राहत / आज से कोरोना की एहतियाती खुराक, नए पंजीकरण की जरूरत नहीं; यहां जानें बूस्टर डोज के लिए नियम और शर्तें

Zoom News : Apr 10, 2022, 09:10 AM
कोरोना के नए वैरिएंट एक्सई के खतरे के बीच केंद्र सरकार ने 18+ आयु वर्ग के लोगों को एहतियाती या बूस्टर खुराक देने का फैसला कर लिया है। यह खुराक रविवार से लगनी शुरू होगी। इसके लिए केंद्र सरकार ने राज्यों के साथ मिलकर तैयारी की है। 18 से 59 साल आयु वर्ग के लोगों को तीसरी खुराक लगवाने के लिए किसी प्रकार के पंजीयन की आवश्यकता नहीं होगी। क्योंकि, लाभार्थी पहले से ही को-विन एप पर पंजीकृत होगा। इसके अलावा तीसरी खुराक के रूप में सिर्फ उसी वैक्सीन का इस्तेमाल किया जाएगा, जो पहली और दूसरी डोज के रूप में लगा होगा। बूस्टर खुराक के लिए लोगों को 150 रुपये तक खर्च करना होगे।

ये है मकसद

केंद्र सरकार के इस कदम का मकसद टीका निर्माता कंपनियों के पास तैयार खुराकों को खपाना है। सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) और भारत बायोटेक ने कम मांग और बढ़ते स्टॉक की वजह से कोविड-19 टीकों का उत्पादन बंद कर दिया है। भारत में बूस्टर खुराक को मंजूरी मिलने पर सीरम के सीईओ अदार पूनावाला ने कहा कि हम बूस्टर के बारे में भारत सरकार की घोषणा से खुश है। यह फैसला लंबी अवधि की सुरक्षा मुहैया कराएगा। पूनावाला ने कुछ टीवी चैनलों से बातचीत में इशारा किया कि सीरम निजी अस्पतालों को 600 रुपये प्रति खुराक से भी कम कीमत पर टीके दे सकती है।

प्राइवेट हॉस्पिटल के लिए तय है यह दाम

टीका            कीमत (रुपये प्रति खुराक)

कोविशील्ड         780

कोवैक्सीन          1,410

स्पूतनिक वी        1,145

कोर्बेवैक्स          1,140

कोवोवैक्स          1,095

नोट: जीएसटी और टीका लगाने के 150 रुपये के शुल्क सहित

(कीमत घोषित नहीं है। सूत्रों के मुताबिक एसआईआई ने भारत सरकार को संकेत दिया है कि उसने निजी बाजार में 900 रुपए प्रति खुराक कीमत वसूलने की योजना बनाई है। इसमें अन्य कर अलग होगा।)

इतना आ रहा है खर्च  

आबादी के इन वर्गों के लिए बूस्टर खुराक को जनवरी के पहले सप्ताह में मंजूरी दी गई थी।  पिछले साल जून में केंद्र ने निजी टीकाकरण केंद्रों के लिए टीके की एक खुराक लगाने का शुल्क 150 रुपये तय किया था। केंद्र ने निजी टीकाकरण केंद्रों को कर और लगाने के शुल्क सहित कोविशील्ड के लिए अधिकतम 780 रुपये, कोवाक्सिन के लिए 1,410 रुपये और स्पूतनिक वी के लिए 1,145 रुपये वसूलने को कहा था। निजी केंद्रों के लिए कोवीशील्ड की लागत 600 रुपये प्रति खुराक आती है, जो कोवाक्सिन के लिए 1,200 रुपये प्रति खुराक और स्पूतनिक वी के लिए 948 रुपये प्रति खुराक (जीएसटी अतिरिक्त) है। बायोलॉजिकल ई ने कहा है कि वह कोर्बिवैक्स की कीमत 800 रुपये प्रति खुराक (सभी कर अतिरिक्त) रखेगी। स्वास्थ्य मंत्रालय को मार्च में भेजे पत्र में सीरम ने कहा था कि वह निजी बाजार में कोवैक्स (नोवा वैक्स के टीके) की कीमत 900 रुपये (कर अतिरिक्त) तय करने के बारे में विचार कर रही है। जाइडस लाइफसाइंसेज अपना तीन खुराक का डीएनए टीका जाइकोव-डी केंद्र को 265 रुपये प्रति खुराक पर देती है और सुई रहित एप्लीकेटर डिवाइस की लागत 93 रुपये प्रति खुराक है।

कोविशील्ड की प्रति खुराक कीमत 600 से घटाकर 225 रुपये की

टीके के दाम 375 रुपये से कम भी हो सकते हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने बताया कि यदि कोई अस्पताल सर्विस चार्ज कम रखता है, तो यह खर्च और कम हो सकता है। इससे पहले सीरम इंडिया के सीईओ अदार पूनावाला ने टीके के दाम घटाने के फैसले की जानकारी एक ट्वीट के जरिये दी। उन्होंने लिखा, हमें यह बताते हुए खुशी है कि सरकार से चर्चा के बाद हमने निजी अस्पतालों के लिए कोविशील्ड की प्रति खुराक कीमत 600 रुपये से घटाकर 225 रुपये करने का फैसला लिया है। एक दिन पहले शुक्रवार को कंपनी ने कोविशील्ड की प्रति खुराक कीमत 600 रुपये रखने की जानकारी दी थी। वहीं, भारत बायोटेक की सह संस्थापक और संयुक्त प्रबंध निदेशक सुचित्रा इला ने ट्वीट किया, हम देश के सभी वयस्कों के लिए टीके की एहतियाती खुराक उपलब्ध कराने के फैसले का स्वागत करते हैं। इसके लिए हमने सरकार से बात कर दाम 1200 रुपये प्रति खुराक से घटाकर 225 रुपये करने का फैसला लिया है।

