तपती गर्मी / शेर, तेंदुए, बाघ व जंगली बिल्लियों के बाड़े में कूलर की सुविधा, मौसमी फलों का आनंद ले रहे जानवर

Zoom News : Apr 11, 2022, 10:16 AM
राजधानी में पारे के तपने के साथ इंसान ही नहीं जानवर भी परेशान है। यही वजह है कि लू और भीषण गर्मी से बचने के लिए चिड़ियाघर के जानवर पानी में अठखेलियां करने के साथ मौसमी ताजे फलों का आनंद ले रहे हैं। जानवरों को भीषण गर्मी से राहत दिलाने के लिए बाड़ों में ताजे पानी के साथ उनके पिंजरों में कूलर व पंखे का इंतजाम किया गया है।

दिल्ली की गर्मी इन दिनों पारे को लेकर नए कीर्तिमान बना रही है। शनिवार का दिन ही शुरुआती 15 दिनों के भीतर बीते 72 सालों में सबसे गर्म दर्ज किया गया है। चिड़ियाघर में जानवरों को गर्मी से राहत दिलाने के लिए बाड़ों में कूलर व पंखे का इंतजाम किया गया है। साथ ही ताजे पानी की भी व्यवस्था की गई है। 

अधिकतर जानवर अपना अधिकांश समय पानी में अठखेलियां करके ही बिता रहे हैं।  वहीं, हिरण के बाड़े में लगाए गए छोटे फव्वारे जानवरों को राहत पहुंचा रहे हैं। हाथियों को गर्मी से राहत दिलाने के लिए सुबह-शाम नहलाया जा रहा है। 

शेर,तेंदुआ व बाघ के पिंजरे में कूलर लगाए गए हैं। खुले में घूमने वाले जानवरों के लिए अस्थायी छप्पर का निर्माण किया गया है, जिससे वन्यजीवों को छाव मिल सके। साथ ही उनके पानी पीने के लिए छोटे छोटे तालाब का निर्माण किया गया है।

मौसमी फलों की दी जा रही है खुराक

मौसम के बदलते ही जानवरों की खुराक में बदलाव किया गया है। चिड़ियाघर के एक अधिकारी के मुताबिक, मांसाहारी जानवरों को दी जाने वाली मांस की मात्रा कम कर दी गई है। साथ ही अन्य ठोस व पेय पदार्थों में बढ़ोतरी की गई है। 

जानवरों को तरबूज, खरबूज, ककड़ी व खीरा दिया जा रहा है। अधिकारी ने कहा कि मौसमी फलों के माध्यम से जानवर तरोताजा महसूस करेंगे व उन्हें गर्मी का अहसास भी कम होगा। इसलिए प्रशासन की ओर से इन फलों को खाने में शामिल किया गया है।

आगामी दिनों में लगेंगे 60 कूलर

आने वाले समय में चिड़ियाघर में विभिन्न वन्यजीवों के बाड़े में 60 कूलर लगेंगे। इसके लिए प्रशासन की ओर से तैयारी की जा रही है। एक अधिकारी का कहना है कि अभी शेर, तेंदुआ, बाघ व मांस खाने वाले अन्य जानवरों के बाड़े में इस तरह सुविधा है, लेकिन जिस तरह से गर्मी पड़ रही है।

इसे देखते हुए वन्यजीवों को राहत देने के लिए अन्य पिंजरों में भी कूलर लगाने की जरूरत महसूस की गई है। इस जरूरत को महसूस करते हए अन्य जानवरों की पिंजरों में भी कूलर की व्यवस्था की जाएगी।


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