देश / अनिल देशमुख चौथी बार ईडी के समन भेजने के बाद भी नही हुए हाजिर, कहा जांच निष्पक्ष नहीं

Zoom News : Aug 02, 2021, 03:58 PM
मुंबई: अनिल देशमुख (Anil Deshmukh)आज भी ईडी (Enforcement Directorate-ED) कार्यालय में हाजिर नहीं हुए. अनिल देशमुख ने ईडी को फिर लिखा एक पत्र. पत्र में लिखा कि सुप्रीम कोर्ट में केस रहते समन कैसे भेजा जा सकता है.  उन्होंने ईडी को अवगत कराया है कि उनके द्वारा दायर की गई याचिका सुप्रीम कोर्ट में 3 अगस्त को सुनवाई के लिए रखी गई है. इसलिए वह अपना प्रतिनिधि भेज रहे हैं.  जांच के विषय की कॉपी देने की मांग पर अनिल देशमुख अड़े हुए हैं. अनिल देशमुख के वकील इंद्रपाल सिंह अनिल देशमुख का पत्र लेकर ईडी कार्यालय पहुंचे.

अनिल देशमुख को ईडी ने आज (सोमवार, 2 अगस्त) सुबह 11 बजे ईडी कार्यालय में हाजिर होने के लिए कहा था. अनिल देशमुख के अलावा उनके पुत्र ऋषिकेश देशमुख को भी समन जारी किया गया था और उन्हें भी पूछताछ के लिए बुलाया गया था. लेकिन पिता-पुत्र दोनों ही ईडी कार्यालय में हाजिर नहीं हुए और अपने वकील के हाथों अपना एक पत्र भेजवा दिया. ईडी द्वारा भेजा गया यह चौथी बार समन था जिसमें अनिल देशमुख पूछताछ के लिए हाजिर नहीं हुए.

भाजपा नेता किरिट सोमैया ने दी प्रतिक्रिया, शरद पवार और उद्धव ठाकरे से किया सवाल

अनिल देशमुख के ईडी कार्यालय में हाजिर ना होने की घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा नेता किरिट सोमैया (Kirit Somaiya, BJP Leader)  ने कहा कि अनिल देशमुख ईडी कार्यालय में इसलिए हाजिर नहीं हुए क्योंकि उनके मन में पाप है. ईडी के पास अनिल देशमुख के 1000 करोड़ की अवैध संपत्ति और 100 करोड़ के मनी ट्रेल का सबूत है. लेकिन मेरा सवाल शरद पवार (NCP Chief Sharad Pawar) और उद्धव ठाकरे (CM Uddhav Thackeray) जी से है. वो क्यों नहीं अनिल देंशमुख से ईडी के सामने हाजिर होने की सलाह दे रहे हैं?

बता दें कि अनिल देशमुख पर मनी लॉन्ड्रिंग, 100 करोड़ की हफ्ता वसूली और मंत्री बद का दुरुपयोग करने के आरोप हैं. अनिल देशमुख ने ईडी से पत्र लिख कर सवाल किया है कि सुप्रीम कोर्ट में केस चलते हुए समन कैसे जारी किया जा सकता है. जबकि ED का तर्क है कि कोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग पर कार्रवाई रोकने से इनकार किया है. सुप्रीम कोर्ट ने ईडी को दंडात्मक कार्यावाही ना करने के आदेश देने से भी इनकार किया है.

अब तक क्या-क्या हुआ?

इससे पहले भी अनिल देशमुख को तीन बार समन भेजा गया था. उन तीनों समन में भी वो हाजिर नहीं हुए थे. 100 करोड़ रुपए की वसूली रैकेट को लेकर अप्रैल में देशमुख ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. इससे पहले ईडी ने 25 जून को अनिल देशमुख के नागपुर और मुंबई स्थित घरों और अलग-अलग ठिकानों पर छापेमारी शुरू की थी. इसके बाद अनिल देशमुख के पीए कुंदन शिंदे और पीएस संजीव पलांडे को गिरफ्तार किया था. इसके बाद ईडी ने अनिल देशमुख को समन्स भेजे थे. लेकिन अनिल देशमुख ने स्वास्थ्य कारणों और कोरोना का हवाला देकर जांच और पूछताछ ऑनलाइन किए जाने की मांग की थी.

