देश / भूपेंद्र पटेल ने गुजरात के 17वें मुख्यमंत्री के तौर पर ली शपथ

Zoom News : Sep 13, 2021, 02:52 PM
गांधीनगर: पहली बार विधायक बनने के बाद ही सीएम पद तक का सफर तय करने वाले भूपेंद्र पटेल ने सोमवार को गुजरात के मुख्यमंत्री की शपथ ले ली। वह प्रदेश के 17वें मुख्यमंत्री होंगे। राजभवन में आयोजित समारोह में राज्यपाल आचार्य देवव्रत उन्हें गुजराती भाषा में शपथ दिलाई। उन्होंने अकेले ही शपथ ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा शासित चार राज्यों के मुख्यमंत्री कनार्टक के बासवराज बोम्मई, मध्य प्रदेश के शिवराज चौहान, गोवा के प्रमोद सावंत तथा हरियाणा के मनोहरलाल खट्टर भी इस मौके पर मौजूद थे। इनके अलावा केंद्रीय मंत्रियों मनसुख मांडविया, पुरुषोत्तम रूपाला, भूपेंद्र यादव, नरेंद्र तोमर, दर्शना बेन जरदोश समेत पार्टी के कई अन्य केंद्रीय नेता, प्रदेश के विधायक, सांसद, पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी, पूर्व उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल भी मौजूद थे।

नितिन पटेल पर सभी की निगाहें थीं क्योंकि वह कल शाम को राजभवन नहीं पहुंचे और उनकी नाराजगी की अटकलें लगाई जा रही थीं। भूपेंद्र पटेल ने मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने से पहले नितिन पटेल के घर जाकर उनका आशीवार्द लिया था। 'दादा' के उपनाम से मशहूर और पेशे से बिल्डर पटेल ने कल शाम राजभवन जाकर राज्यपाल के समक्ष सरकार बनाने का दावा पेश किया था। इस मौक़े पर केंद्रीय निरीक्षक नरेंद्र सिंह तोमर और प्रह्लाद जोशी (दोनो केंद्रीय मंत्री) तथा पाटीर् के केंद्रीय महामंत्री तरुण चुघ, प्रदेश प्रमुख सी आर पाटिल और प्रदेश प्रभारी भूपेन्द्र यादव, पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी और कई पूर्व मंत्री मौजूद थे।

इन दो समीकरणों को साधने के लिए बीजेपी ने भूपेंद्र को बनाया सीएम

अगले साल राज्य में होने वाले चुनावों से पहले उन्हें लाकर पार्टी लीडरशिप ने सत्ता विरोधी माहौल और पटेल समुदाय की नाराजगी तो साधने का प्रयास किया है। हालांकि इस कोशिश में दिग्गज नेता और डिप्टी सीएम नितिन पटेल को नजरअंदाज किए जाने से फूट का डर भी बना हुआ था। शायद यही वजह थी कि सुबह ही भूपेंद्र पटेल पहले नितिन पटेल के घर पहुंचे और पैर छूकर आशीर्वाद लिया। इसके बाद वह पूर्व सीएम विजय रूपाणी से भी मुलाकात के लिए पहुंचे। भूपेंद्र पटेल के शपथ समारोह में अमित शाह भी पहुंचे हैं। उनकी अगवानी के लिए भूपेंद्र पटेल और नितिन पटेल पहुंचे थे। नितिन पटेल के एयरपोर्ट पहुंचने से यह संदेश देने का प्रयास किया गया कि ऑल इज वेल है।

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