राजस्थान की राजधानी जयपुर से सटे चौमूं कस्बे में शुक्रवार तड़के अचानक तनावपूर्ण स्थिति पैदा हो गई। बस स्टैंड क्षेत्र में मस्जिद के पास सड़क किनारे पड़े पत्थरों को हटाने और उनकी जगह रेलिंग लगाने के काम को लेकर विवाद इतना बढ़ गया कि भीड़ ने पुलिस बल पर पथराव कर दिया। इस हिंसक झड़प में लगभग आधा दर्जन पुलिसकर्मी घायल हो गए, जिसके बाद पुलिस को स्थिति को नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े।
यह पूरा मामला चौमूं की यातायात व्यवस्था को सुचारू बनाने के प्रयासों से जुड़ा है। बस स्टैंड क्षेत्र में मस्जिद के पास करीब 45 वर्षों से सड़क किनारे पत्थर पड़े हुए थे, जिनके कारण अक्सर यातायात जाम की समस्या उत्पन्न होती थी। इन पत्थरों की वजह से आमजन को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता था और वाहनों की आवाजाही बाधित होती थी। प्रशासन लंबे समय से इस समस्या का समाधान ढूंढ रहा। था ताकि क्षेत्र में सुगम यातायात सुनिश्चित किया जा सके।
आपसी सहमति और शांतिपूर्ण शुरुआत
इस समस्या के समाधान के लिए, घटना से एक दिन पहले चौमूं थाना पुलिस और मुस्लिम समुदाय के प्रतिनिधियों के बीच एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई थी। इस बैठक में दोनों पक्षों के बीच सौहार्दपूर्ण माहौल में चर्चा हुई। और आपसी सहमति बनी कि सड़क से इन पत्थरों को हटा दिया जाए। यह निर्णय जनता को यातायात जाम से राहत दिलाने और सड़क को चौड़ा करने के उद्देश्य से लिया गया था। समुदाय के प्रतिनिधियों की मौजूदगी में ही पत्थरों को हटाने का काम शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न कर लिया गया था, जिसे प्रशासन एक बड़ी सफलता मान रहा था।
रेलिंग लगाने पर भड़का विरोध
पत्थरों को हटाने के बाद, खाली हुई जगह पर रेलिंग लगाने का काम शुरू किया गया। इसी दौरान, शुक्रवार तड़के करीब 3 बजे कुछ असामाजिक तत्वों ने इस काम का विरोध करना शुरू कर दिया। विरोध धीरे-धीरे उग्र रूप लेने लगा और देखते ही देखते बस स्टैंड क्षेत्र में बड़ी संख्या में लोग जमा हो गए और भीड़ ने अचानक पुलिस बल को निशाना बनाते हुए पथराव शुरू कर दिया, जिससे स्थिति बेहद तनावपूर्ण हो गई।
पुलिसकर्मियों पर हमला और जवाबी कार्रवाई
पथराव की इस घटना में करीब 6 पुलिसकर्मी घायल हो गए, जिन्हें तत्काल चिकित्सा सहायता की आवश्यकता पड़ी। पत्थरों की बारिश में पुलिसकर्मियों को चोटें आईं, जिससे हालात और बिगड़ गए। स्थिति को हाथ से निकलता देख, पुलिस ने तत्काल मोर्चा संभाला और भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े। अतिरिक्त पुलिस जाब्ता भी तुरंत मौके पर बुलाया गया ताकि कानून व्यवस्था को बहाल किया जा सके और आगे की हिंसा को रोका जा सके।
इलाका छावनी में तब्दील और अफवाहों पर चेतावनी
घटना के बाद, पूरे बस स्टैंड क्षेत्र को एक छावनी में तब्दील कर दिया गया है। भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है और उच्च अधिकारी खुद स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए हैं। अतिरिक्त पुलिस बल ने पूरे इलाके को घेर रखा है और किसी भी संदिग्ध गतिविधि पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है। चौमूं एसएचओ प्रदीप शर्मा ने स्पष्ट किया है कि केवल सड़क पर पड़े पत्थरों को। ही आपसी सहमति से हटाया गया था और किसी भी तरह की अफवाह न फैलाई जाए। उन्होंने चेतावनी दी है कि सोशल मीडिया या अन्य माध्यमों। से अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
जांच और दोषियों पर कार्रवाई
पुलिस प्रशासन अब इस पूरे मामले की गहन जांच कर रहा है। पथराव में शामिल लोगों की पहचान करने के लिए सीसीटीवी फुटेज और अन्य वीडियो साक्ष्यों को खंगाला जा रहा है। पुलिस का कहना है कि जो भी लोग शांति भंग करने और सरकारी काम में बाधा डालने के दोषी पाए जाएंगे, उनके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल, क्षेत्र में हालात नियंत्रण में बताए जा रहे हैं, लेकिन एहतियात के तौर पर सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत कर दिया गया है।