अब इतने को लग चुकी है वैक्सीन

15 साल से अधिक उम्र के करीब 96 फीसदी बच्चों को कोविड-19 टीके की कम से कम एक खुराक लग गई है, जबकि 15 साल से अधिक उम्र की करीब 83 फीसदी आबादी को दोनों खुराक लग चुकी है। कोविन डैशबोर्ड के मुताबिक देश में अब तक कोविड-19 टीकों की 1.85 अरब खुराक लग चुकी हैं। भारत में कुल खुराकों में 83.3 फीसदी कोविशील्ड टीके की लगी हैं, जबकि कुल खुराकों में कोवैक्सीन का हिस्सा करीब 16 फीसदी रहा है।  स्वास्थ्यकर्मियों, अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ताओं और वरिष्ठ नागरिकों को करीब 2.28 बूस्टर खुराक लगी है।  

बूस्टर डोज के लिए नियम और शर्तें

बूस्टर डोज निजी टीकाकरण केंद्रों पर उपलब्ध होगी। निजी टीकाकरण केंद्रों के माध्यम से 18 से अधिक उम्र की आबादी को बूस्टर खुराक देने का काम 10 अप्रैल यानी रविवार से शुरू होगा। खुराक के लिए 18 साल से अधिक उम्र होना जरुरी है। साथ ही बूस्टर डोज वही ले सकेंगे, जिन्होंने कोविड की दूसरी खुराक लेने के बाद 9 महीने पूरे कर लिए हैं। यह सुविधा सभी निजी टीकाकरण केंद्रों पर उपलब्ध होगी। बूस्टर डोज लगवाने के लिए लोगों को पैसे देने होंगे। 

ब्योरा दर्ज करना अनिवार्य: एहतियाती खुराक का पूरा ब्योरा कोविन पोर्टल पर दर्ज करना भी अनिवार्य है। निजी टीका केंद्रों को स्वास्थ्य मंत्रालय के दिशा-निर्देशों के अनुसार संचालित करना होगा।

नए पंजीकरण की जरूरत नहीं

केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने शनिवार को सभी राज्यों के स्वास्थ्य सचिवों के साथ बैठक के बाद कहा कि एहतियाती खुराक के लिए नए सिरे से पंजीकरण की जरूरत नहीं होगी, क्योंकि सभी लाभार्थी पहले से ही कोविन पोर्टल पर पंजीकृृत हैं। 

भारत बायोटेक ने निजी अस्पतालों से कहा, वह टीके के पहले से मौजूद स्टॉक को भी नई दर पर उपलब्ध कराएं। मूल्य का अंतर अस्पतालों को नई खुराक मुहैया कराके पूरा किया जाएगा। टीके की पांच करोड़ खुराकें तैयार हैं।

पहले लग चुका टीका ही लगेगा

केंद्र सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि एहतियाती खुराक में लोगों को वही टीका लगेगा, जिसकी पहली और दूसरी खुराक वे ले चुके हैं। यानी जिसने कोविशील्ड ली थी, उसे इसी की एहतियाती खुराक लगेगी।

बूस्टर खुराक के दुष्प्रभाव हैं?

कोविड-19 वैक्सीन की पहली खुराक लेने के बाद अनुभव किया था कि लोगों को कुछ अस्थायी लक्षण दिखाई दे सकते हैं। जिनमें गले में खराश, हाथ में सूजन, बुखार, शरीर में दर्द, सिरदर्द और थकान शामिल हैं। कुछ लोगों को ठंड लगना, सूजन लिम्फ नोड्स भी हो सकते हैं। हालांकि इसका ये संकेत नहीं हैं कि आप बीमार हैं। प्रतिरक्षा प्रणाली विकसित होने या टीके के प्रति प्रतिक्रिया में इस तरह के कुछ लक्षण दिखाई पड़ सकते हैं। उधर, मंत्रालय ने ये भी साफ किया है कि पात्र आबादी के लिए पहली और दूसरी खुराक के लिए सरकारी टीकाकरण केंद्रों के माध्यम से चल रहे मुफ्त टीकाकरण कार्यक्रम के साथ-साथ स्वास्थ्य कर्मियों, अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ताओं और 60 से अधिक आबादी के लिए एहतियाती खुराक जारी रहेगा और इसमें तेजी लाई जाएगी।

16 जनवरी 2021 को शुरू हुआ था टीकाकरण अभियान

देश भर में टीकाकरण अभियान 16 जनवरी, 2021 को शुरू किया गया था, जिसमें स्वास्थ्य कर्मियों को पहले चरण में टीका लगाया गया था। फ्रंटलाइन वर्कर्स का टीकाकरण पिछले साल 2 फरवरी से शुरू हुआ था। कोविड-19 टीकाकरण का अगला चरण पिछले साल 1 मार्च को 60 वर्ष से अधिक आयु के लोगों और 45 वर्ष और उससे अधिक आयु के लोगों के लिए किसी रोग से पीड़ितों को टीके के साथ शुरू हुआ था।

भारत ने पिछले साल 1 अप्रैल से 45 वर्ष से अधिक आयु के सभी लोगों के लिए टीकाकरण शुरू किया। इसके बाद सरकार ने पिछले साल 1 मई से 18 वर्ष से अधिक उम्र के सभी लोगों को वायरल बीमारी के खिलाफ टीकाकरण की अनुमति देकर अपने टीकाकरण अभियान का विस्तार करने का फैसला किया। टीकाकरण का अगला चरण इस साल 3 जनवरी से 15-18 वर्ष के आयु वर्ग के किशोरों के लिए शुरू हुआ है।


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