एयरटेल अपने ग्राहकों के लिए एक बड़ी सौगात लेकर आ रहा है और कंपनी ने देश के कई टेलीकॉम सर्किल में अपनी एडवांस्ड डुअल-मोड 5G सर्विस को रोल आउट करना शुरू कर दिया है, जिससे इंटरनेट की दुनिया में एक नई क्रांति आने की उम्मीद है। इस नई सेवा के माध्यम से यूजर्स को दोगुनी रफ्तार में इंटरनेट स्पीड का अनुभव मिलेगा, जो उनके डिजिटल जीवन को और भी सहज और तेज बना देगा। एयरटेल की यह पहल देश में 5G कनेक्टिविटी के विस्तार। और गुणवत्ता में सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
एयरफाइबर यूजर्स के लिए बेहतर कनेक्टिविटी
एयरटेल की यह एडवांस्ड 5G सर्विस डुअल-मोड नेटवर्क पर आधारित है, जिसका अर्थ। है कि इसमें नॉन-स्टैंडअलोन (NSA) और स्टैंडअलोन (SA) दोनों 5G नेटवर्क का एक्सेस मिलेगा। कंपनी ने हाल ही में अपनी अर्निंग इन्वेस्टर कॉल के दौरान इस डुअल-मोड 5G को रोल आउट करने का निर्णय लिया था। NSA नेटवर्क मौजूदा 4G इंफ्रास्ट्रक्चर का उपयोग करता है, जबकि SA नेटवर्क एक पूरी तरह से नया, समर्पित 5G कोर नेटवर्क होता है। इन दोनों के संयोजन से यूजर्स को 5G की अधिक स्थिर और विश्वसनीय इंटरनेट स्पीड मिलेगी, जिससे कनेक्टिविटी में उल्लेखनीय सुधार होगा। यह तकनीक यूजर्स को बिना किसी रुकावट के हाई-स्पीड इंटरनेट का अनुभव प्रदान करेगी, चाहे वे स्ट्रीमिंग कर रहे हों, गेम खेल रहे हों या बड़ी फाइलें डाउनलोड कर रहे हों।
कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर गोपाल विट्टल ने इस महत्वपूर्ण बदलाव की घोषणा करते हुए बताया कि एयरटेल के फिक्स्ड वायरलेस एक्सेस (FWA) ग्राहक, जिन्हें एयरफाइबर यूजर्स के नाम से भी जाना जाता है, उन्हें डुअल-मोड 5G में माइग्रेट किया जा रहा है। इस माइग्रेशन का सीधा लाभ एयरफाइबर यूजर्स को मिलेगा, क्योंकि उन्हें बेहतर कनेक्टिविटी और अधिक स्थिर इंटरनेट स्पीड मिलनी शुरू हो जाएगी और यह कदम उन ग्राहकों के लिए विशेष रूप से फायदेमंद होगा जो अपने घरों और व्यवसायों के लिए वायरलेस ब्रॉडबैंड समाधान पर निर्भर करते हैं, जिससे उन्हें एक निर्बाध और उच्च-गुणवत्ता वाला इंटरनेट अनुभव प्राप्त होगा।
पूरे भारत में रणनीतिक रोलआउट
एयरटेल ने देश के 13 टेलीकॉम सर्किल में डुअल-मोड 5G सर्विस रोल आउट करना शुरू कर दिया है। इसके साथ ही, कंपनी अन्य टेलीकॉम सर्किल में भी इस सेवा को शुरू करने की तैयारी कर रही है। यह चरणबद्ध रोलआउट सुनिश्चित करेगा कि देश के अधिक से अधिक हिस्सों में एडवांस्ड 5G कनेक्टिविटी का लाभ पहुंच सके। एयरटेल का लक्ष्य है कि जल्द ही देश के सभी प्रमुख क्षेत्रों में यह उन्नत नेटवर्क उपलब्ध हो, जिससे डिजिटल इंडिया के सपने को साकार करने में मदद मिलेगी। यह विस्तार योजना कंपनी की प्रतिबद्धता को दर्शाती है कि वह अपने। ग्राहकों को अत्याधुनिक तकनीक और सेवा प्रदान करने के लिए लगातार प्रयासरत है।
एयरटेल की 5G यात्रा बनाम प्रतिस्पर्धी
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि एयरटेल ने 2022 में अपने मौजूदा 4G इंफ्रास्ट्रक्चर पर ही NSA 5G सर्विस लॉन्च की थी। यह एक लागत-प्रभावी तरीका था जिससे कंपनी तेजी से 5G सेवाएं शुरू कर सकी। अब, कंपनी SA यानी स्टैंडअलोन 5G नेटवर्क को भी मौजूदा 4G के साथ रोल आउट कर रही है, जो एक अधिक मजबूत और भविष्य-उन्मुख 5G अनुभव प्रदान करेगा। वहीं, रिलायंस जियो ने पूरे भारत में SA यानी स्टैंडअलोन 5G सर्विस लॉन्च की थी, जो एक पूरी तरह से नया 5G कोर नेटवर्क था और nSA + SA नेटवर्क का संयोजन एयरटेल के ग्राहकों को 5G की अधिक स्थिर इंटरनेट स्पीड प्रदान करेगा, जिससे समग्र कनेक्टिविटी बेहतर होगी और यूजर्स को दोनों तकनीकों का सर्वोत्तम लाभ मिलेगा।
रिचार्ज योजनाओं में संभावित वृद्धि
एक अन्य महत्वपूर्ण खबर यह है कि टेलीकॉम कंपनियां, जिनमें एयरटेल और वोडाफोन-आइडिया शामिल हैं, अगले महीने यानी दिसंबर में अपने रिचार्ज प्लान महंगे कर सकती हैं। पिछले दिनों आई कई रिपोर्ट्स में टेलीकॉम कंपनियों ने एवरेज रेवेन्यू प्रति यूजर (ARPU) को बढ़ाने की सिफारिश की है और aRPU में वृद्धि कंपनियों के लिए परिचालन लागत को कवर करने और 5G नेटवर्क में किए गए भारी निवेश पर रिटर्न प्राप्त करने के लिए महत्वपूर्ण है। टेलीकॉम कंपनियों ने पिछले साल जुलाई में भी अपने रिचार्ज प्लान महंगे किए थे, जिससे सभी निजी टेलीकॉम कंपनियों के प्लान 20 से 25 प्रतिशत तक महंगे हो गए थे। हालांकि, एयरटेल और वोडाफोन-आइडिया की तरफ से प्लान महंगे करने की कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है, लेकिन यह संभावना बनी हुई है कि ग्राहकों को जल्द ही अधिक भुगतान करना पड़ सकता है और यह संभावित मूल्य वृद्धि ग्राहकों के लिए एक चिंता का विषय हो सकती है, खासकर ऐसे समय में जब वे बेहतर 5G सेवाओं की उम्मीद कर रहे हैं।