Rajasthan News / बीएलओ की बड़ी लापरवाही: राष्ट्रीय कवि गोपीनाथ 'चर्चित' को जीते जी मृत घोषित कर वोटर लिस्ट से नाम काटा

राजस्थान के सवाई माधोपुर जिले में बीएलओ की बड़ी लापरवाही सामने आई है। राष्ट्रीय स्तर के हास्य और व्यंग्य कवि गोपीनाथ 'चर्चित' को जीते जी मृत घोषित कर मतदाता सूची से उनका नाम हटा दिया गया। कवि ने उपखंड कार्यालय में अधिकारियों से शिकायत कर मदद की गुहार लगाई है।

राजस्थान में मतदाता सूची की SIR (Special Summary Revision) प्रक्रिया के दौरान एक चौंकाने वाला और गंभीर लापरवाही का मामला सामने आया है। इस घटना ने प्रशासनिक कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं, जहां एक राष्ट्रीय स्तर के प्रसिद्ध कवि को जीते जी मृत घोषित कर दिया गया और उनका नाम मतदाता सूची से हटा दिया गया। यह मामला सवाई माधोपुर जिले के गंगापुर सिटी से जुड़ा है, जिसने स्थानीय प्रशासन और निर्वाचन आयोग की कार्यप्रणाली पर गंभीर प्रश्नचिह्न लगाए हैं।

लापरवाही का केंद्र: गंगापुर सिटी

यह घटना सवाई माधोपुर जिले के गंगापुर सिटी में हुई है, जहां शहर के एक अत्यंत सम्मानित और चर्चित व्यक्ति, गोपीनाथ 'चर्चित' को बीएलओ (बूथ लेवल अधिकारी) ने बिना किसी ठोस जांच या सत्यापन के मृत घोषित कर दिया और इसके परिणामस्वरूप, उनका नाम मतदाता सूची से हटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई। गोपीनाथ 'चर्चित' न केवल स्थानीय स्तर पर बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी एक प्रसिद्ध हास्य और व्यंग्य कवि के रूप में जाने जाते हैं और उन्होंने कई टीवी कार्यक्रमों में अपनी कविताओं और व्यंग्यों से श्रोताओं का मनोरंजन किया है और उन्हें गुदगुदाया है, जिससे उनकी एक विशिष्ट पहचान बनी हुई है। ऐसे प्रतिष्ठित व्यक्ति के साथ इस तरह की लापरवाही होना अत्यंत निंदनीय है।

कवि की आपबीती और अधिकारियों से गुहार

कवि गोपीनाथ 'चर्चित', जो गंगापुर सिटी में वार्ड नंबर 33, नहर रोड स्थित धनवंतरी कॉलोनी के निवासी हैं, ने इस घटना पर अपनी गहरी पीड़ा और निराशा व्यक्त की है। उन्होंने बताया कि उन्हें इस बात की जानकारी तब मिली जब उनका नाम मतदाता सूची से हटा दिया गया। इस खबर से वे स्तब्ध रह गए और तुरंत अधिकारियों के पास मदद की गुहार लगाने पहुंचे। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि बिना किसी तथ्यात्मक जांच या सत्यापन के उनका नाम मतदाता सूची से काट दिया गया है, जिससे उन्हें मानसिक रूप से काफी परेशानी और आघात पहुंचा है और वे पूरी तरह से स्वस्थ और जीवित हैं, इसके बावजूद बीएलओ द्वारा की गई इस लापरवाहीपूर्ण कार्रवाई ने उन्हें अपने जीवित होने का प्रमाण देने के लिए मजबूर कर दिया है।

बीएलओ पर गंभीर आरोप

गोपीनाथ 'चर्चित' ने सीधे तौर पर बीएलओ पर गंभीर अनियमितताओं और घोर लापरवाही के आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि इस प्रकार की कार्रवाई किसी भी प्रकार से स्वीकार्य नहीं है, खासकर तब जब यह एक ऐसे व्यक्ति के साथ हो जिसकी सार्वजनिक पहचान हो और उन्होंने यह भी बताया कि उन्होंने इस मामले को लेकर कई बार शिकायतें दर्ज कराई हैं, लेकिन दुर्भाग्यवश, अब तक उनकी शिकायतों पर कोई ठोस सुनवाई नहीं हुई है। यह स्थिति और भी चिंताजनक है कि एक राष्ट्रीय स्तर पर पहचान रखने वाले कवि को 'मृत' मानकर सूची से। बाहर कर दिया गया है, और अब उन्हें अपने जीवित होने के सबूत जुटाने के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है। यह प्रशासनिक उदासीनता और एक बीएलओ की गैर-जिम्मेदाराना हरकत का स्पष्ट उदाहरण है।

प्रशासनिक कार्रवाई और आश्वासन

दूसरी ओर, इस मामले की गंभीरता को समझते हुए, उपखंड अधिकारी (एसडीएम) और निर्वाचन अधिकारी बृजेंद्र मीणा ने त्वरित कार्रवाई का आश्वासन दिया है और उन्होंने मीडिया को बताया कि कवि महोदय की शिकायत को गंभीरता से लिया गया है और इस पर तुरंत गौर किया जा रहा है। एसडीएम मीणा ने जानकारी दी कि संबंधित बीएलओ, छोटू खान, को इस मामले में नोटिस जारी कर विस्तृत जानकारी मांगी गई है। इसके साथ ही, उन्होंने यह भी सुनिश्चित किया है कि कवि गोपीनाथ 'चर्चित' का नाम तत्काल प्रभाव से मतदाता सूची में पुनः दर्ज करने के आदेश जारी कर दिए गए हैं। यह कदम कवि को हुई परेशानी को कम करने और भविष्य में ऐसी लापरवाहियों को रोकने की दिशा में एक सकारात्मक पहल है। यह देखना होगा कि इस मामले में बीएलओ के खिलाफ क्या कार्रवाई की जाती है और मतदाता सूची की SIR प्रक्रिया में भविष्य में ऐसी त्रुटियों से बचने के लिए क्या उपाय किए जाते हैं।