CoronaVirus Vaccine Update / कितनी सुरक्षित और कारगर होगी नाक से दी जाने वाली वैक्सीन?

AMAR UJALA : Aug 26, 2020, 01:38 PM
CoronaVirus Vaccine: कोरोना महामारी से जंग में दुनिया के कई देशों के वैज्ञानिकों को दवा और वैक्सीन तैयार करने में कामयाबी मिल रही है। कई देशों में अलग-अलग तरह की वैक्सीन विकसित की जा रही है। इसी क्रम में अमेरिकी वैज्ञानिकों ने कोरोना की एक ऐसी वैक्सीन विकसित की है, जिसकी खुराक नाक के जरिए दी जाएगी। पूर्व में कुछ वैज्ञानिक इसकी वकालत कर चुके हैं कि नाक के जरिए दी जाने वाली वैक्सीन कारगर साबित होगी, कारण कि कोरोना का संक्रमण ज्यादातर मुंह और नाक के जरिए ही शरीर के अंदर पहुंचता है। इस वैक्सीन का चूहे पर ट्रायल करने वाले वैज्ञानिकों का कहना है कि ट्रायल के परिणाम असरदार साबित हुए हैं। आइए जानते हैं इस वैक्सीन के बारे में: 

अमेरिका में विकसित की गई वैक्सीन(ChAd) का चूहे पर परीक्षण हुआ है, जिसके परिणाम असरदार साबित हुए हैं। इस वैक्सीन को विकसित करने में वाशिंगटन यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन के शोधकर्ता भी शामिल रहे हैं, जिनका कहना है कि वैक्सीन की खुराक देने पर चूहे में इम्यूनिटी भी बढ़ी और वायरस से लड़ने वाली न्यूट्रिलाइजिंग एंटीबॉडीज भी बढ़ी हैं। नाक और श्वसन तंत्र पर इसका फायदा देखा गया है।

कोरोना वायरस को ब्लॉक करती है वैक्सीन

वाशिंगटन यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन के शोधकर्ता माइकल एस डायमंड के मुताबिक, वैक्सीन की डोज चूहे में कोरोना संक्रमण को रोकने में असरदार साबित हुई है। वैक्सीन की डोज देने के बाद नाक के ऊपरी हिस्से के इम्यूनिटी विकसित हुई और कोरोना वायरस का प्रवेश ब्लॉक हो गया। अब तक के ट्रायल में परिणाम सकारात्मक रहे हैं।

वैक्सीन की कितनी डोज जरूरी?

रिसर्च जर्नल सेल में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक, शोधकर्ताओं ने कोरोना संक्रमित चूहों को जब  वैक्सीन की डोज दी, तो जांच में पता चला कि उनमें इम्यून रेस्पॉन्स तेजी से बढ़ा है। यह वैक्सीन फेफड़ों में संक्रमण, सूजन और कोरोना के जोखिमों से बचाती हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, आमतौर पर वैक्सीन की एक या दो डोज काफी है, लेकिन चूहों के फेफड़े में हाई लेवल का वायरस देखे जाने के कारण अधिक डोज देनी पड़ी। 

पहली डोज से ही असर शुरू

शोधकर्ता माइकल एस डायमंड के मुताबिक, वैक्सीन की पहली डोज से ही चूहे में वायरस सके खिलाफ एंटीबॉडी का स्तर बढ़ना शुरू हो गया। अब तक हुए ट्रायल से यही परिणाम निकलता है कि ChAd SARS-CoV-2-S वैक्सीन में वायरस से बचाने और इसका प्रसार रोकने की क्षमता है। वैक्सीन की मदद से ही चूहों को संक्रमण से बचाया जा सका। ट्रायल के परिणामों से शोधकर्ता उत्साहित हैं। 

दोबारा संक्रमण नहीं हुआ

शोधकर्ताओं का कहना है, वैक्सीन का असर लंबे समय तक रहा है। वैक्सीन की डोज के बाद चूहे में संक्रमण खत्म हुआ और फिर जब दोबारा चूहों को वायरस के संपर्क में आने की चुनौती मिली तो दोबारा संक्रमण नहीं हुआ। 

वैक्सीन से बड़ी उम्मीद

शोधकर्ताओं का कहना है कि जल्द ही दूसरे जानवरों पर इसका नैदानिक परीक्षण शुरू किया जाएगा। उन्हें उम्मीद है यह कोरोना वायरस को रोकने में मदद करेगी और महामारी के खिलाफ कारगर हथियार साबित होगी। मालूम हो कि रूस और चीन ने कोरोना की वैक्सीन तैयार कर ली है, जबकि भारत और अन्य देशों में भी जल्द वैक्सीन उपलब्ध होगी। 

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