इंडिया / अनुच्छेद 370 जनता की आकांक्षा पर खरा उतरा, घाटी के लोग सरकार के कदम से खुश: प्रकाश जावड़ेकर

News18 : Oct 06, 2019, 06:49 PM
नई दिल्ली | सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर (Prakash Javadekar) ने जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) को लेकर कहा कि हालात सामान्य हैं और अनुच्छेद 370 (Article 370) के प्रावधानों को समाप्त किए जाने से वहां के लोग खुश हैं. क्योंकि उन्हें अब शेष देश के नागरिकों की तरह ही फायदे और अधिकार मिलेंगे.

प्रकाश जावड़ेकर (Prakash Javadekar) ने कहा कि घाटी में मीडिया (Media) पर किसी तरह की पाबंदी नहीं है और बिना किसी कठिनाई के अखबारों का प्रकाशन किया जा रहा है. उन्होंने विपक्ष के इस आरोप को खारिज कर दिया कि बीजेपी हरियाणा और महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों से पहले जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को वापस लेने के फैसले को चुनावी मुद्दे की तरह इस्तेमाल कर रही है.

कश्मीर के लोगों को अब सरकारी नौकरियों का मिलेगा फायदा

जावड़ेकर ने कहा, ‘अनुच्छेद 370 जनता की आकांक्षा पर खरा उतरा है. पूरे देश में लोग इसका स्वागत कर रहे हैं.’ उन्होंने कहा, ‘घाटी के लोग सरकार के कदम का स्वागत कर रहे हैं. वे इस कदम का स्वागत कर रहे हैं जो उन्हें फायदा पहुंचाएगा.’ जावड़ेकर ने कहा कि जम्मू कश्मीर के लोगों को अब सभी सरकारी योजनाओं का लाभ मिलेगा जो उन्हें अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को समाप्त किये जाने से पहले नहीं मिल रहे थे.

उन्होंने कहा, ‘शिक्षा के अधिकार के तहत आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के 25 प्रतिशत छात्रों को प्रवेश मिलेगा. यह जम्मू कश्मीर पर लागू नहीं था, लेकिन अब लागू होगा. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जम्मू कश्मीर की जनता को अन्य पिछड़ा वर्गों (ओबीसी) के लिए अनेक योजनाओं के लाभ नहीं मिलते थे, लेकिन अब उन्हें ये फायदे मिलेंगे. इसी तरह अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति को राज्य में कोई राजनीतिक आरक्षण नहीं मिलता था लेकिन अब वह भी मिलेगा.

जावड़ेकर ने कहा, ‘गृह मंत्री ने 126 कानूनों की सूची दी जो कश्मीर में लागू नहीं होते लेकिन अब वहां लागू हैं. लोग इनका फायदा उठा रहे हैं और इसलिए वे खुश हैं. कश्मीर घाटी, जम्मू तथा लद्दाख में अब सभी केंद्रीय योजनाएं लागू हैं.’ उन्होंने कहा कि पाकिस्तान अनुच्छेद 370 की वजह से ही जम्मू कश्मीर में पिछले 50-60 साल से अलगाववाद को बढ़ावा देता रहा है.

जावड़ेकर ने कहा, ‘इसी प्रावधान की वजह से अलगाववाद और आतंकवाद बढ़े. अब दोनों समाप्त हो चुके हैं.’ उन्होंने अंतरराष्ट्रीय मीडिया के एक वर्ग में कश्मीर में मानवाधिकार उल्लंघन को लेकर लग रहे आरोपों को भी खारिज कर दिया. उन्होंने कहा, ‘देश के मीडिया को सच सामने रखना होगा.’ जावड़ेकर ने इन दावों को भी खारिज कर दिया कि बच्चे स्कूल नहीं जा रहे. उन्होंने कहा कि सरकारी और निजी दोनों तरह के स्कूलों में छात्र हैं.

उन्होंने कहा, ‘केवल आठ थाना क्षेत्रों में धारा 144 लगी है, अन्यथा कोई भी बात नहीं है. पहले दो महीने में गोलीबारी की कोई घटना नहीं हुई और कोई आम नागरिक हताहत नहीं हुआ.’ कश्मीर में मीडिया की आजादी पर उन्होंने कहा कि भारत में मीडिया की आजादी पर केवल आपातकाल में एक बार हमला हुआ था. उन्होंने कहा, ‘हम नाराज थे. पूरा देश इसके लिए लड़ा. हमारे संघर्षों की वजह से ही प्रेस की आजादी मूल स्वरूप में आई. हम प्रेस, संगठनों और बोलने की आजादी के लिए 16 महीने तक जेल में रहे. जहां तक कश्मीर का सवाल है, तो ऐसी कोई बात नहीं है.’

केवल 8 थाना क्षेत्रों में धारा 144 लागू

सूचना प्रसारण मंत्री ने कहा, ‘कश्मीर सभी चैनलों, अखबारों के लिए है. वे सभी जगहों पर जा रहे हैं. केवल आठ थाना क्षेत्रों में धारा 144 लागू है. इसके अलावा कोई पाबंदी नहीं है.’ उन्होंने कहा कि केवल मोबाइल कनेक्टिविटी का मुद्दा है जिसके लिए उन्होंने उच्चतम न्यायालय की इस टिप्पणी का हवाला दिया कि राष्ट्रीय सुरक्षा सबसे पहले आती है. कश्मीर में हिरासत में लिये गये नेताओं को छोड़ने की समय-सीमा के सवाल पर सीधा जवाब नहीं देते हुए जावड़ेकर ने कहा, ‘गृह मंत्री हमें जानकारी देते रहते हैं.’

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