Vikas Dubey Encounter: पहले पुलिस ने कहा-बारिश के चलते पलटी गाड़ी, अब बोली- सामने आ गया था मवेशियों का झुंड

Vikas Dubey Encounter - पहले पुलिस ने कहा-बारिश के चलते पलटी गाड़ी, अब बोली- सामने आ गया था मवेशियों का झुंड
| Updated on: 10-Jul-2020 07:08 PM IST

उत्तर प्रदेश के कानपुर में गैंगस्टर विकास दुबे (Vikas Dubey) को यूपी एसटीएफ (UP STF) ने शुक्रवार सुबह मार गिराया. इस बीच विकास दुबे एनकाउंटर केस में यूपी एसटीएफ ने बयान जारी किया है. एसटीएफ के मुताबिक, ''आरोपी विकास दुबे को एसटीएफ उत्तर प्रदेश लखनऊ टीम द्वारा पुलिस उपाधीक्षक तेजबहादुर सिंह के नेतृत्व में सरकारी वाहन से लाया जा रहा था. यात्रा के दौरान जनपद कानपुर नगर के सचेण्डी थाना क्षेत्र के कन्हैया लाल अस्पताल के सामने पहुंचे थे कि अचानक गाय-भैंसों का झुंड भागता हुआ मार्ग पर आ गया. लंबी यात्रा से थके हुए चालक द्वारा इन जानवरों से दुर्घटना को बचाने के लिए अपने वाहन को अचानक मोड़ने पर वाहन अनियंत्रित होकर पलट गया.''


प्रेस रिलीज के अनुसार अचानक हुई इस घटना से इस गाड़ी में बैठ पुलिस अधिकारियों को गंभीर चोटें आईं और क्षणिक रूप से अर्ध चेतनावस्था में चले जाने के कारण साथ में बैठा दुस्साहसी दुर्दांत अपराधी विकास दुबे अचानक घटित हुई इस परिस्थिति का फायदा उठाकर घायल निरीक्षक रमाकांत पचौरी की सरकारी पिस्टल को झटके से खींच लिया और दुर्घटना ग्रस्त सरकारी वाहन से निकलकर कच्चे मार्ग पर भागने लगा.


इससे पहले कानपुर के एसएसपी दिनेश कुमार पी ने बताया कि विकास दुबे को ला रहे काफिले के पीछे कुछ गाड़ियां लगी हुई थी. यह लगातार पुलिस के काफिले को फॉलो कर रही थी. जिसकी वजह से गाड़ी तेज़ भगाने की कोशिश की गई. बारिश तेज़ थी इसलिए गाड़ी पलट गई. एसएसपी के मुताबिक, इस मौके का फायदा उठाकर विकास दुबे भागने की कोशिश में था. हमारे एसटीएफ जवान इस गाड़ी को पीछे से फॉलो कर रहे थे.



उन्होंने कॉम्बिंग की. फायरिंग हुई और सेल्फ डिफेंस में विकास दुबे पर गोली चलाई गई. जिससे वह मारा गया. एसएसपी ने बताया कि एनकाउंटर कोई चीज़ नहीं होती. हम न्यायिक प्रक्रिया को फॉलो करते हैं. विकास के जो भी गुर्गे हैं सबको गिरफ्तार किया जाएगा.


बता दें कि 2 जुलाई की रात विकास दुबे ने अपने गुर्गों के साथ मिलकर दबिश देने पहुंची पुलिस टीम पर हमला किया था. इस हमले में क्षेत्राधिकारी देवेंद्र मिश्रा समेत आठ पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे. इस घटना के बाद विकास दुबे अपने गुर्गों के साथ फरार हो गया था. 9 जुलाई को ही उज्जैन के महाकाल मंदिर के बाहर से विकास दुबे को पकड़ लिया गया. उसे कानपुर पुलिस और एसटीएफ की टीम कानपुर ला रही थी, तभी गाड़ी पलट गई और विकास दुबे हथियार छीनकर भागने लगा. पुलिस की जवाबी कार्रवाई में विकास दुबे भी मारा गया है.

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