Tax / केंद्र सरकार ने इन इलाकों में रहने वाले लोगों को Income Tax से दी छूट

केंद्र सरकार ने दिल्‍ली की अवैध कॉलोनी में रहने वाले लोगों के लिए इनकम टैक्‍स में बड़ी राहत की घोषणा की है सरकार ने कहा है कि पिछले साल अधिकृत की गईं दिल्‍ली की अवैध कॉलोनियों में जमीन या मकान खरीदने वाले लोगों को इनकम टैक्‍स में छूट मिलेगी सरकार की ओर से कहा गया है कि पहले ये कॉलोनियां अवैध थीं कुछ लोगों ने सरकार की ओर से संपत्ति रजिस्‍ट्रेशन के लिए तय किए गए सर्किल रेट से कम कीमत में जमीन या घर खरीदा हो

नई दिल्‍ली । केंद्र सरकार ने दिल्‍ली की अवैध कॉलोनी (Unauthorized Colonies) में रहने वाले लोगों के लिए इनकम टैक्‍स (Income Tax) में बड़ी राहत की घोषणा की है. सरकार ने कहा है कि पिछले साल अधिकृत (Regularized) की गईं दिल्‍ली की अवैध कॉलोनियों में जमीन या मकान खरीदने वाले लोगों को इनकम टैक्‍स में छूट (Exemption) मिलेगी. सरकार की ओर से कहा गया है कि पहले ये कॉलोनियां अवैध थीं. ऐसे में संभव है कि कुछ लोगों ने सरकार की ओर से संपत्ति रजिस्‍ट्रेशन के लिए तय किए गए सर्किल रेट से कम कीमत में जमीन या घर खरीदा हो. सरकार ने फैसला किया है कि ऐसे लोगों को इनकम टैक्‍स भुगतान (Tax Payment) से छूट दी जाएगी.


अब नहीं देना होगा एफएमवी और एपीवी के अंतर पर टैक्‍स

केंद्र सरकार (Central Government) अगर ये छूट नहीं देती तो अवैध कॉलोनियों के अधिकृत होने के बाद सर्किल रेट (Circle Rate) से कम कीमत पर जमीन या मकान खरीदने वालों को उचित बाजार मूल्‍य (FMV) और वास्‍तविक खरीद मूल्‍य (APV) के अंतर पर टैक्‍स का भुगतान करना होता. आसान शब्‍दों में समझें तो दिल्‍ली की अवैध कालॉनियों में घर-जमीन खरीदने वालों को अब ये भुगतान नहीं करना होगा. केंद्रीय प्रत्‍यक्ष कर बोर्ड (CBDT) की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया है कि ये छूट 1 अप्रैल, 2020 से प्रभावी मानी जाएगी. साथ ही ये आकलन वर्ष 2020-21 के लिए लागू होगी.


केंद्र ने प्रक्रिया में केवल ऐसी खरीद को ही किया है अधिकृत


सीबीडीटी की अधिसूचना के मुताबिक, दिल्‍ली में किसी अवैध कॉलोनी में जमीन या इमारत या मकान जैसी अचल संपत्ति खरीदने वाले किसी भी व्‍यक्ति पर टैक्‍स नहीं लगेगा. इस समय अगर किसी व्‍यक्ति ने इन कॉलोनियों में सर्किल रेट से कम कीमत पर आवासीय संपत्ति खरीदी हो तो उचित बाजार मूल्‍य और वास्‍तविक खरीद मूल्‍य के अंतर पर टैक्‍स लगाया जाता है. नांगिया एंडरसन एलएलपी के पार्टनर सूरज नांगिया के मुताबिक, यह काफी अजीब मामला है, जिसमें कुछ लोगों ने काफी समय पहले जनरल पावर ऑफ अटॉर्नी या ऐसे ही किसी अन्य व्‍यवस्‍था के जरिये संपत्ति का अधिग्रहण किया हो सकता है और सरकार ने अवैध कालोनियों को नियमित करने की प्रक्रिया में केवल ऐसी खरीद को ही अधिकृत किया है.


नियमित होने से पहले की संपत्ति खरीद-फरोख्‍त पर टैक्‍स नहीं

सूरज नांगिया ने बताया कि सीबीडीटी की अधिसूचना के मुताबिक, दिल्‍ली की अवैध कॉलोनियों को अधिकृत किए जाने के समय से पहले किए गए सभी आवासीय अधिग्रहण या खरीद-फरोख्‍त को टैक्‍स छूट दे दी गई है. लिहाजा, इन कॉलोनियों में रहने वाले परिवारों को जमीन खरीद-फरोख्‍त पर हुई असाधारण आय पर टैक्‍स देने की जरूरत नहीं रह गई है. बता दें कि दिसंबर, 2019 में केंद्र सरकार ने दिल्‍ली की 1,700 से ज्‍यादा अवैध कॉलोनियों को नियमित कर दिया था. इसके लिए सरकार ने संसद में पावर ऑफ अटॉर्नी, वसीयत, एग्रीमेंट ऑफ सेल या पजेशन लेटर के आधार पर लोगों को मालिकाना हक देने वाला कानून पारित कराया था.