Corona Impact / भारत में 41 लाख युवाओं का छिना रोजगार, दो सेक्‍टर पर पड़ा सबसे बुरा असर

News18 : Aug 19, 2020, 06:51 AM
नई दिल्ली। देश में कोरोना वायरस महामारी (Coronavirus in India) के कारण 41 लाख से ज्‍यादा युवाओं को नौकरी से हाथ धोना (Job Loss) पड़ा है। इसमें मैन्‍युफैक्‍चरिंग और एग्रीकल्‍चर सेक्‍टर (Manufacturing & Agriculture Sector) में काम करने वाले युवाओं को सबसे ज्‍यादा नुकसान हुआ है। अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) और एशियाई विकास बैंक (ADB) की संयुक्त रिपोर्ट 'एशिया और प्रशांत क्षेत्र में कोविड-19 युवा रोजगार संकट से निपटना' में भारत में लाखों युवाओं का रोजगार छिनने का अनुमान जताया गया है।


महामारी के कारण रोजगार की संभावनाओं को भी लगा तगड़ा झटका

रिपोर्ट में कहा गया है कि सात प्रमुख क्षेत्रों में से निर्माण और कृषि क्षेत्र में सबसे ज्‍यादा युवाओं का रोजगार छिना है। इसमें कहा गया है कि वैश्विक महामारी के कारण युवाओं के लिए रोजगार की संभावनाओं को भी तगड़ा झटका लगा है। कोरोना संकट के कारण 15 से 24 साल के युवा 25 साल या इससे अधिक उम्र के लोगों के मुकाबले ज्यादा प्रभावित हुए हैं। इतना ही नहीं आर्थिक और सामाजिक लागत के हिसाब से जोखिम लंबी अवधि के लिए होगा। ये रिपोर्ट युवाओं और कोविड-19 पर वैश्विक सर्वेक्षण के क्षेत्रीय आकलन पर आधारित है।

66 करोड़ युवाओं की निराशा घटाने के कदम उठाने का दिया सुझाव

रिपोर्ट में सभी अनुमान अलग-अलग देशों में उपलब्ध बेरोजगारी के आंकड़ों के आधार लगाया गया है। इसमें कहा गया है कि भारत में महामारी के दौरान कंपनी स्तर पर दो तिहाई एप्रेन्टिसशिप पर असर पड़ा है। वहीं, तीन चौथाई इंटर्नशिप पूरी तरह से थम गई हैं। रिपोर्ट में सरकारों से युवाओं के लिये रोजगार के अवसर पैदा करने, शिक्षा और प्रशिक्षण कार्यक्रमों को पटरी पर लाने व 66 करोड़ युवा आबादी के भविष्य को लेकर निराशा कम करने के लिये तत्काल बड़े पैमाने पर कदम उठाने का आह्वान किया गया है।

रिपोर्ट की प्रमुख लेखिका और आईएलओ क्षेत्रीय आर्थिक व सामाजिक विश्लेषण इकाई प्रमुख सारा एल्डर ने कहा कि युवाओं के लिये पहले से मौजूद चुनौतियां कोविड-19 के कारण बढ़ गई हैं। अगर इस ओर पर्याप्त ध्यान नहीं दिया गया तो एक 'लॉकडाउन पीढ़ी' तैयार होने का खतरा है, जिसे इस संकट का भार कई साल महसूस करना पड़ सकता है।


हर पांच में चार युवा कामगार असंगठित क्षेत्र में कर रहे हैं काम

कोविड-19 संकट से पहले ही एशिया और प्रशांत क्षेत्र में युवाओं के सामने रोजगार को लेकर चुनौतियां थीं। इसके कारण बेरोजगारी दर ऊंची थी। बड़ी संख्या में युवा स्कूल और काम दोनों से बाहर थे। वर्ष 2019 में क्षेत्रीय युवा बेरोजगारी दर 13।8 फीसदी थी। वहीं वयस्कों (25 साल और उससे अधिक उम्र) में यह 3 फीसदी थी। युवाओं की 16 करोड़ से अधिक आबादी न तो रोजगार में थी और न ही शिक्षा या प्रशिक्षण में थी। रिपोर्ट के मुताबिक, एशिया प्रशांत क्षेत्र में हर पांच युवा कामगारों में चार असंगठित क्षेत्र में हैं और चार युवा कर्मियों में एक गरीबी में रहने को मजबूर है।

SUBSCRIBE TO OUR NEWSLETTER