हरियाणा / कांग्रेस ने कुमारी शैलजा को हरियाणा का प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनाया

AMAR UJALA : Sep 04, 2019, 05:00 PM
विधानसभा चुनाव 2019 से पहले कांग्रेस ने हरियाणा में बड़ा बदलाव किया गया। कुमारी शैलजा को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनाया गया है। हरियाणा कांग्रेस प्रभारी गुलाम नबी आजाद ने बुधवार को प्रेस कांफ्रेंस करके इसकी घोषणा की।

वहीं इससे अशोक तंवर और भूपेंद्र सिंह हुड्डा को बड़ा झटका लगा है। हालांकि हुड्डा को कांग्रेस विधायक दल का नेता और चुनाव समिति का चेयरमैन बनाया गया है, लेकिन पार्टी अध्यक्ष बनने के उनके मंसूबों पर पानी फिर गया।

दरअसल, अशोक तंवर और भूपेंद्र सिंह हुड्डा के बीच विवाद चल रहा था। भूपेन्द्र हुड्डा की मांग थी कि अशोक तंवर को हटाया जाए। अशोक तंवर चाहते थे कि राज्य की कमान किसी भी सूरत में भूपेंद्र सिंह हुड्डा को ना मिले। इसलिए कांग्रेस ने बीच का रास्ता निकालते हुए कुमारी शैलजा को पार्टी की कमान सौंप दी।

24 सितंबर 1962 को कुमारी शैलजा का जन्म हिसार जिले के गांव प्रभुवाला में हुआ। कुमारी शैलजा पार्टी का दलित चेहरा हैं। वे अंबाला और सिरसा दोनों जगह से लोकसभा की सांसद रही हैं। वे प्रमुख दलित नेता श्री चौधरी दलबीर सिंह की सुपुत्री हैं। दलबीर सिंह भी हरियाणा के अध्यक्ष रहे और केन्द्र में कई बार मंत्री रहे हैं।

उनकी प्रारंभिक शिक्षा नई दिल्ली के जीसस ऐंड मेरी स्कूल में हुई। उन्होंने पंजाब विश्वविद्यालय चंडीगढ़ से एम फिल (दर्शनशास्त्र में परास्नातक) की उपाधि प्राप्त की। वे 15वीं लोकसभा की सदस्या एवं भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की नेता हैं। वह आवास एवं गरीबी उन्मूलन मंत्रालय की राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रह चुकी हैं।

कुमारी शैलजा ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत 1990 में महिला कांग्रेस की अध्यक्ष के रूप में की। वह 10वीं लोकसभा के चुनाव में हरियाणा के सिरसा लोकसभा क्षेत्र से सांसद चुनी गईं। पीवी नरसिंह राव की सरकार में वह शिक्षा एवं संस्कृति मामलों की राज्यमंत्री बनीं।

1996 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के काफी खराब प्रदर्शन के बावजूद कुमारी शैलजा फिर से सांसद चुनी गईं। 2004 के आम चुनाव में उन्होंने अंबाला लोकसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया और केन्द्रीय राज्य मंत्री बनीं। 2009 में भी वह अंबाला सीट से ही दोबारा सांसद बनीं।

कुमारी शैलजा ने 2014 के लोकसभा चुनाव नहीं लड़े थे। 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने अंबाला से चुनाव लड़ा, लेकिन रतन लाल कटारिया से हार गईं। कुमारी शैलजा गांधी परिवार की बहुत नजदीकी मानी जाती हैं। इस समय वह कांग्रेस से राज्यसभा सांसद हैं।

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