Cyclone Ditwah / चक्रवाती तूफान Ditwah: श्रीलंका में तबाही के बाद भारत की ओर, 150 से अधिक मौतें

चक्रवाती तूफान Ditwah ने श्रीलंका में भारी तबाही मचाई है, जिसमें 150 से अधिक लोगों की जान चली गई है। अब यह तूफान तेजी से भारत की ओर बढ़ रहा है, जिससे तमिलनाडु, पुडुचेरी और आंध्र प्रदेश के तटीय इलाकों में अलर्ट जारी किया गया है। NDRF की 14 टीमें तैनात की गई हैं।

चक्रवाती तूफान Ditwah ने श्रीलंका में भयंकर तबाही मचाने के बाद अब भारत की ओर अपना रुख कर लिया है, जिससे देश के दक्षिणी तटीय राज्यों में चिंता बढ़ गई है। इस शक्तिशाली तूफान के कारण श्रीलंका में 150 से अधिक लोगों की दुखद मौत हो चुकी है, जबकि कई लोग अभी भी लापता बताए जा रहे हैं और भारतीय मौसम विभाग ने इस आसन्न खतरे को देखते हुए अलर्ट जारी कर दिया है, और संबंधित राज्यों में व्यापक तैयारियां की जा रही हैं।

भारत की ओर Ditwah का बढ़ता खतरा

श्रीलंका में विनाशकारी प्रभाव छोड़ने के बाद, चक्रवाती तूफान Ditwah अब भारतीय उपमहाद्वीप की ओर तेजी से बढ़ रहा है और मौसम विभाग के अनुसार, यह तूफान आज किसी भी समय उत्तरी तमिलनाडु, पुडुचेरी और दक्षिणी आंध्र प्रदेश के तटों से टकरा सकता है। इस गंभीर स्थिति से निपटने के लिए, राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) की कुल 14 टीमों को संवेदनशील क्षेत्रों में तैनात किया गया है। इन टीमों का मुख्य उद्देश्य बचाव और राहत कार्यों को अंजाम देना है, ताकि संभावित नुकसान को कम किया जा सके और प्रभावित लोगों को तत्काल सहायता प्रदान की जा सके। तूफान की गति और दिशा पर लगातार नजर रखी जा। रही है ताकि समय रहते आवश्यक कदम उठाए जा सकें।

तूफान की वर्तमान स्थिति और मार्ग

29 नवंबर, 2025 को रात 11:30 बजे के आसपास, चक्रवाती तूफान Ditwah दक्षिण-पश्चिम। बंगाल की खाड़ी और उससे सटे उत्तरी तमिलनाडु-पुडुचेरी के तटों पर केंद्रित था। यह अक्षांश 10. 7°N और देशांतर 80. 6°E के पास स्थित था। वेदारण्यम से लगभग 90 किलोमीटर पूर्व और उत्तर-पूर्व, कराईकल से 90 किलोमीटर पूर्व और दक्षिण-पूर्व, श्रीलंका के जाफना से 130 किलोमीटर उत्तर। और उत्तर-पूर्व, पुडुचेरी से 160 किलोमीटर दक्षिण और दक्षिण-पूर्व, और चेन्नई से 260 किलोमीटर दक्षिण में इसकी स्थिति दर्ज की गई थी। पिछले 6 घंटों के दौरान, तूफान लगभग 5 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उत्तर की ओर बढ़ा है, जो इसकी धीमी लेकिन स्थिर प्रगति को दर्शाता है और यह गति तटीय क्षेत्रों के लिए अधिक चिंताजनक हो सकती है, क्योंकि इससे भूमि पर अधिक समय तक प्रभाव पड़ने की संभावना बढ़ जाती है। मौसम विभाग के पूर्वानुमान के मुताबिक, अगले 24 घंटों में Ditwah तूफान उत्तरी तमिलनाडु और पुडुचेरी के तटों के समानांतर उत्तर दिशा में आगे बढ़ सकता है। यह अनुमानित है कि 30 नवंबर की सुबह और शाम तक, चक्रवाती तूफान Ditwah बंगाल की खाड़ी के दक्षिण-पश्चिम में केंद्रित रहेगा, जो क्रमशः तमिलनाडु और पुडुचेरी के तटों से न्यूनतम 50 किलोमीटर और 25 किलोमीटर की दूरी पर होगा। यह निकटता तटीय इलाकों में तेज हवाओं, भारी बारिश और समुद्री लहरों के उठने का संकेत देती है, जिससे मछुआरों और तटीय निवासियों को विशेष रूप से सतर्क रहने की सलाह दी गई है। स्थानीय प्रशासन ने इन क्षेत्रों में लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने की तैयारियां शुरू कर दी हैं।

कोलंबो एयरपोर्ट पर फंसे भारतीय यात्री

इस बीच, चक्रवात Ditwah के कारण श्रीलंका की राजधानी कोलंबो में भी स्थिति गंभीर बनी हुई है। केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने विदेश मंत्री एस जयशंकर को एक पत्र लिखकर श्रीलंका में फंसे भारतीय नागरिकों के लिए राज्य सरकार की ओर से हर संभव मदद की पेशकश की है और विजयन ने अपने पत्र में बताया कि चक्रवात Ditwah के कारण कोलंबो स्थित भंडारनायके इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर भारी अव्यवस्था फैल गई है, जिसके परिणामस्वरूप लगभग 300 भारतीय यात्री वहां फंस गए हैं। इन यात्रियों में से कई केरल के निवासी बताए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने चिंता व्यक्त की कि ये यात्री पिछले तीन दिनों से फंसे हुए हैं और उनके पास पर्याप्त भोजन, पानी और अन्य बुनियादी सुविधाओं का अभाव है। केरल सरकार ने इन फंसे हुए लोगों की स्थिति पर गहरी चिंता व्यक्त की है और उन्हें हर आवश्यक सहायता प्रदान करने के लिए अपनी तत्परता दोहराई है। यह मानवीय संकट तूफान के प्रत्यक्ष प्रभावों से परे, अंतरराष्ट्रीय यात्रा और बुनियादी ढांचे पर इसके व्यापक प्रभावों को दर्शाता है।

तटीय राज्यों में सुरक्षा उपाय और चेतावनी

भारत के तटीय राज्यों, विशेषकर तमिलनाडु, पुडुचेरी और आंध्र प्रदेश में, Ditwah तूफान के संभावित प्रभावों को देखते हुए व्यापक सुरक्षा उपाय किए जा रहे हैं। मछुआरों को समुद्र में न जाने की सख्त चेतावनी दी गई है और जो पहले से समुद्र में हैं, उन्हें तुरंत तट पर लौटने का निर्देश दिया गया है। निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित आश्रयों में स्थानांतरित करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। स्थानीय प्रशासन ने आपातकालीन सेवाओं को हाई अलर्ट पर रखा है और। किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहने को कहा है। बिजली आपूर्ति बाधित होने और संचार सेवाओं पर पड़ने वाले प्रभाव को कम करने के लिए भी कदम उठाए जा रहे हैं। नागरिकों से अपील की गई है कि वे मौसम विभाग द्वारा जारी की गई चेतावनियों और निर्देशों का पालन करें और अनावश्यक रूप से घरों से बाहर न निकलें।