दुनिया / अलीबाबा, जैक मा को भारतीय कोर्ट ने भेजा समन, पूर्व कर्मचारी की शिकायत पर कार्रवाई

Zee News : Jul 26, 2020, 04:08 PM
नई दिल्ली: भारतीय अदालत ने अलीबाबा (Alibaba) और इसके संस्थापक जैक मा (Jack Ma) को सम्मन भेजते हुए कोर्ट मे हाजिर होने का आदेश दिया है। रॉयटर्स को मिले कागजातों के मुताबिक, एक पूर्व कर्मचारी ने अलीबाबा पर आरोप लगाया है कि उसने कंपनी द्वारा फैलाई जा रही फेक न्यूज और सेंसरशिप को लेकर आपत्ति जताई थी। जिस कारण उसे कंपनी से निकाल दिया गया है। इसी मामले में कोर्ट ने ये सम्मन जारी किया है।

यह केस उस घटना के हफ्तों बाद सामने आया है जब भारत सरकार ने चीनी सीमा (Indo-China Border) पर हिंसक झड़प के बाद सुरक्षा चिंताओं का हवाला देते हुए यूसी न्यूज (UC News), यूसी ब्राउजर (UC Browser) समेत कुल 59 चीनी ऐप्स पर भारत मे प्रतिबंध लगा दिया था। इस प्रतिबंध के बाद, जिसकी चीन ने आलोचना की थी, भारत सरकार ने उन कम्पनियों से लिखित में कई सवालों के जवाब मांगे हैं कि क्या वो कंटेंट को सेंसर करते हैं या किसी विदेशी सरकार के इशारे पर काम करते हैं आदि।

20 जुलाई को हुई अदालती कार्यवाही में यूसी वेब (UC web) के पूर्व कर्मचारी पुष्पेन्द्र सिंह परमार ने आरोप लगाया है कि कंपनी ऐसी खबरों को सेंसर करती थी, जो चीन के पक्ष में नहीं होती थीं, इसके अलावा इसके ऐप यूसी ब्राउजर और यूसी न्यूज सामाजिक और राजनैतिक उथलपुथल की वजह बनने वाली झूठी खबरों को भी दिखाते थे।

देश की राजधानी दिल्ली के सेटेलाइट टाउन गुड़गांव की जिला अदालत में सिविल जज सोनिया शिवखंड ने जैक मा के साथ-साथ अलीबाबा के एक दर्जन अधिकारियों को कोर्ट में खुद या वकील के जरिए 29 जुलाई को पेश होने को कहा है। समन के मुताबिक जज ने कंपनीय के अधिकारियों से 30 दिन के अंदर लिखित में जवाब देने को भी कहा है।

यूसी इंडिया (UC India) ने इस मामले मे बयान जारी करते हुए कहा है कि, ‘भारतीय बाजार और स्थानीय कर्मचारियों के कल्याण के लिए कंपनी की प्रतिबद्धता अटूट है और इसकी नीतियां स्थानीय कानून के मुताबिक ही बनाई गई हैं। हम इस मुकदमे के विषय में कोई भी टिप्पणी करने में असमर्थ हैं।’

अलीबाबा के प्रतिनिधियों ने जैक मा या कंपनी की तरफ से इस मुद्दे पर कोई भी कमेंट करने से इनकार कर दिया। यूसी वेब में एसोसिएट डायरेक्टर के पद पर गुरुग्राम ऑफिस में अक्टूबर 2017 तक कार्यरत रहे पुष्पेन्द्र सिंह परमार ने कंपनी से 2,68,000 डॉलर के हर्जाने की मांग की है, परमार के वकील अतुल अहलावत ने भी इस मामले में अभी कोई बयान देने से ये कहकर इनकार कर दिया कि मामला अभी कोर्ट में है।

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