Lucknow: छाती और पेट से जुड़े जुड़वा बच्चे, 8 घंटे के ऑपरेशन कर डॉक्टरो अलग किए

Lucknow - छाती और पेट से जुड़े जुड़वा बच्चे, 8 घंटे के ऑपरेशन कर डॉक्टरो अलग किए
| Updated on: 30-Nov-2020 01:59 PM IST
लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (KGMU) में 8 घंटे की सर्जरी के बाद शरीर से जुड़े जुड़वा बच्चों को सफलतापूर्वक अलग कर दिया गया। दो बच्चों की छाती और पेट एक दूसरे से जुड़े हुए थे। कुलपति डॉ विपिन पुरी ने कहा कि किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के इतिहास में यह पहला मौका है, जब दो जुड़वां बच्चों को अलग करने का ऑपरेशन सफलतापूर्वक किया गया है।

केजीएमयू अस्पताल ने कुशीनगर से प्रियंका के दो जुड़े बच्चों का सफल ऑपरेशन किया। किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के कुलपति, सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल डॉ विपिन पुरी ने कहा कि कोरोना के कारण इन जुड़वा बच्चों का ऑपरेशन पहले नहीं हुआ था।

पिछले दिन, दो जुड़वा बच्चों का ऑपरेशन किया गया था, जिनकी छाती और पेट आपस में जुड़े हुए थे। यह ऑपरेशन लगभग 7 से 8 घंटे तक चला, जिसे सरकार की आयुष्मान भारत योजना का उपयोग करने वाले परिवारों द्वारा किया गया था।

डॉ विपिन पुरी ने कहा कि इस ऑपरेशन को सफल बनाने के लिए, कई अन्य विभागों के सर्जनों को भी मदद लेनी पड़ी, जिसमें कार्डियक सर्जन, लीवर सर्जन, प्लास्टिक सर्जन, ने ऑपरेशन को सफल बनाने में मदद की। उन्होंने कहा कि हम सभी और जुड़वा बच्चों के माता-पिता इस ऑपरेशन से बहुत खुश हैं। वहीं, केजीएमयू के पीडियाट्रिक सर्जरी डिपार्टमेंट के प्रोफेसर जीडी रावत का कहना है कि ये दोनों बच्चे मेरे अंडर में भर्ती हुए थे। इन दोनों बच्चों की छाती और पेट आपस में जुड़े हुए थे। जिसके कारण इन दोनों जुड़वा बच्चों का ऑपरेशन होना था।

डॉ विपिन पुरी ने कहा कि ऑपरेशन करने से पहले उन्होंने इन बच्चों को बेहोश किया और सारी जांच की। जांच के बाद ऑपरेशन को अंजाम दिया गया। जुड़वाँ बच्चों का जिगर जुड़ा हुआ था। डायाफ्राम और पेरीकार्डियम भी शामिल हो गए थे। उन सभी को संचालित और अलग किया गया था। इसके बाद बच्चों को आईसीयू में रखा गया। बच्चे अब पूरी तरह से स्वस्थ हैं।

वहीं बच्चों के सफल ऑपरेशन के बाद परिजनों में खुशी की लहर है। मां प्रियंका का कहना है कि जब ये बच्चे पैदा हुए थे, तो गोरखपुर में डॉक्टर ने बच्चों का ऑपरेशन करने से मना कर दिया था। इसके बाद वह केजीएमयू के डॉ। जीडी रावत से मिलीं। उन्होंने आशा की एक नई किरण दिखाई। उन्होंने बच्चों के ऑपरेशन करने वाले डॉक्टरों की टीम को धन्यवाद दिया है।

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