नई दिल्ली / मोदी ने कहा- हमने 70 दिन में अनुच्छेद 370 हटा दिया, हम न समस्याओं को टालते हैं, न पालते हैं

Dainik Bhaskar : Aug 15, 2019, 09:30 AM
नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को 73वें स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले पर तिरंगा फहराया। इस मौके पर 95 मिनट के संबोधन में उन्होंने जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देते अनुच्छेद 370 और राज्य के लोगों को विशेषाधिकार देते अनुच्छेद 35-ए को हटाने का प्रमुखता से उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि इस फैसले का विरोध करने वाले से पूछना चाहता हूं कि अगर यह अनुच्छेद इतना जरूरी था, इसी से भाग्य बदलने वाला था तो 70 सालों में (विपक्षी दलों का) बहुमत होने के बावजूद इसे अस्थायी क्यों रखा गया, इसे स्थायी क्यों नहीं किया गया? हम न समस्याओं को टालते हैं, न समस्याओं को पालते हैं। जो काम 70 साल में नहीं हुआ, वह नई सरकार बनने के 70 दिन के भीतर किया गया। संसद के दोनों सदनों ने दो तिहाई बहुमत से इसे पारित कर दिया। राष्ट्र को दिए अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि जनसंख्या विस्फोट रोकने के लिए सामाजिक जागरूकता की आवश्यकता है।

मोदी ने कहा, हम पूरे समर्पण के साथ आपकी सेवा में समर्पित हैं। अनुच्छेद 370 का हटना, तीन तलाक के खिलाफ कानून बनाना और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई को मजबूत करने जैसे कदम उठाए और किसानों के लिए पेंशन योजना शुरू की है। देश में जल संरक्षण की जरूरत है। इसके लिए जल शक्ति मंत्रालय बनाया है। बच्चों के साथ अपराध को सहन नहीं किया जा सकता है। इसे रोकने लिए कानून कड़ा किया।

‘राजनीति नफा-नुकसान से नहीं होती’

"जो काम 70 सालों में नहीं हुआ वो हमने 70 दिनों में कर दिखाया है। सबका साथ, सबका विकास का मंत्र लेकर हम चले थे, लेकिन 5 साल में ही देशवासियों ने ‘सबका विश्वास’ के रंग से पूरे माहौल को रंग दिया। अगर 2014 से 2019 आवश्यकताओं की पूर्ति का दौर था, तो 2019 के बाद का कालखंड देशवासियों की आकांक्षाओं की पूर्ति का कालखंड है, उनके सपनों को पूरा करने का कालखंड है।हम देश बदल सकते हैं, हम पीछे नहीं रह सकते है।"

"अब हमारा देश उस दौर में पहुंचा है, जिसमें बहगुत सी बातों से अब अपने आप को छिपाए रखने की बात नहीं है। हमें चुनौतियों को सामने से स्वीकार करना होगा। कभी राजनीतिक नफा नुकसान से हम फैसले करते हैं, लेकिन इससे देश की भावी पीढ़ी का नुकसान होता है। इससे जुड़ा एक विषय है हमारे यहां जनसंख्या विस्फोट हो रहा है। एक जागरुक वर्ग है जो इस समस्या को समझता है। वह अपने घर में शिशु को जन्म देने से पहले सोचता है कि मैं शिशु के सपनों को पूरा कर पाउंगा, उसकी जरूरतों को पूरा कर पाउंगा या नहीं। एक छोटा वर्ग इन सारे पैरामीटर्स पर परिवार नियोजन करता है और देश का भला करने में सहयोग देता है। उनका जितना सम्मान करें, छोटा परिवार रखकर वो देशभक्ति करते हैं।

"भ्रष्टाचार दीमक की तरह हमारी जिंदगी में घुस चुका है। बीमारी इतनी फैली है कि इसे ठीक होने में काफी समय लग रहा है। मैं मानता हूं व्यवस्थाओं में बदलाव होना चाहिए, लेकिन मैं मानता हूं समाज जीवन में बदलाव होना चाहिए। मैं मानता हूं कि व्यवस्थाएं चलाने वाले लोगों के मन में भी बदलाव होना चाहिए। देश आजादी के इतने साल बाद परिपक्व हुआ है। हम आजादी के 75 साल मनाने जा रहे हैं। यह आजादी सहज संस्कार, सहज स्वभाव, सहज अनुभुति यह भी आवश्यक होती है।" 

"मैं अपने अफसरों से बार बार कहता हूं कि आजादी के इतने सालों बाद सरकार का जो दखल है आम नागरिकों के बीच क्या हम उस दखल को कम नहीं कर सकते। आजाद भारत का मतलब यह है कि सरकारें लोगों के जीवन से बाहर आएं और लोग अपने हिस्से में देश के लिए, परिवार के लिए और अपने सपनों को पूरे करने के लिए खुद आगे आएं।" 

