Chandigarh Mayor Election / AAP उम्मीदवार कुलदीप होंगे चंडीगढ़ के मेयर, सुप्रीम कोर्ट ने दिया आदेश

Zoom News : Feb 20, 2024, 05:21 PM
Chandigarh Mayor Election: सुप्रीम कोर्ट ने चंडीगढ़ मेयर चुनाव में AAP उम्मीदवार कुलदीप कुमार को विजेता घोषित किया. मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि रिटर्निंग आफिसर अनिल मसीह ने जो भी किया है वह लोकतांत्रिक नियमों के खिलाफ है. सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ के नेतृत्व वाली तीन सदस्यीय पीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए यह फैसला सुनाया. इससे पहले रिटर्निंग ऑफिसर अनिल मसीह कोर्ट के समक्ष पेश हुए. दोनों ओर से दलीलें दी गईं. सीजेआई ने भी साथी जजों जस्टिस मनोज मिश्रा और जस्टिस जेबी पारदीवाला के साथ बैलेट चेक किए और उन सभी 8 बैलेट पेपर को वैध माना जिन्हें रिटर्निंंग आफिसर द्वारा अवैध घोषित किया गया था.

सुप्रीम कोर्ट ने फैसले में कहा कि इस पूरे मामले में रिटर्निंग ऑफिसर स्पष्ट तौर पर दोषी हैं, बैलेट पेपर खराब नहीं किए गए थे, वे बाकायदा फोल्ड थे और रबर स्टैंप भी थी. इससे साफ है कि मसीह की भूमिका दो स्तर पर गलत है. पहला तो उन्होंने चुनाव खराब किया और दूसरा इस अदालत के सामने झूठ बोला. ऐसे में उनके खिलाफ कदम उठाया जाना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हमारा मानना हे कि जो मसीह ने निर्णय दिया है गिनती के बाद वह कानून के मुताबिक नहीं है.

पूर्ण न्याय का जिम्मा रखती है अदालत

सुप्रीम कोर्ट ने फैसले में कहा कि याचिका में ये अपील की गई है कि चुनाव नए सिरे से कराए जाएं. इसके अलावा अन्य राहत की भी मांग की गई है. हमारा मानना है कि चुनाव को रद्द कर दिया जाए. हालांकि अनिल मसीह की ओर से जो किया गया है वह लोकतांत्रिक नियमों के खिलाफ है. इसीलिए अदालत अनुच्छेद 142 के तहत पूर्ण न्याय करने का जिम्मा रखती है. यदि अमान्य करार दिए गए 8 वोटों को जोड़ लिया जाए तो आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार के पास कुल 20 वोट होते हैं. ऐसे में न्याय यही है कि मौजूदा चुनाव को बरकरार रखा जाए. ऐसे में साफ तौर पर आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार कुलदीप कुमार विजयी हैं.

SC ने रिटर्निंग ऑफिसर को लगाई थी फटकार

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को रिटर्निंग ऑफिसर अनिल मसीह को जमकर फटकार लगाई थी. कोर्ट ने चुनाव प्रक्रिया में हस्तक्षेप करने के आरोप में अनिल मसीह के खिलाफ मुकदमा चलाने की बात भी कही है. कोर्ट ने कहा कि नए सिरे से चुनाव कराने के बजाए 30 जनवरी को हुए मतदान के आधार पर ही चंडीगढ़ के मेयर का चुनाव होना चाहिए.

मेयर चुनाव में क्या हुआ था?

बता दें कि 30 जनवरी को चंडीगढ़ मेयर का चुनाव हुआ था. इस चुनाव में कांग्रेस-आप गठबंधन के पास कुल 20 वोट और भाजपा के पास 16 वोट थे. संख्या बल देखें तो आप और कांग्रेस के पक्ष में था लेकिन चुनाव बीजेपी जीत गई. दरअसल रिटर्निंग ऑफिसर ने कांग्रेस-आप गठबंधन के 8 वोटों को इनवैलिड यानी अमान्य करार दिया था और बीजेपी के मनोज सोनकर को विजेता घोषित किया था. इस पर काफी बवाल कटा. एक वीडियो भी शेयर किया गया और इसके आधार पर आरोप लगाया जा रहा था कि ऑफिसर अनिल मसीह ने बैलेट पेपर से छेड़छाड़ की.

नए सिरे से चुनाव की मांग

सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान जस्टिस पादरीवाला ने कहा कि मसीह ने कल जो बयान दिया था वह गलत था. वरिष्ठ वकील मनिंदर सिंह ने बेंच से कहा कि कृपया धारा 38(3) देखें, स्पष्ट तौर पर नए सिरे से चुनाव कराना चाहिए. याचिका में भी यही मांग की गई है. मनिंदर सिंह हाल ही में इस्तीफा देने वाले मेयर मनोज सोनकर की तरफ से कोर्ट में दलीले दे रहे हैं.

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