- भारत,
- 22-Jun-2025 09:14 AM IST
USA-Iran War: मध्य पूर्व एक बार फिर युद्ध के मुहाने पर खड़ा है। अमेरिका ने ईरान पर एक बड़े सैन्य हमले को अंजाम दिया है, जिसमें ईरान की तीन प्रमुख परमाणु साइट्स – फोर्डो, नतांज और इस्फहान – को निशाना बनाकर तबाह कर दिया गया है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस हमले को अमेरिका की "शानदार सैन्य सफलता" बताते हुए कहा कि दुनिया को अब यह समझना चाहिए कि अमेरिका परमाणु आतंक को बर्दाश्त नहीं करेगा।
ट्रंप का बड़ा ऐलान: "परमाणु खतरे को खत्म करना था मकसद"
राष्ट्रपति ट्रंप ने राष्ट्र के नाम संबोधन में स्पष्ट किया कि यह हमला कोई अचानक लिया गया फैसला नहीं था, बल्कि यह ईरान के बढ़ते परमाणु खतरे को खत्म करने के लिए एक सोची-समझी रणनीति का हिस्सा था। उन्होंने कहा,
“ईरान ने बार-बार चेतावनी के बावजूद परमाणु बम बनाने की दिशा में काम जारी रखा। अब हम और इंतजार नहीं कर सकते थे। यह हमला उस खतरे को जड़ से मिटाने की शुरुआत है।”
ईरान की रणनीतिक हार: तीनों परमाणु प्लांट तबाह
अमेरिकी सेना ने दावा किया है कि ईरान की तीनों प्रमुख परमाणु साइटों पर की गई बमबारी अत्यंत सटीक और प्रभावी थी।
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फोर्डो, जो ईरान का सबसे सुरक्षित परमाणु केंद्र माना जाता है, जमीन से आधा मील नीचे स्थित है।
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नतांज और इस्फहान, दोनों उच्च संवेदनशील और परमाणु संवर्धन से जुड़े केंद्र थे।
बताया गया कि हमले में विशेष रूप से बी-2 स्पिरिट स्टील्थ बॉम्बर्स का इस्तेमाल किया गया, जिन्हें गुआम से रवाना किया गया था।
अमेरिका-इजराइल की संयुक्त कार्रवाई
ट्रंप ने इस अभियान में इजराइल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू की भूमिका की भी सराहना की। उन्होंने कहा,
“यह एक ऐसा संयुक्त ऑपरेशन था, जिसमें अमेरिका और इजराइल ने मिलकर वह कर दिखाया जो पहले कभी नहीं हुआ।”
इजराइली खुफिया जानकारी और अमेरिकी सैन्य ताकत के तालमेल से इस ऑपरेशन को अंजाम दिया गया।
चेतावनी: "अभी कई टारगेट बाकी हैं"
राष्ट्रपति ट्रंप ने ईरान को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा,
“अगर ईरान अब भी नहीं सुधरता, तो हम और भी बड़े हमले करेंगे। आज की रात अब तक की सबसे घातक थी, लेकिन भविष्य की रातें इससे भी भयावह हो सकती हैं।”
उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है जब ईरान को तय करना होगा – शांति या विनाश।
ईरान की प्रतिक्रिया पर निगाहें
अमेरिकी हमले के बाद अब सभी की नजरें ईरान की प्रतिक्रिया पर हैं। ईरान की सरकार और सेना अभी तक इस पर आधिकारिक बयान जारी नहीं कर पाई है। लेकिन यह तय है कि इस हमले ने ईरान की रणनीतिक ताकत को गहरी चोट दी है।