अमेरिका / अफगानिस्तान में अमेरिकी ड्रोन स्ट्राइक में मारे गए आई.एस. के 2 हाई-प्रोफाइल सदस्य: पेंटागन

Zoom News : Aug 29, 2021, 09:05 AM
वाशिंगटन: अमेरिका ने अफगानिस्तान में काबुल एयरपोर्ट पर आत्मघाती हमले के 48 घंटे के भीतर ही उसकी साजिश रचने वाले इस्लामिक स्टेट-खुरासान (आइएस-के) के दो शीर्ष आतंकी सरगना को मार गिराया है। पाकिस्तान की सीमा के पास नांगरहार प्रांत में शुक्रवार रात किए गए ड्रोन हमले में इस्लामिक स्टेट का एक साजिशकर्ता घायल भी हुआ है। तालिबान ने अमेरिका के इस हमले की निंदा की है और इसे अफगानिस्तान की धरती पर हमला बताया है। उसने यह भी कहा है कि अमेरिका को हमले से पहले उसे बताना चाहिए था।

काबुल हमले के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा था कि इस हमले के दोषियों को खोजकर मारेंगे। काबुल एयरपोर्ट पर गुरुवार को हुए दो धमाकों में 13 अमेरिकी सैनिकों समेत 182 लोगों की मौत हुई थी। मरने वालों में 169 अफगान थे। आइएस-के ने हमले की जिम्मेदारी ली थी। अमेरिका सेना के मेजर जनरल विलियम टेलर ने कहा कि नांगरहार प्रांत में रात में किए गए ड्रोन हमले में आइएस के दो साजिशकर्ता मारे गए हैं और एक घायल हुआ है।

इससे पहले, अमेरिकी मध्य कमान के प्रवक्ता कैप्टन बिल अर्बन ने कहा, 'अमेरिकी सैन्य बलों ने आइएस-खुरासान के खिलाफ आतंक रोधी अभियान चलाया। अफगानिस्तान के नांगरहार प्रांत में मानवरहित हवाई हमले को अंजाम दिया गया। हमें प्रारंभिक तौर पर लक्ष्य के खात्मे का संकेत मिला है। किसी नागरिक के हताहत होने की खबर नहीं है।'

पेंटागन के प्रवक्ता जान किर्बी ने भी कहा कि एक ही ड्रोन हमले में सभी को मार गिराया गया। उन्होंने यह भी कहा कि काबुल एयरपोर्ट पर हमले का खतरा बना हुआ है और हालात पर कड़ी नजर रखी जा रही है।

रीपर ड्रोन से किया गया हमला

समाचार एजेंसी रायटर के अनुसार, अमेरिका के एक अधिकारी ने बताया कि आइएस आतंकी के खिलाफ ड्रोन हमले को सुनियोजित तरीके से अंजाम दिया गया। इसके लिए मानवरहित रीपर ड्रोन का उपयोग किया गया। इस ड्रोन को पश्चिम एशिया के एक ठिकाने से रवाना किया गया था।

नांगरहार में सुने गए कई धमाके

रायटर के अनुसार, पाकिस्तान से सटे नांगरहार की राजधानी जलालाबाद के निवासियों ने शनिवार को बताया कि मध्य रात्रि में कई धमाकों की आवाज सुनाई दी। मलिक अदीब नामक एक निवासी ने बताया कि तीन लोगों की मौत हुई और चार घायल हुए हैं। अफगानिस्तान के इस प्रांत को आइएस-खुरासान का गढ़ बताया जाता है। यह माना जाता है कि यहां हजारों की संख्या में आइएस आतंकी हैं।

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