चीन अपने महत्वाकांक्षी 'स्पेस ड्रीम' को आगे बढ़ाते हुए शुक्रवार रात को शेनझोउ-21 मानवयुक्त मिशन लॉन्च करने जा रहा है और यह मिशन चीन के तियानगोंग स्पेस स्टेशन के लिए रवाना होगा, जिसमें तीन अंतरिक्ष यात्री और चार लैब माउस शामिल होंगे. इस मिशन का एक महत्वपूर्ण पहलू यह है कि 32 वर्षीय वू फेई चीन के इतिहास में सबसे युवा अंतरिक्ष यात्री बनने वाले हैं, जो देश की बढ़ती अंतरिक्ष महत्वाकांक्षाओं को दर्शाता है. यह प्रक्षेपण जिउक्वान सैटेलाइट लॉन्च सेंटर से स्थानीय समय अनुसार रात 11:44. बजे होगा, जिससे अंतरिक्ष अन्वेषण में चीन की एक और महत्वपूर्ण छलांग लगेगी.
चीन की युवा पीढ़ी अंतरिक्ष में
इस मिशन में कमांडर के रूप में 48 वर्षीय झांग लू शामिल हैं, जिनके पास शेनझोउ-15 मिशन का अनुभव है. उनके साथ पेलोड स्पेशलिस्ट झांग होंगझांग और फ्लाइट इंजीनियर वू फेई होंगे और वू फेई, जिनका जन्म 1992 में हुआ था, अपनी 32 वर्ष की आयु में चीन के सबसे कम उम्र के अंतरिक्ष यात्री बनकर एक नया रिकॉर्ड स्थापित करेंगे. हालांकि, वैश्विक स्तर पर सबसे कम उम्र के अंतरिक्ष यात्री का रिकॉर्ड ओलिवर डेमन के नाम है, जिन्होंने 18 साल की उम्र में ब्लू ओरिजिन की उड़ान से अंतरिक्ष की यात्रा की थी. वू फेई की यह उपलब्धि चीन की युवा प्रतिभाओं को. अंतरिक्ष अन्वेषण में जोड़ने के संकल्प को रेखांकित करती है.
चीन की महत्वाकांक्षी 'स्पेस ड्रीम' योजना
शेनझोउ-21 मिशन में चार लैब माउस (दो नर और दो मादा) भी शामिल किए गए हैं, जो चीन के लिए एक नया कदम है और ये पहली बार होगा जब चीन अंतरिक्ष में जानवरों पर प्रयोग और अध्ययन करेगा. वैज्ञानिकों का लक्ष्य शून्य गुरुत्वाकर्षण के माहौल में इन जीवों के शरीर पर पड़ने वाले प्रभावों का बारीकी से अध्ययन करना है. यह प्रयोग भविष्य के मानवयुक्त गहरे अंतरिक्ष मिशनों के लिए महत्वपूर्ण डेटा प्रदान करेगा. ऐतिहासिक रूप से, सोवियत संघ ने 1957 में लायका नामक कुत्ते को अंतरिक्ष में भेजा था,. जबकि अमेरिका और फ्रांस ने 1940-60 के दशक में बंदरों और अन्य जानवरों का उपयोग किया था. मेंढक, मछली, कीट और खरगोश जैसे छोटे जीव भी जैविक और विकास संबंधी अध्ययनों के लिए अंतरिक्ष में भेजे जाते रहे हैं.
यह मिशन चीन की व्यापक 'स्पेस ड्रीम' योजना का एक. अभिन्न अंग है, जिसमें अरबों डॉलर का निवेश किया गया है. इस योजना का मुख्य लक्ष्य अंतरिक्ष अन्वेषण में अमेरिका और रूस जैसे देशों की बराबरी करना है. चीन पहले ही मंगल और चंद्रमा पर रोबोटिक रोवर सफलतापूर्वक उतार चुका है. अब उसका अगला बड़ा लक्ष्य 2030 तक चंद्रमा पर मानव. मिशन भेजना और वहां एक स्थायी बेस स्थापित करना है. इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए, चीन लानयू नामक लूनर लैंडर. और मेंगझोउ नामक मानवयुक्त स्पेसक्राफ्ट का सक्रिय रूप से परीक्षण कर रहा है. कमांडर झांग लू ने इस मिशन की सफलता पर विश्वास व्यक्त करते हुए कहा कि वे देश को गौरवान्वित करेंगे.