‘मेरा जोर ईज ऑफ लिविंग पर’

मोदी ने कहा, ‘‘आज दुनिया में विश्वास पैदा हुआ है कि भारत जैसा देश ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में इतनी बड़ी जंप लगा सकता है। लेकिन मेरी नजर है ईज ऑफ लिविंग पर। मेरा देश आगे बढ़े लेकिन इंक्रीमेंटल प्रोग्रेस के लिए अब देश ज्यादा इंतजार नहीं कर सकता। हमें हाई जंप लगानी होगी। भारत को ग्लोबल बेंचमार्क की तरफ ले जाने के लिए हमें आधुनिक इन्फ्रास्ट्रक्चर की तरफ जाना पड़ेगा। हमने तय किया है कि इस कालखंड में 100 लाख करोड़ रुपए आधुनिक इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए लगाए जाएंगे। चाहे अस्पताल बनाने हों या भारतमाला प्रोजेक्ट।’’ 

‘‘पहले एक जमाना था कि अगर कागज पर सिर्फ निर्णय हो जाए कि एक रेलवे स्टेशन फलाना इलाके में बनने वाला है। तो लोगों में खुशी हो जाती थी। लेकिन आज सामान्य नागरिक रेलवे स्टेशन बनने से खुश नहीं है। वो पूछता है कि हमारे यहां वंदे भारत एक्सप्रेस कब आएगी। आज हम 5 स्टार रेलवे स्टेशन बना दें तो वो यह नहीं कहता कि यह बहुत बढ़िया है लेकिन हवाई अड्डा कब आएगा।’’

‘‘पहले लोग कहते थे कि साहब पक्की सड़क कब आएगी। लेकिन अब कहते हैं कि रोड कैसी आएगी फोर लेन या टू लेन। आज घर के पास बिजली तार और मीटर लग जाएं तो वो पूछता है कि 24 घंटे बिजली कब आएगी। इस बदलते हुए मिजाज को हमें समझना होगा और उसी हिसाब से ग्लोबल बेंचमार्क के साथ क्लीन एनर्जी हो, गैस ग्रिड हो, ई-मोबिलिटी हो।’’  

‘‘आमतौर पर हमारे देश में सरकारों की पहचान ऐसे बनती थी कि देश की सरकार ने इस वर्ग के लिए क्या किया, इस क्षेत्र के लिए क्या किया। यानी किसके लिए क्या किया कितना दिया पर सरकारें चलती रहीं। शायद उस समय की यही मांग थी। लेकिन अब इन सब चीजों के रहते हुए भी देश को कहां ले जाएंगे, हम सब मिलकर देश के लिए क्या करेंगे। इन सबके बारे में सोचना और जीना यह समय की मांग है। इसीलिए 5 ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी इसका सपना संजोया है।’’

‘‘130 करोड़ देशवासी अगर छोटी चीजों को लेकर भी चल पड़े तो सपना साकार हो जाएगा। कई लोगों को मुश्किल भी लग सकता है। लेकिन अगर कदम नहीं उठाएंगे तो आगे कैसे बढ़ेंगे। आजादी के 70 साल बाद हम 2 ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी में पहुंचाया। 5 साल के अंदर 2 ट्रिलियन से 3 ट्रिलियन पहुंच गए। 70 साल में हमने इतना बड़ा जंप लगाया तो आने वाले 5 साल में भी हम 5 ट्रिलियन इकोनॉमी बन सकते हैं। जब इकोनॉमी बेहतर होती है तो लोगों के लिए अवसर पैदा होते हैं। देश के आर्थिक क्षेत्र में हमें इसे आगे ले जाना है।’’

‘आतंकवाद को मूकदर्शक बनकर नहीं देख सकते’

मोदी ने कहा, ‘‘भारत आतंक फैलाने वालों के खिलाफ मजबूती से लड़ रहा है। आतंकियों ने मानवता के खिलाफ युद्ध छेड़ा हुआ है। दुनिया से आतंकवाद को खत्म करने के लिए हमने बीड़ा उठाया है। कुछ लोगों ने हमारे पड़ोसी देशों में हमले किए। निर्दोषों को मौत के घाट उतार दिया। ऐसे में भारत मूकदर्शक बनकर नहीं बैठ सकता है। आतंक का माहौल बनाने वालों को खत्म करना है।’’