इस बीच अनिल देशमुख सर्वोच्च न्यायालय चले गए. उन्होंने एक याचिका दाखिल कर के 100 करोड़ वसूली प्रकरण में जांच और पूछताछ पर रोक लगाने की अपील की. उन्होंने सीबीआई और ईडी जांच पर कुछ सवाल उठाए. इसकी सुनवाई 3 अगस्त को होने की संभावना है. इस बीच ईडी ने देशमुख के खिलाफ पीएमएलए (Prevention of Money Laundering Act- PMLA) कानून के तहत जांच शुरू रखी.

क्या है वसूली का पूरा मामला?

ईडी ने दावा किया कि अनिल देशमुख ने राज्य के गृहमंत्री के पद पर बने रहते मुंबई के तत्कालीन सहायक पुलिस निरीक्षक सचिन वाजे (Sachin Waze) के माध्यम से अलग-अलग आर्केस्ट्रा बार मालिकों से करीब 4.70 करोड़ रुपए वसूल किए हैं. आगे, दिल्ली स्थित डमी कंपनी के माध्यम से देशमुख परिवार ने 4.18 करोड़ रुपए को लगा दिया. इसके बाद यह रकम श्री साईं शिक्षण संस्थान नाम के ट्रस्ट में दिखाकर काला पैसा को सफेद करने की कोशिश की गई. यह ट्रस्ट देशमुख परिवार चलाता है.

ईडी द्वारा दी गई जानकारियों के मुताबिक मुंबई के वरली में स्थित फ्लैट अनिल देशमुख की पत्नी आरती देशमुख के नाम पर है. इस फ्लैट का पूरा पेमेंट 2004 में किया गया है. लेकिन इस फ्लैट का एग्रीमेंट पेपर फरवरी 2020 में किया गया है. इसके बाद देशमुख परिवार ने मेसर्स प्रीमियर पोर्ट लिंक्स प्राइवेट लिमिटेड में 50 प्रतिशत शेयर लिए हैं. इसके अलावा कंपनी की प्रॉपर्टी यानी जमीन और दुकान जिनकी बाजार में कीमत 5.34 करोड़ है वो भी देशमुख परिवार ने 17.95 लाख रुपए देकर अपने नाम कर ली है. ईडी इस प्रकरण की भी आगे की जांच कर रहा है.

अनिल देशमुख के बेटों के कंट्रोल में हैं कई कंपनियां

ईडी को ऐसी 11 कंपनियों के बारे में पता चला है जो की अनिल देशमुख के बेटों सलिल और ऋषिकेश के सीधे कंट्रोल में है. साथ ही 13 ऐसी कंपनियां हैं जो अनिल देशमुख के बेटों और परिवार से किसी ना किसी तौर से जुड़े लोगों के द्वारा चलाई जाती हैं . ईडी की जांच में ये बात सामने आई है कि इन कंपनियों के बीच में लगातार ट्रांजैक्शंस हुए हैं. ऐसी ही कंपनियों में से एक में डायरेक्टर विक्रम शर्मा ने बताया कि qubix हॉस्पिटैलिटी सहित अन्य कई कंपनियों का कंट्रोल ऋषिकेश देशमुख के पास है. अनिल देशमुख के सीए प्रकाश रमानी ने भी ईडी के सामने यह बताया है कि जिन कंपनियों की जानकारी ईडी के पास आई है ये सभी कंपनियां सीधे तौर पर या अप्रत्यक्ष तरीके से देशमुख परिवार से जुड़ी हुई हैं.

SUBSCRIBE TO OUR NEWSLETTER