China-US / डोनाल्ड ट्रंप ने चीन को दिया बड़ा झटका, डिजिटल स्ट्राइक कर इन ऐप्स पर लगाया बैन

Zoom News : Jan 06, 2021, 10:51 AM
China-US: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने व्हाइट हाउस से विदा होने से पहले चीन (China) को एक और झटका दिया है। उन्होंने Alipay, WeChat Pay सहित कुछ अन्य चीनी ऐप्स पर प्रतिबंध (Digital Strike on China) लगा दिया है। अमेरिका ने बैन की वजह बताते हुए कहा है कि ये ऐप्स यूजर्स की जानकारी चीन की कम्युनिस्ट सरकार को सौंप सकते हैं। राष्ट्रपति चुनाव में हार के बाद से अब तक डोनाल्ड ट्रंप चीन के खिलाफ कई कदम उठा चुके हैं। लिहाजा, संभव है कि 20 जनवरी से पहले ऐसे कुछ और निर्णय देखने को मिलें। 

Jo Biden से नहीं की चर्चा

व्हाइट हाउस की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि प्रतिबंध संबंधी कार्यकारी आदेश आगे 45 दिनों में प्रभावी हो जाएगा। यहां गौर करने वाली बात ये है कि चीनी ऐप्स पर बैन लगाने से पहले डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) प्रशासन ने नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडेन से कोई चर्चा नहीं की। प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि आदेश और उसके कार्यान्वयन पर टीम बाइडेन के साथ चर्चा नहीं की गई है।

इस वजह से लगाया Ban

इससे पहले, डोनाल्ड ट्रंप ने चीनी कंपनी ByteDance के स्वामित्व वाले ऐप TikTok पर भी प्रतिबंध लगाया था। ताजा प्रतिबंधों के बारे में प्रशासन की तरफ से कहा गया है कि Alipay, WeChat Pay सहित कुछ अन्य चीनी ऐप्स को बड़ी संख्या में डाउनलोड किया जा रहा था, जिससे व्यापक स्तर पर डेटा के दुरुपयोग की आशंका पैदा हो गई थी। इसे ध्यान में रखते हुए संबंधित ऐप्स को बैन कर दिया गया है।

इन Apps पर हुई कार्रवाई

अमेरिका ने जिन ऐप्स पर बैन लगाया है, उनमें Alipay, CamScanner, QQ Wallet, SHAREit, Tencent QQ, VMate, WeChat Pay and WPS Office शामिल हैं। इसके अलावा, ट्रंप ने वाणिज्य सचिव को इस बात की समीक्षा करने के लिए कहा है कि और किन ऐप को प्रतिबंधित सूची में शामिल किया जा सकता है। यानी आने वाले दिनों में चीन के खिलाफ एक और अमेरिकी स्ट्राइक देखने को मिल सकती है।

India बना दूसरों के लिए प्रेरणा

चीन ऐप्स के खिलाफ कार्रवाई में अमेरिका सहित दूसरे देशों के लिए भारत प्रेरणा है। लद्दाख हिंसा के बाद मोदी सरकार ने सख्त कदम उठाते हुए कई चीनी ऐप्स पर प्रतिबंध लगाए थे। जिसके बाद अमेरिका में भी इसी तरह के बैन की मांग होने लगी थी। कुछ अमेरिकी सांसदों ने बाकायदा भारत के इस कदम की सराहना हुए कहा था कि US को भी सख्त फैसले लेने चाहिए। भारत की कार्रवाई के बाद ही दुनिया को यह समझ आया कि चीन अपने ऐप्स के जरिये जासूसी को अंजाम देता है। 

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