बीबीसी के शीर्ष नेतृत्व में एक बड़ा बदलाव आया है, क्योंकि डायरेक्टर-जनरल टिम डेवी और न्यूज सीईओ डेबोरा टर्नेस ने अपने पदों से इस्तीफा दे दिया है। यह फैसला डोनाल्ड ट्रंप के एक भाषण को एडिट करने वाली पैनोरामा डॉक्यूमेंट्री से जुड़े विवाद के बाद आया है, जिसने संगठन की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े कर दिए थे और दोनों अधिकारियों ने शाम 6 बजे सभी बीबीसी कर्मचारियों को अलग-अलग ईमेल भेजकर अपने इस्तीफे की घोषणा की, जिससे बीबीसी के भीतर और बाहर दोनों जगह हलचल मच गई।
डायरेक्टर-जनरल टिम डेवी का इस्तीफा
टिम डेवी, जिन्होंने बीबीसी में 20 साल तक सेवा दी, ने अपने इस्तीफे की घोषणा करते हुए कहा कि यह पूरी तरह से उनका अपना निर्णय है। उन्होंने अपने बयान में स्वीकार किया कि कुल मिलाकर बीबीसी अच्छा काम कर रहा। है, लेकिन कुछ गलतियां हुई हैं, और बतौर डायरेक्टर-जनरल, इसकी अंतिम जिम्मेदारी उनकी है। डेवी ने बोर्ड और चेयर के प्रति उनके पूरे कार्यकाल के दौरान, जिसमें। हाल के चुनौतीपूर्ण दिन भी शामिल हैं, लगातार समर्थन के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने यह भी बताया कि वह बोर्ड के साथ मिलकर आने वाले महीनों में अपने उत्तराधिकारी को जिम्मेदारी सौंपने के लिए एक सुचारु परिवर्तन सुनिश्चित करने पर काम कर रहे हैं। अपने 20 साल के कार्यकाल में, टिम डेवी ने मार्केटिंग, कम्युनिकेशन और ऑडियंस डायरेक्टर, ऑडियो और म्यूजिक डायरेक्टर, एक्टिंग डायरेक्टर-जनरल और बीबीसी स्टूडियोज के सीईओ जैसे कई महत्वपूर्ण पदों पर काम किया था, जो बीबीसी के प्रति उनकी गहरी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
न्यूज सीईओ डेबोरा टर्नेस का बयान
न्यूज की सीईओ डेबोरा टर्नेस ने भी अपने इस्तीफे का ऐलान करते हुए कर्मचारियों के प्रति अपनी प्रशंसा व्यक्त की। उन्होंने कहा कि उन्हें कभी भी उनके रोज़ाना किए जाने वाले कामों पर इससे अधिक गर्व महसूस नहीं हुआ और उन्होंने कर्मचारियों को 'सर्वश्रेष्ठ में से सर्वश्रेष्ठ' बताया और टर्नेस ने स्पष्ट किया कि उन्होंने यह मुश्किल निर्णय इसलिए लिया है क्योंकि राष्ट्रपति ट्रंप पर बनी पैनोरामा डॉक्युमेंट्री को लेकर चल रहा विवाद अब उस स्तर तक पहुंच गया है जहां यह बीबीसी — उस संस्था जिससे वह बेहद प्रेम करती हैं — को नुकसान पहुंचा रहा है। उन्होंने बीबीसी न्यूज और करंट अफेयर्स की सीईओ के रूप में अंतिम जिम्मेदारी स्वीकार की और इसी वजह से उन्होंने डायरेक्टर-जनरल को अपना इस्तीफा सौंपने का निर्णय लिया और डेबोरा टर्नेस ने जोर देकर कहा कि लीडर्स को पूरी तरह जवाबदेह होना चाहिए, और यही कारण है कि वह पद छोड़ रही हैं। हालांकि, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि हाल में लगाए गए यह आरोप कि बीबीसी न्यूज संस्थागत रूप से पक्षपाती है, गलत हैं, भले ही कुछ गलतियां हुई हों।
बीबीसी चेयर सैमिर शाह का बयान