‘‘समय रहते रिफॉर्म्स की बहुत आवश्यकता होती है। सैन्य संसाधनों के रिफॉर्म्स पर काफी चर्चा हुई है। अनेक रिपोर्ट्स आई हैं। सभी रिपोर्ट्स एक ही समस्या को उजागर करती रही हैं। हमारे तीनों जल थल नभ तीनों में ही कॉर्डिनेशन तो है। किसी भी भारतीय को इसमें गर्व है। लेकिन आज जैसे दुनिया बदल रही है। आज जिस तरह तकनीक व्यवस्थाएं बन रही हैं। भारत को इसमें नहीं रुकना चाहिए। हमारी सेनाओं को एक साथ आगे बढ़ना होगा। जल थल नभ में एक आगे चले, दूसरा दो कदम पीछे हो ऐसा नहीं चल सकता। सबको साथ चलना होगा। आज मैं एक महत्वपूर्ण निर्णय की घोषणा करना चाहता हूं। चीफ ऑफ डिफेंस के पद का गठन करेंगे। इससे तीनों सेनाओं को प्रभावी नेतृत्व मिलेगा। इससे तीनों सेनाओं के लिए जो हमारा रिफॉर्म्स का सपना हो वो पूरा होगा।’’ 

‘’पूज्य बापू की 150वीं जयंती का वर्ष है। यह हमारे कालखंड में हमें मिले यह हमारा सौभाग्य है। 130 करोड़ देशवासियों के दिल में बापू के अनुरूप इस पर्व को प्रेरणा का अवसर बनाकर आगे बढ़ना है। 2019 में कुछ ही हफ्तों के बाद ओपन डिफेकेशन फ्री घोषित कर पाएगा। सभी ने इसके लिए आंदोलन शुरू किया। मेरे प्यारे देशवासियों आपके सामने मैं एक अपेक्षा रखना चाहता हूं। क्या हम सिंगल यूज प्लास्टिक से निजात पा सकते हैं। क्या हम सड़कों और गंदी जगहों पर पड़े सिंगल यूज प्लास्टिक को इकट्ठा करें और सभी पंचायत, नगर पालिका इन्हें 2 अक्टूबर को उठाएं और देश को प्लास्टिक मुक्त करने की तरफ पहला कदम उठाएं। जिसके कारण अनेक समस्याएं पैदा हो रही हैं, उससे मुक्ति के लिए हमें आगे आना होगा। मैं दुकानदारों से कहूंगा कि वे अपनी दुकान के आगे बोर्ड लगाएं कि अपने घर से कपड़े का थैला लेकर निकलें। क्यों न हम त्योहार लोगों को इस बार कपड़े का थैला गिफ्ट करें।’’

‘स्थानीय उत्पादों को प्राथमिकता दें’

मोदी ने कहा, ‘‘मेक इन इंडिया का जो मिशन जो हमने लिया है उसे हमे पूरा करना चाहिए। हमें प्रेरणा लेनी चाहिए कि मेरे देश में जो बनता है, वह मेरी प्राथमिकता होगी। हमें लकी कल के लिए लोकल प्रोडक्ट पर बल देना होगा। जो गांव में बनता है वो पहले। वहां से बाहर जाना पड़े तो तहसील में, नहीं तो जिले में। इससे हमारे लघु उद्योगों को कितना बल मिलेगा। देश की इकोनॉमी में इसके कारण हम मदद कर सकते हैं।’’

‘‘हमारा रूपे कार्ड आने वाले समय में अन्य देशों में भी दिखने वाला है। हमारे देश के छोटे-छोटे व्यापारों में भी हमें डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देना चाहिए। हमारे दुकानदार बोर्ड लगाते हैं आज नकद कल उधार। अब हमें बोर्ड लगाना चाहिए डिजिटल पेमेंट को हां, नकद को न।’’

मोदी चौथे नंबर पर पहुंचे 

इसी के साथ इस मुगलकालीन किले पर मोदी सबसे ज्यादा बार ध्वजारोहण करने के मामले में वे चौथे नंबर पर भी पहुंच गए। अटल बिहारी वाजपेयी (6) के बाद मोदी यह उपलब्धि हासिल करने वाले दूसरे गैर-कांग्रेसी नेता हैं। पहले नंबर पर देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू हैं, जिन्होंने 17 बार लाल किले से झंडा फहराया। दूसरे नंबर पर इंदिरा गांधी हैं, जिन्हें 16 बार यह मौका मिला। 10 मौकों के साथ मनमोहन सिंह तीसरे स्थान पर हैं।

मोदी के 5 सालों के भाषण पर नजर:

2014: 

