- भारत,
- 31-Aug-2019 12:30 PM IST
बाड़मेर. राजस्थान के प्रसिद्ध लोक देवता बाबा रामदेव की जन्म भूमि उण्डू काश्मीर में 614 साल बाद 20 करोड़ की लागत से मंदिर का निर्माण पूरा हो गया है। मंदिर निर्माण में जैसलमेर के पीले पत्थरों का इस्तेमाल किया गया है। वर्ष 2007 में मंदिर का काम शुरू हुआ। इसकी नींव 35 फीट गहरी प्योर सीमेंट-कंकरीट से भरा गया है, ताकि 7.5 की तीव्रता का भूकंप भी बेअसर रहे।
मंदिर को उड़ीसा व मध्यप्रदेश के मूर्ति व पत्थर कारीगरों ने मंदिर बनाया है। नींव से 110 फीट ऊंचे इस मंदिर की पहली संपूर्ण तस्वीर भास्कर पाठकों तक पहुंचा रहा है। दिसंबर, 2019 में इस की प्राण-प्रतिष्ठा होगी। इसे यादगार के लिए पीएम नरेंद्र मोदी को भी बुलावा भेजा गया है।बाबा रामदेव की जन्म भूमि पर पहली बार 110 फीट की ऊंचाई का भव्य मंदिर तैयार हो चुका है। दिसंबर में मंदिर प्राण-प्रतिष्ठा होनी है। इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी आमंत्रित किया जा रहा है। 20 करोड़ की लागत से बने मंदिर की 35 फीट नींव प्योर सीमेंट-कंकरीट से भरी है, 7.5 की तीव्रता का भूकंप भी बेअसर रहेगा। -ओमप्रकाश चंडक, ट्रस्टी, बाबा रामदेव उण्डू काश्मीर।
मंदिर को उड़ीसा व मध्यप्रदेश के मूर्ति व पत्थर कारीगरों ने मंदिर बनाया है। नींव से 110 फीट ऊंचे इस मंदिर की पहली संपूर्ण तस्वीर भास्कर पाठकों तक पहुंचा रहा है। दिसंबर, 2019 में इस की प्राण-प्रतिष्ठा होगी। इसे यादगार के लिए पीएम नरेंद्र मोदी को भी बुलावा भेजा गया है।बाबा रामदेव की जन्म भूमि पर पहली बार 110 फीट की ऊंचाई का भव्य मंदिर तैयार हो चुका है। दिसंबर में मंदिर प्राण-प्रतिष्ठा होनी है। इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी आमंत्रित किया जा रहा है। 20 करोड़ की लागत से बने मंदिर की 35 फीट नींव प्योर सीमेंट-कंकरीट से भरी है, 7.5 की तीव्रता का भूकंप भी बेअसर रहेगा। -ओमप्रकाश चंडक, ट्रस्टी, बाबा रामदेव उण्डू काश्मीर।
