Delhi / बाबा रामदेव का बदला मूड, अब लगवाएंगे कोरोना वैक्सीन, डॉक्टरों को बताया देवदूत

Zoom News : Jun 11, 2021, 06:38 AM
Delhi: ऐलोपैथी बनाम आयुर्वेद की जंग के बीच बाबा रामदेव इन दिनों एक बार फिर चर्चा में हैं। योग गुरु ने कहा था कि उन्हें कोरोना वैक्सीन की जरूरत इसलिए नहीं है कि क्योंकि उनके पास योग और आयुर्वेद का संरक्षण है। गुरुवार को अपने पहले के बयानों से पलटी मारते हुए स्वामी रामदेव ने कहा कि वे कोरोना की वैक्सीन लगवाने के लिए तैयार हैं। उन्होंने डॉक्टरों को देवदूत भी बताया। 

बाबा रामदेव ने कोरोना संक्रमण पर एलोपैथ की दवाइयों के साइड इफेक्ट को लेकर विवादित बयान दिया था, जिसकी पर बहस शुरू हो गई थी। मेडिकल सेक्टर के लोग बाबा रामदेव से नाराज हो गए थे। जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि 21 जून से सभी को मुफ्त कोरोना वैक्सीन लगेगी तो स्वामी रामदेव ने कहा कि यह एक स्वागत योग्य कदम है, सभी को कोरोना वैक्सीन लगवानी चाहिए।

उत्तराखंड के हरिद्वार में मीडिया को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि कोरोना वैक्सीन की दो डोज लगवाने के बाद योग और आयुर्वेद से डबल प्रोटेक्शन का लाभ लें। इससे कोरोना से जंग में एक भी व्यक्ति की मौत नहीं होगी। 

डॉक्टरों को बताया देवदूत

जब उनसे यह सवाल किया गया कि कब आप वैक्सीन लगवाएंगे तो उन्होंने कहा कि बहुत जल्द। बाबा रामदेव ने एलोपैथिक डॉक्टरों की प्रशंसा की साथ ही उन्हें देवदूत बताया। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) के साथ चल रहे टकराव पर, बाबा रामदेव ने कहा कि उनकी किसी भी संगठन से कोई दुश्मनी नहीं हो सकती है। उन्होंने कहा कि वह दवाओं के नाम पर लोगों के शोषण के खिलाफ थे।

बाबा रामदेव ने कहा कि प्रधान मंत्री जन औषधि केंद्र खोलने पड़े क्योंकि कई डॉक्टरों में जेनेरिक दवाओं के स्थान पर महंगी दवाएं लिखने की प्रवृत्ति है, जो कि असल में बहुत सस्ती हैं।


नहीं हूं किसी संगठन के खिलाफ!

बाबा रामदेव ने कहा, 'किसी संगठन के खिलाफ नहीं हूं। अच्छे डॉक्टर वरदान हैं। वे पृथ्वी पर परमेश्वर के दूत हैं। लेकिन कुछ डॉक्टर गलत काम कर सकते हैं उन्होंने यह भी कहा कि आपातकालीन उपचार और सर्जरी के लिए एलोपैथी सबसे अच्छी है।


योग गुरु ने कहा कि जब आपातकालीन उपचार और सर्जरी की बात आती है, तो एलोपैथी सबसे अच्छी है। इसके बारे में दो राय नहीं हो सकती। स्वामी रामदेव के हालिया बयानों को देखें तो उनके खिलाफ सभी डॉक्टर्स भड़क गए थे।  

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