मोदी का पहला स्वतंत्रता दिवस भाषण सरकार बनने के 100 दिनों के अंदर ही दिया। 65 मिनट के इस भाषण में उन्होंने संविधान निर्माताओं के प्रति आभार जताते हुए कहा कि इसी वजह से एक गरीब परिवार का बेटा प्रधानमंत्री बन सका। मोदी ने लाल किले से अपने पहले भाषण में ही स्वच्छ भारत अभियान और जनधन योजना का ऐलान किया। इसके अलावा कौशल विकास के लिए ‘स्किल इंडिया’ और घरेलू उत्पादन को बढ़ाने के लिए ‘मेक इन इंडिया’ योजना का भी ऐलान हुआ। 

2015:

स्वतंत्रता दिवस पर अपने दूसरे भाषण में मोदी ने करीब 34 बार टीम इंडिया शब्द का इस्तेमाल किया। इस बार उनका भाषण करीब 86 मिनट लंबा चला। इसमें उन्होंने जनधन योजना के प्रदर्शन की तारीफ की। साथ ही गरीबों के लिए कई अन्य योजनाओं का ऐलान किया। उन्होंने कृषि मंत्रालय का नाम बदलकर कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय कर दिया। इसके अलावा उन्होंने स्टार्टअप संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए ‘स्टार्टअप इंडिया’ स्कीम की शुरुआत की। भाषण के खात्में में उन्होंने 2022 तक हर व्यक्ति के लिए घर और बिजली का वादा किया। 

2016: 

96 मिनट का प्रधानमंत्री ने लोगों से स्वराज से सुराज्य की तरफ बढ़ने की बात कही। मोदी ने सरकारी व्यवस्थाओं में तेजी लाने का जिक्र किया और बताया कि अब टैक्स रिफंड महज एक से तीन हफ्ते में लौटा दिए जाते हैं। सड़क निर्माण और रिन्यूएबल एनर्जी में भी उन्होंने सरकार की उपलब्धियां गिनाईं। इसके अलावा उन्होंने देशभर में दो करोड़ शौचालय और 10 हजार गांवों के विद्युतीकरण की जानकारी दी। प्रधानमंत्री ने महिलाओं के लिए उज्ज्वला योजना का ऐलान किया। इसके अलावा महिलाओं के लिए मैटरनिटी लीव को बढ़ाकर 26 हफ्ते करने की भी घोषणा की।

मोदी ने जीएसटी को देश को मजबूती देने वाला सिस्टम बताया। उन्होंने पहली बार बलूचिस्तान, गिलगित और पीओके के लोगों की शुभकामनाओं के प्रति भी आभार जताया। प्रधानमंत्री ने माओवादी युवाओं से हथियार छोड़ने की अपील की। 

2017: 

मोदी का स्वतंत्रता दिवस पर चौथा भाषण थोड़ा छोटा रहा। 56 मिनट के इस भाषण में पहली बार उन्होंने ‘न्यू इंडिया’ विजन का जिक्र किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि अब लोगों को ‘चलता है’ का रवैया छोड़कर ‘बदल सकता है’ का रवैया अपनाना चाहिए। उन्होंने एक बार फिर जनधन योजना, गांवों में विद्युतीकरण में सरकार की उपलब्धियां गिनाईं। साथ ही बेनामी संपत्तियों के विरुद्ध की गईं कार्रवाइयों का जिक्र किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि कश्मीर की समस्या का समाधान कश्मीरी लोगों को गले लगाकर ही किया जा सकता है। उन्होंने इंस्टीट्यूट ऑफ इमिनेंस स्कीम का भी ऐलान किया। इसके तहत देशभर में 20 संस्थानों को विश्व स्तरीय बनाया जाना है।

2018

करीब 83 मिनट लंबा चला प्रधानमंत्री का यह भाषण उनके पहले कार्यकाल का आखिरी संबोधन था। इसे उनकी सरकार का रिपोर्ट कार्ड भी कहा गया। उन्होंने भाषण में 2016 की सर्जिकल स्ट्राइक के अलावा जीएसटी, स्वच्छ भारत अभियान और भारतीय पासपोर्ट की मजबूती की बात की। इसके अलावा उन्होंने नॉर्थईस्ट में सरकार द्वारा चलाए जा रहे विकास कार्यों का जिक्र किया। प्रधानमंत्री ने सरकार की आयुष्मान भारत-नेशनल हेल्थ प्रोटेक्शन स्कीम (एबी-एनएचपीएस) शुरू करने का ऐलान किया। इसके तहत करीब 10 करोड़ गरीब परिवारों को 5 लाख रुपए सालाना स्वास्थ्य बीमा दिया जाएगा। उन्होंने संसद में तीन तलाक बिल पेश करने का भी भरोसा दिया। मेघालय और त्रिपुरा के राज्यों से अफ्सपा हटाने पर भी बात की थी।

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