वायरल / बिल्ली ने ओडिशा में कोबरा के आगे बैठकर उसे अपने मालिक के घर में घुसने से रोका

Zoom News : Jul 23, 2021, 10:56 AM
भुवनेश्वर: जानवरों की वफादारी के किस्से आपने काफी सुने होंगे या देखे होंगे, लेकिन यहां हम आपको एक ऐसी बिल्ली के बारे में बता रहे हैं  जिसने अपने मालिक के पूरा परिवार को कोबरा से बचा लिया। मामला ओडिशा के भीमातंगी इलाके का है कि जहां एक बिल्ली अपने मालिक के घर के गेट पर तनकर बैठ गई और कोबरा (सांप) को घर में आने से रोक दिया। इस तरह बिल्ली ने कोबरा को घर में आने से रोककर अपने मालिक के परिवार को संभावित खतरे से बचाया।

घर में घुसने की कोशिश में था कोबरा

न्यू इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, भीमातंगी इलाके में संपद कुमार परिदा और उनका परिवार अपनी पालतू बिल्ली चीनू के साथ रहता है। मंगलवार की दोपहर जब एक सांप परिदा के घर के पिछले हिस्से से मकान में घुसने की कोशिश की तो बिल्ली ने तुरंत प्रतिक्रिया दी और भागकर पिछले हिस्से में पहुंच गई जहां सांप घर के अंदर आने की कोशिश कर रहा था। परिदा ने बताया कि जब उन्होंने दौड़कर बिल्ली का पीछा किया तो देखा कि चार फुट लंबा कोबरा उनके घर के बाहर फन फैलाए बैठा है लेकिन उनकी बिल्ली चानू कोबरा के आगे बैठ गई और उसे घर में आने से रोका।

हुई दोनों में लड़ाई

इस दौरान बिल्ली और कोबरा में हल्की लड़ाई भी हुई लेकिन बिल्ली अपनी जगह से टस से मस नहीं हुई। इसके बाद मालिक संपद ने तुरंत मदद के लिए स्नेक हेल्पलाइन पर कॉल किया और करीब आधे घंटे बाद मदद के लिए कोई पहुंचा। गौर करने वाली बात ये है कि जब तक मदद के लिए हेल्पाइन से कोई संपद के घर पहुंचता तब तक बिल्ली कोबरा के आगे तनकर बैठी हुई थी। इसके बाद बिल्ली को वहां से भगाया और स्नेक हेल्पलाइन के अरुण बराल ने कोबरा को पकड़ लिया। वहीं संपद ने बताया कि उनकी बिल्ली डेढ़ साल की है और परिवार के सदस्य की तरह रहती है।

बिल्ली देती रही पहरा

अरुण ने बताया, 'जब तक मैं बचाव के लिए नहीं आया, तब तक पालतू बिल्ली सांप को रोकने के लिए पहरा देती रही। दोनों के बीच आधे घंटे तक लड़ाई चली लेकिन सौभाग्य से, उनमें से कोई भी घायल नहीं हुआ।' स्नेक हेल्पलाइन के महासचिव शुभेंदु मलिक ने कहा कि कोबरा को शहर के बाहर प्राकृतिक आवास में छोड़ा गया। इससे पहले 2019 में, खुर्दा जिले के जांला गांव में एक पालतू कुत्ते ने अपने मालिक के परिवार को जहरीले सांप से बचाने के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया था।

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