बीबीसी के चेयर सैमिर शाह ने इस घटनाक्रम पर एक बयान जारी किया, जिसमें उन्होंने इसे 'बहुत मुश्किल दिन' बताया। उन्होंने टिम डेवी और डेबोरा टर्नेस दोनों के प्रति उनकी निष्ठा, मेहनत और बीबीसी के प्रति समर्पण के लिए हार्दिक धन्यवाद व्यक्त किया। शाह ने कहा कि यह बीबीसी के लिए एक दुखद दिन है और टिम पिछले 5 सालों से एक शानदार डायरेक्टर-जनरल रहे हैं। उन्होंने स्वीकार किया कि टिम पर व्यक्तिगत और प्रोफेशनल दोनों तरह का लगातार दबाव रहा है, जिसकी वजह से उन्होंने यह निर्णय लिया। शाह ने टिम के नेतृत्व में बीबीसी की कई उपलब्धियों को रेखांकित किया, खासकर ऐसे समय में जब दुनिया तेजी। से बदल रही है और प्रतिस्पर्धा बढ़ रही है, बीबीसी ने खुद को उस चुनौती के अनुरूप ढालना शुरू किया। उन्होंने डेबोरा टर्नेस को भी धन्यवाद दिया, जिन्होंने पिछले 3 वर्षों में बीबीसी न्यूज का नेतृत्व किया और पूरे न्यूज विभाग में बदलाव लाने के लिए सच्ची लगन के साथ काम किया।
ट्रंप कनेक्शन और विवाद की जड़
इन इस्तीफों का सीधा संबंध बीबीसी की पैनोरामा डॉक्युमेंट्री से है, जिस पर आरोप लगे थे कि उसने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भाषण को एडिट करके दर्शकों को गुमराह किया। द टेलीग्राफ अखबार ने सोमवार को एक लीक हुए बीबीसी के आंतरिक मेमो का खुलासा किया था, जिसमें दावा किया गया था कि पैनोरामा कार्यक्रम ने ट्रंप के 6 जनवरी 2021 को कैपिटल हिल दंगे से जुड़े भाषण के दो हिस्सों को इस तरह से जोड़ा था जिससे यह लगे कि उन्होंने दंगे को भड़काया। इस लीक मेमो ने विवाद को और गहरा कर दिया और बीबीसी पर दबाव बढ़ा दिया।
**भाषण में क्या हुआ था विवाद?
विवादित संपादन ट्रंप के 6 जनवरी 2021 को वाशिंगटन डीसी में दिए गए भाषण से संबंधित था। मूल भाषण में ट्रंप ने कहा था: "हम कैपिटल तक जाएंगे और अपने बहादुर सीनेटरों, कांग्रेसियों और महिलाओं का उत्साह बढ़ाएंगे। " लेकिन पैनोरामा के एडिटेड संस्करण में इसे इस तरह दिखाया। गया: "हम कैपिटल तक पैदल चलेंगे… और मैं वहां तुम्हारे साथ रहूंगा। और हम लड़ेंगे और हम जी-जान से लड़ेंगे। " असल में, ये दोनों हिस्से मूल भाषण में लगभग 50 मिनट के अंतर पर बोले गए थे और आंतरिक मेमो के सार्वजनिक होने के बाद बीबीसी की आलोचना तेज हो गई, यहां तक कि व्हाइट हाउस ने भी बीबीसी को "100% फेक न्यूज" कहा। मेमो में बीबीसी अरबी सेवा की इजराइल-गाजा युद्ध कवरेज में 'सिस्टमेटिक बायस' (व्यवस्थित पक्षपात) की शिकायतों पर कोई। कार्रवाई न होने की चिंता भी जताई गई थी, जिससे बीबीसी की निष्पक्षता पर सवाल और गहरे हो गए।
डोनाल्ड ट्रंप की प्रतिक्रिया
डोनाल्ड ट्रंप ने रविवार को इन इस्तीफों पर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि बीबीसी के शीर्ष अधिकारी इस्तीफा दे रहे हैं या निकाले जा रहे हैं क्योंकि वे उनके 6 जनवरी के भाषण को तोड़-मरोड़ कर दिखाते पकड़े गए। ट्रंप ने आगे लिखा कि ये "बहुत बेईमान लोग हैं जिन्होंने राष्ट्रपति चुनाव को प्रभावित करने की कोशिश की और लोकतंत्र के लिए यह एक बहुत भयानक बात है! " ट्रंप की यह प्रतिक्रिया इस पूरे विवाद को एक राजनीतिक आयाम देती है, जिसमें मीडिया की भूमिका और उसकी निष्पक्षता पर गंभीर सवाल उठाए गए हैं और यह घटना बीबीसी के इतिहास में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकती है, जो उसके संपादकीय मानकों और सार्वजनिक विश्वास को बनाए रखने की चुनौती को उजागर करती है।