SJ-100 Civil Jet / भारत और रूस मिलकर बनाएंगे सिविल जेट SJ-100, HAL और UAC ने मिलाया हाथ

हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) और रूस की PJSC-UAC ने सिविल कम्यूटर विमान SJ-100 के उत्पादन के लिए एक ऐतिहासिक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। यह समझौता भारत में पूर्ण यात्री विमान के निर्माण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है और 'आत्मनिर्भर भारत' पहल को बढ़ावा देगा।

भारत के विमानन उद्योग के लिए एक ऐतिहासिक क्षण में, हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) और रूस की पब्लिक जॉइंट स्टॉक कंपनी यूनाइटेड एयरक्राफ्ट कॉरपोरेशन (PJSC-UAC) ने सिविल कम्यूटर विमान SJ-100 के उत्पादन के लिए एक महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। यह संधि 27 अक्टूबर 2025 को मॉस्को, रूस में संपन्न हुई, जो दोनों देशों के बीच मजबूत रक्षा और अब नागरिक विमानन सहयोग का प्रतीक है।

समझौते के प्रमुख बिंदु

इस ऐतिहासिक एमओयू पर HAL की ओर से प्रभात रंजन। और PJSC-UAC, रूस की ओर से ओलेग बोगोमोलोव ने हस्ताक्षर किए। इस महत्वपूर्ण अवसर पर HAL के सीएमडी डॉ. डी. के और सुनील और PJSC-UAC के डायरेक्टर जनरल वादिम बडेका भी उपस्थित थे। यह समझौता भारत में सिविल विमानन क्षेत्र को मजबूत करने और क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने की दिशा में एक बड़ा कदम है। इस पार्टनरशिप के तहत, हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड को घरेलू ग्राहकों के लिए SJ-100 विमान। का उत्पादन करने का अधिकार मिलेगा, जिससे भारत की विनिर्माण क्षमताओं में उल्लेखनीय वृद्धि होगी।

SJ-100 विमान की विशेषताएं

SJ-100 एक ट्विन-इंजन, नैरो-बॉडी विमान है, जिसे विशेष रूप से क्षेत्रीय उड़ानों के लिए डिज़ाइन किया गया है और इसकी विश्वसनीयता और दक्षता का प्रमाण इस बात से मिलता है कि 200 से अधिक यूनिट्स पहले ही तैयार किए जा चुके हैं और वर्तमान में 16 से अधिक कमर्शियल एयरलाइन ऑपरेटर इसका सफलतापूर्वक संचालन कर रहे हैं। यह विमान अपनी श्रेणी में अग्रणी प्रदर्शन और परिचालन लागत प्रदान करता है, जो इसे भारतीय बाजार के लिए एक आदर्श विकल्प बनाता है। इसकी उन्नत एवियोनिक्स और यात्री सुविधाएँ इसे क्षेत्रीय मार्गों पर। यात्रियों के लिए एक आरामदायक और सुरक्षित विकल्प बनाती हैं।

भारत के लिए गेम चेंजर

यह विमान भारत सरकार की महत्वाकांक्षी UDAN योजना के तहत शॉर्ट-हॉल कनेक्टिविटी के लिए एक गेम चेंजर साबित होने की क्षमता रखता है और uDAN योजना का उद्देश्य देश के दूरदराज के क्षेत्रों को हवाई मार्ग से जोड़ना है, और SJ-100 की क्षमताएं इस लक्ष्य को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं। विमानन विशेषज्ञों का अनुमान है कि आने वाले दस वर्षों में भारतीय एविएशन सेक्टर को क्षेत्रीय कनेक्टिविटी के लिए इस श्रेणी के 200 से अधिक जेट की आवश्यकता होगी। इसके अतिरिक्त, इंडियन ओशन क्षेत्र में पास के अंतरराष्ट्रीय पर्यटन स्थलों को सेवा देने के। लिए 350 अतिरिक्त विमानों की जरूरत होगी, जिससे SJ-100 के लिए एक बड़ा बाजार उपलब्ध होगा।

आत्मनिर्भर भारत की दिशा में महत्वपूर्ण कदम

हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड और यूनाइटेड एयरक्राफ्ट कॉरपोरेशन के बीच यह सहयोग। भारत में पूर्ण यात्री विमान का उत्पादन करने का पहला अवसर होगा। इससे पहले, HAL ने 1961 में AVRO HS-748 का उत्पादन शुरू किया था, जिसे 1988 में बंद कर दिया गया था। यह नया समझौता भारत के विमानन उद्योग में एक नए युग की शुरुआत का प्रतीक है, जो 'आत्मनिर्भर भारत' के सपने को साकार करने की दिशा में एक मजबूत कदम है। यह उत्पादन से न केवल निजी क्षेत्र को मजबूती मिलेगी, बल्कि विमानन उद्योग में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे, जिससे देश की अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी।

भविष्य की संभावनाएं और रणनीतिक महत्व

यह साझेदारी केवल विमान उत्पादन तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह भारत को वैश्विक विमानन आपूर्ति श्रृंखला में एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी के रूप में स्थापित करने में भी मदद करेगी और तकनीकी हस्तांतरण और स्थानीयकरण के माध्यम से, भारत अपनी स्वदेशी विमानन क्षमताओं को बढ़ाएगा और भविष्य में अपने स्वयं के सिविल विमान डिजाइन और विकसित करने के लिए एक मजबूत आधार तैयार करेगा। रूस के साथ यह सहयोग दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी को और गहरा करेगा, जो भू-राजनीतिक परिदृश्य में भी महत्वपूर्ण है। यह समझौता भारत की रक्षा और नागरिक उड्डयन क्षेत्रों में आत्मनिर्भरता की आकांक्षाओं को दर्शाता है।