 में श्रीकृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट ने ये भूमि अधिग्रहित कर ली थी. 1968 में श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संघ-शाही ईदगाह कमेटी में समझौता हुआ था. याचिका दायर कर शाही ईदगाद की जमीन हिंदू पक्ष को देने की मांग की गई थी. याचिका में 1968 में हुए समझौते को भी रद्द करने की मांग की गई थी.

हिंदू और मुस्लिम पक्ष क्या दावा करते हैं?

हिंदू पक्ष दावा करता है कि औरंगजेब ने 1670 में मंदिर तुड़वाया था. ईदगाह मस्जिद अवैध तरीके से कब्जा करके बनाई गई है. हिंदू प्रतीकों, मंदिर खंभों को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की गई और हिंदुओं को पूजा से रोका जा रहा है.

वहीं, मुस्लिम पक्ष दावा करता है कि इतिहास में मंदिर तोड़कर मस्जिद बनाने के सबूत नहीं हैं. तथ्यों को तोड़ मरोड़कर पेश किया जा रहा है. 1968 के समझौते पर मंदिर ट्रस्ट की आपत्ति नहीं है. प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट का पालन हो.

1968 का समझौता क्या है

1946 में श्रीकृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट बना. ट्रस्ट ने मुस्लिम पक्ष से समझौता किया. शाही ईदगाह का मैनेजमेंट मुस्लिमों को सौंपा. मुस्लिमों को परिसर खाली करने के लिए कहा गया. मंदिर-मस्जिद को संचालित करने के लिए दीवार बनी. तय हुआ कि मस्जिद में मंदिर की ओर खिड़की नहीं होगी. याचिकाकर्ता का दावा है कि 1968 का समझौता धोखाधड़ी है. 1968 के समझौते को रद्द करने की मांग की गई.

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