Corona Cases in China / कोरोना से बर्बाद हो रहा है चीन! और बिगड़े हालात, अस्पताल फुल, वेंटिलेटर की कमी, श्मशान में लंबी कतार

Zoom News : Dec 23, 2022, 09:33 AM
Corona Cases in China: चीन में कोरोना से हालात और बदतर हो गए हैं। अस्पताल में बेड नहीं हैं। हालात ये हो गए हैं कि बुरी तरह से बीमार लोगों को भी घर पर ही रहकर इलाज करने को कहा जा रहा है। वेंटिलेटर और चिकित्सा उपकरणों की कमी हो गई है। जो मर रहे हैं उन्हें श्मशान में जगह नसीब नहीं हो पा रही है। चीन में हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं। कोरोना के लगातार बढ़ते हुए केसों के चलते चिकित्सा संसाधनों की कमी सबसे बड़ी चुनौती बनकर उभरी है। आलम ये है कि चीन में न सिर्फ हॉस्पिटल में बेड, वेंटिलेटर्स और दवाइयों की कमी है, बल्कि डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ की भी काफी कमी है। चीनी मीडिया रिपोर्ट्स में यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ है।

दो हफ्ते में और बढ़ सकते हैं चीन में कोरोना मरीज

पेकिंग यूनिवर्सिटी फर्स्ट हॉस्पिटल के श्वसन विशेषज्ञ वांग गुआंगफा ने चेतावनी दी कि बीजिंग में अगले 14 दिनों में कोविड-19 के गंभीर मामले बढ़ सकते हैं। वांग ने सरकारी ग्लोबल टाइम्स से कहा कि कोरोना संक्रमण की नई लहर से घिरा बीजिंग चिकित्सा संसाधनों पर अतिरिक्त दबाव डाल रहा है। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित करना कि चिकित्सा संसाधनों की कोई कमी नहीं है, कोविड-19 मामलों के इलाज में सफलता दर बढ़ाने में एक महत्वपूर्ण कारक है। उन्होंने कहा कि हमें अस्पतालों में वायरस से निपटने की पूरी तैयारी करनी चाहिए।

जिन अस्पतालों में मिल रही चिकित्सा, वो ही बने हॉट स्पॉट

चीन में आम लोगों की तुलना में अस्पतालों में संक्रमण फैलने की दर काफी तेजी से बढ़ रही है। यही वजह है कि चीन में ज्यादातर मेडिकल स्टाफ कोविड से संक्रमित हो चुका है। ऐसे में इनके जल्द से जल्द अस्पताल में लौटने की उम्मीद भी नजर नहीं आ रही है। चीनी मीडिया के मुताबिक, चीन के अधिकांश अस्पतालों में इतने मरीज आ रहे हैं कि  डॉक्टर्स की संख्या बहुत कम रह गई है।

मजबूरी में घर पर ही इलाज करने की दी जा रही सलाह

यह वजह है कि चीन में हेल्थ एक्सपर्ट लोगों को तमाम माध्यमों के जरिए अपील कर रहे हैं कि अस्पताल में भीड़ न बढ़ाएं, बल्कि संक्रमित होने पर खुद को घर पर आइसोलेट करें और घर पर ही फ्लू की दवाएं या पारंपरिक दवाओं से ही इलाज करें। हालांकि, आम लोगों की कठिनाई यहीं खत्म नहीं हो रही है। दरअसल, चीन में बढ़ती मांग की तुलना में दवाइयों की आपूर्ति काफी कम है।

SUBSCRIBE TO OUR NEWSLETTER