Bihar Elections / तेजस्वी यादव का 'जंगलराज' पर नया दांव, विरोधियों को दिया कड़ा संदेश

आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने बिहार चुनाव में 'जंगलराज' के आरोपों का सामना करने के लिए नया दांव चला है। उन्होंने मुजफ्फरपुर रैली में कहा कि महागठबंधन सरकार में गलत काम करने वाले, चाहे अपना हो या पराया, बख्शे नहीं जाएंगे। यह बयान एनडीए के हमलों का जवाब और पार्टी की छवि सुधारने का प्रयास है।

बिहार विधानसभा चुनाव में आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने अपने खिलाफ उठने वाली हर आवाज को दबाने और पार्टी की छवि को नया रूप देने के लिए एक बड़ा दांव चला है और बुधवार को मुजफ्फरपुर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए, जिसमें कांग्रेस सांसद राहुल गांधी भी मौजूद थे, तेजस्वी ने एक महत्वपूर्ण संदेश दिया। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि यदि महागठबंधन की सरकार बनती है, तो कोई भी व्यक्ति जो गलत काम करेगा, उसे बख्शा नहीं जाएगा, चाहे वह अपना हो या पराया। उन्होंने यहां तक कहा कि यदि वह खुद भी गलत करते हैं तो उन्हें भी सजा मिलेगी।

जंगलराज की छवि से मुक्ति का प्रयास

तेजस्वी यादव का यह बयान बिहार की राजनीति में एक रणनीतिक कदम के रूप में देखा जा रहा है। दरअसल, राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) लगातार आरजेडी के शासनकाल को 'जंगलराज' से जोड़कर हमलावर रहता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह तक, हर चुनावी रैली में लालू परिवार और आरजेडी को इस मुद्दे पर घेरते रहे हैं। उनका आरोप है कि यदि आरजेडी सत्ता में आती है तो। बिहार में फिर से अराजकता और अपराध का दौर लौट आएगा। यह दाग आरजेडी के पिछले 15 साल के शासनकाल से जुड़ा हुआ है, जब अपराध चरम पर होने का दावा किया जाता था। तेजस्वी अब इसी 'दाग' को मिटाने और पार्टी की छवि को सुधारने का प्रयास कर। रहे हैं, ताकि विरोधियों के पास उन पर हमला करने का कोई आधार न बचे।

पारदर्शिता और जवाबदेही पर जोर

तेजस्वी ने अपने बयान से यह संदेश देने की कोशिश की है कि उनकी सरकार में पारदर्शिता और जवाबदेही सर्वोपरि होगी। उन्होंने यह कहकर अपने विरोधियों को जवाब दिया कि कानून का राज स्थापित होगा और किसी को भी गलत काम करने पर बख्शा नहीं जाएगा और यह एक तरह से आरजेडी को एक नई, सुशासन-उन्मुख पार्टी के रूप में पेश करने का प्रयास है, जो अतीत की नकारात्मक धारणाओं से मुक्त हो। यह बयान उन सहयोगियों और पार्टी कार्यकर्ताओं के लिए भी एक चेतावनी है जो सत्ता में आने पर मनमानी करने की सोच सकते हैं। आरजेडी नेता ने केवल आरोपों का जवाब ही नहीं दिया, बल्कि 'जंगलराज' की अपनी एक नई परिभाषा भी पेश की। उन्होंने कहा कि असली जंगलराज तब होता है जब पूरे राज्य में बड़े-बड़े घोटाले होते रहें और उन पर कोई कार्रवाई न की जाए। तेजस्वी ने प्रधानमंत्री मोदी के ही एक पुराने बयान का हवाला दिया, जिसमें उन्होंने कथित तौर पर? नीतीश कुमार सरकार के 55 घोटालों का जिक्र किया था और पूछा कि उन पर क्या कार्रवाई हुई? उन्होंने तर्क दिया कि जब घोटाले हों और कार्रवाई न हो, तो वह जंगलराज है। इसके अलावा, उन्होंने अपराध के आंकड़ों पर भी एनडीए को घेरा। तेजस्वी ने कहा कि पूरे देश में उत्तर प्रदेश में अपराध दर सबसे ज्यादा है और बिहार दूसरे नंबर पर है, तथा शीर्ष पांच सबसे ज्यादा अपराध दर वाले राज्यों में बीजेपी शासित राज्य शामिल हैं।

युवाओं को लुभाने और नए बिहार का वादा

'जंगलराज' के आरोपों का खंडन करने के साथ-साथ, तेजस्वी युवाओं पर केंद्रित अपनी विकासपरक राजनीति को भी आगे बढ़ा रहे हैं और वह बिहार को भ्रष्टाचार और अपराध मुक्त बनाने का वादा करते हैं। उन्होंने हाल ही में कहा था कि वे टूटे-फूटे, अधूरे या झूठे वादे नहीं करते, बल्कि जो कहते हैं, वो करते हैं और तेजस्वी हर परिवार को सरकारी नौकरी देने और एक 'नया बिहार' बनाने का वादा कर रहे हैं, जहां युवा बेरोजगार नहीं होंगे और उन्हें नौकरी के लिए दूसरे राज्यों में नहीं जाना पड़ेगा। वे ऐसा बिहार बनाने की बात करते हैं जो अपराध के लिए नहीं जाना जाएगा, बल्कि अपनी प्रगति और विकास के लिए पहचाना जाएगा।

हमले को ही हथियार बना रहे हैं तेजस्वी

तेजस्वी यादव अब 'जंगलराज' शब्द का उपयोग एनडीए सरकार पर पलटवार करने के लिए कर रहे हैं। उन्होंने हाल ही में एक घटना का जिक्र किया जिसमें एक मंत्री ने कथित तौर पर एक पत्रकार पर हाथ उठाया, गाली-गलौज की और मारपीट की। तेजस्वी ने सवाल किया कि क्या यह जंगलराज नहीं है? इस तरह, वह आरजेडी को उस दौर से बाहर निकालने की कोशिश कर रहे हैं जिसके लिए उसे इतने वर्षों से बैकफुट पर रहना पड़ा है। तेजस्वी खुद को युवाओं के बीच एक नई सोच वाले नेता के तौर पर पेश कर रहे हैं, जो बिहार के भविष्य को बदलने का सामर्थ्य रखते हैं। उनके इन दावों और वादों पर बिहार की जनता कितना भरोसा करती है, यह 14 नवंबर को चुनावी नतीजों में स्पष्ट हो जाएगा।