Silver Price Today / चांदी की चमक बरकरार: क्या रैली अभी बाकी है? एक्सपर्ट से समझिए भविष्य

चांदी ने इस साल निवेशकों को शानदार रिटर्न दिया है, अंतरराष्ट्रीय बाजार में 2011 के बाद पहली बार 50 डॉलर का स्तर पार किया. हालिया गिरावट के बावजूद, विशेषज्ञों का मानना है कि रैली अभी खत्म नहीं हुई है, और आने वाले समय में इसमें और तेजी देखने को मिल सकती है.

कीमती धातुओं में चांदी का स्थान हमेशा से महत्वपूर्ण रहा है, और साल 2025 चांदी के निवेशकों के लिए एक असाधारण वर्ष साबित हुआ है. इस साल चांदी ने निवेशकों को चौंकाने वाली तेजी दिखाई है, जिससे उनकी दिलचस्पी एक बार फिर इस धातु में बढ़ती दिख रही है. अंतरराष्ट्रीय बाजार में चांदी ने 2011 के बाद पहली बार 50 डॉलर प्रति औंस का ऐतिहासिक स्तर पार किया, जिसने घरेलू बाजार में भी कीमतों को मजबूत समर्थन प्रदान किया. चांदी ने इस साल अब तक शानदार रिटर्न दिया है,. जो इसकी बढ़ती मांग और वैश्विक आर्थिक परिस्थितियों का परिणाम है.

चांदी का इस साल का असाधारण प्रदर्शन

चांदी ने इस वर्ष की शुरुआत से ही एक मजबूत तेजी का रुख दिखाया है. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 50 डॉलर प्रति औंस का आंकड़ा छूना एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, जो पिछले एक दशक से अधिक समय में नहीं देखा गया था और इस तेजी ने न केवल बड़े निवेशकों को आकर्षित किया है, बल्कि छोटे निवेशकों की भी चांदी में रुचि बढ़ाई है. घरेलू बाजार में भी अंतरराष्ट्रीय कीमतों का सीधा असर देखने को मिला है, जिससे भारतीय निवेशकों को भी अच्छा मुनाफा हुआ है. यह प्रदर्शन चांदी को इस साल की सबसे बेहतरीन निवेश विकल्पों में से एक बनाता है.

हालिया गिरावट और बाजार की स्थिति

हालांकि, इस शानदार तेजी के बाद बीते सोमवार को चांदी की कीमतों में थोड़ी नरमी देखने को मिली, जिसे एक तगड़ा करेक्शन कहा जा सकता है. मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) के आंकड़ों के अनुसार, चांदी की कीमतें अपने रिकॉर्ड हाई से 8. 28 फीसदी तक टूट गईं. इसका मतलब है कि महज तीन घंटे के भीतर चांदी के दाम में 21 हजार रुपये से भी ज्यादा की गिरावट दर्ज की गई और आंकड़ों के मुताबिक, सुबह 9 बजकर 2 मिनट पर चांदी के दाम 2,54,174 रुपये प्रति किलो के साथ अपने लाइफ टाइम हाई पर पहुंच गए थे, जिसके बाद यह गिरावट आई. बाजार के जानकार मानते हैं कि इतनी बड़ी तेजी के बाद मुनाफावसूली और ग्लोबल लेवल पर कुछ अनिश्चितताओं के चलते छोटे करेक्शन आना स्वाभाविक है. हालांकि, इस हल्की गिरावट से मौजूदा तेजी के ट्रेंड पर कोई बड़ा असर नहीं पड़ा है.

विशेषज्ञ की राय: अजय केडिया का तेजी का अनुमान

कमोडिटी मार्केट के जाने-माने एक्सपर्ट अजय केडिया का मानना है कि चांदी की यह रैली अभी खत्म नहीं हुई है, बल्कि इसमें अभी और जान बाकी है. उनके विश्लेषण के अनुसार, अंतरराष्ट्रीय बाजार में चांदी का 50 डॉलर के स्तर के ऊपर टिके रहना बेहद अहम संकेत है, जो इसकी मजबूती को दर्शाता है. केडिया का अनुमान है कि शॉर्ट टर्म में चांदी 75 डॉलर प्रति औंस तक का लक्ष्य हासिल कर सकती है, जो निवेशकों के लिए एक और आकर्षक अवसर प्रस्तुत करता है.

घरेलू बाजार के लक्ष्य और निवेश रणनीति

अजय केडिया लंबी अवधि को ध्यान में रखते हुए चांदी के लिए और भी ऊंचे स्तरों की भविष्यवाणी करते हैं. उनका आकलन है कि अगले दो सालों में चांदी अंतरराष्ट्रीय बाजार में 100 डॉलर प्रति औंस के स्तर को भी छू सकती है. हालांकि, वह यह भी मानते हैं कि इस दौरान समय-समय पर छोटे-मोटे करेक्शन जरूर आएंगे, जो बाजार की स्वाभाविक प्रक्रिया का हिस्सा हैं और यह लंबी अवधि का दृष्टिकोण उन निवेशकों के लिए महत्वपूर्ण है जो धैर्य के साथ निवेश करना चाहते हैं. घरेलू बाजार में चांदी के भविष्य को लेकर भी अजय केडिया काफी आशावादी हैं.

उनका मानना है कि भारत में चांदी लंबी अवधि में 3 से 4 लाख रुपये प्रति किलो तक जा सकती है और उनका अनुमान है कि साल 2026 तक चांदी 3 लाख रुपये का आंकड़ा पार कर सकती है, बशर्ते निवेशक धैर्य बनाए रखें और लॉन्ग टर्म नजरिए से निवेश करें. केडिया सलाह देते हैं कि जब किसी कमोडिटी में बहुत तेजी आती. है, तो उसके विकल्प या रिप्लेसमेंट की तलाश शुरू हो जाती है. इसलिए, निवेशकों को एकमुश्त पैसा लगाने की बजाय स्टेप वाइज निवेश करना चाहिए और जोखिम को समझते हुए सोच-समझकर फैसला लेना चाहिए और यह रणनीति उन्हें बाजार की अस्थिरता से बचाने और बेहतर रिटर्न प्राप्त करने में मदद कर सकती है.