Reliance Power / अनिल अंबानी की फेवरेट कंपनी ने गाड़े झंडे, 3 महीने में छापा इतना पैसा

अनिल अंबानी की फेवरेट कंपनी रिलायंस पावर के अच्छे दिन लौट आए हैं। अप्रैल-जून तिमाही में कंपनी ने 44.68 करोड़ रुपए का मुनाफा कमाया, जबकि पिछले साल इसी तिमाही में घाटा था। खर्च घटा, प्रोजेक्ट्स मिले और शेयरों में 136% तक उछाल आया है। निवेशकों में जबरदस्त उत्साह है।

Reliance Power: अनिल अंबानी के लिए मौजूदा समय काफी शानदार रहा है। उनकी पसंदीदा कंपनी रिलायंस पावर न केवल लगातार बड़े ऑर्डर हासिल कर रही है, बल्कि घाटे से उबरकर मुनाफे की राह पर भी तेजी से बढ़ रही है। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही (अप्रैल-जून 2025) में कंपनी ने जबरदस्त प्रदर्शन किया है। जहां पिछले साल की समान अवधि में कंपनी को घाटा हुआ था, वहीं इस बार मुनाफा दर्ज किया गया है। इसके साथ ही कंपनी के खर्चों में भी कमी देखने को मिली है। आइए, रिलायंस पावर के तिमाही नतीजों और इसके कारोबारी प्रदर्शन पर एक नजर डालते हैं।

तिमाही नतीजों का शानदार प्रदर्शन

रिलायंस पावर ने चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही में 44.68 करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफा दर्ज किया है। कंपनी ने बताया कि खर्चों में कमी के कारण मुनाफे में यह बढ़ोतरी देखने को मिली है। पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में कंपनी को 97.85 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था।

कंपनी ने शेयर बाजार को दी गई सूचना में बताया कि इस तिमाही में उसकी कुल आय 2,025.31 करोड़ रुपये रही, जो पिछले साल की समान अवधि में 2,069.18 करोड़ रुपये थी। हालांकि, आय में मामूली कमी आई, लेकिन खर्चों में उल्लेखनीय कटौती ने मुनाफे को बढ़ाने में अहम भूमिका निभाई। इस तिमाही में कंपनी का कुल खर्च 1,953.01 करोड़ रुपये रहा, जो पिछले साल की समान अवधि में 2,142.51 करोड़ रुपये था।

कंपनी ने अपने बयान में यह भी बताया कि जून 2025 तक रिलायंस पावर की कुल वैल्यूएशन 16,431 करोड़ रुपये तक पहुंच चुकी है, जो कंपनी की मजबूत स्थिति को दर्शाता है।

बड़े प्रोजेक्ट्स और शानदार परिचालन

रिलायंस पावर के परिचालन पोर्टफोलियो में 5,305 मेगावाट की बिजली उत्पादन क्षमता शामिल है, जो इसे भारत की अग्रणी निजी क्षेत्र की बिजली उत्पादन कंपनियों में से एक बनाती है। कंपनी के उत्तर प्रदेश में स्थित 1,200 मेगावाट के रोसा पॉवर प्लांट ने इस तिमाही में 97% प्लांट लोड फैक्टर (पीएलएफ) हासिल किया, जो इसकी उच्च परिचालन दक्षता को दर्शाता है। इसके अलावा, मध्य प्रदेश में स्थित 3,960 मेगावाट की सासुन अल्ट्रा मेगा बिजली परियोजना ने 91% पीएलएफ हासिल किया।

इसके अतिरिक्त, रिलायंस पावर की सहायक कंपनी रिलायंस एनयू एनर्जीज को एसजेवीएन लिमिटेड से सबसे बड़ी आईएसटीएस-संबद्ध सौर और बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणाली (बीईएसएस) परियोजना मिली है। यह परियोजना कंपनी के नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में बढ़ते कदम को दर्शाती है।

शेयर बाजार में रिलायंस पावर की रफ्तार

रिलायंस पावर के शेयरों ने हाल के महीनों में निवेशकों को शानदार रिटर्न दिया है। शुक्रवार को कंपनी के शेयरों में करीब 1.5% की तेजी देखी गई। बीते छह महीनों में शेयरों में 57% की वृद्धि दर्ज की गई है। बीएसई के आंकड़ों के मुताबिक, 20 जनवरी 2025 को कंपनी का शेयर 40.83 रुपये पर था, जो 18 जुलाई 2025 तक बढ़कर 64.08 रुपये पर पहुंच गया।

अगर पिछले एक साल की बात करें तो रिलायंस पावर ने निवेशकों को मल्टीबैगर रिटर्न दिया है। 19 जुलाई 2024 को शेयर की कीमत 27 रुपये थी, जो अब 136% से अधिक की वृद्धि के साथ 64.08 रुपये पर पहुंच गई है। कंपनी के मजबूत तिमाही नतीजों के बाद सोमवार को शेयर बाजार में शेयरों में और उछाल देखने को मिल सकता है।