Coronavirus / वैज्ञानिकों का दावा- कोरोना के नए स्ट्रेन से आसानी से लड़ सकती हैं हमारी एंटीबॉडी

Vikrant Shekhawat : Dec 30, 2020, 09:02 PM
Coronavirus: ब्रिटेन से आया कोरोना वायरस का नया स्ट्रेन तेजी से दुनियाभर में फैल रहा है। यह वायरस का ज्‍यादा संक्रामक रूप है लेकिन अभी यह साफ नहीं है कि यह उतना ही घातक है या नहीं। वैज्ञानिकों का कहना है कि वायरस या तो बेहद संक्रामक हो सकता है या बेहद घातक, लेकिन दोनों नहीं। पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड के वैज्ञानिकों के ताजा अध्ययन में यह दावा किया गया है। वैज्ञानिकों का यह भी मानना है कि हमारे शरीर में मौजूद एंटीबॉडी अन्य फ्लू की तरह इससे लड़ने में सक्षम हो सकती हैं।

वैज्ञानिकों ने कहा है कि नया स्ट्रेन अन्य रूपों के मुकाबले फेफड़ों के अलावा शरीर के दूसरे अंग खराब नहीं करता। हमारे शरीर में पहले से मौजूद एंटीबॉडी नए स्ट्रेन से लड़ने में सक्षम हैं। ब्रिटेन और अफ्रीका में मिले अब तक के केसों में अधिकांश मरीजों को कोई गंभीर लक्षण नहीं दिखाई दिए।

शोधकर्ताओं ने ब्रिटेन में करीब 1800 लोगों के दो समूहों जिनमें नए स्ट्रेन वाले मरीज और कोरोना के पुराने रूप से संक्रमित मरीजों का अध्ययन किया। पता चला कि गंभीर अवस्था में जिन 42 लोगों को अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत पड़ी उनमें से 16 नए स्ट्रेन के कारण, जबकि 26 पुराने स्ट्रेन की वजह से बीमार पड़े थे। इससे नतीजा निकाला गया कि यह स्‍ट्रेन ज्‍यादा संक्रामक तो है, मगर गंभीर रूप से बीमार नहीं करता।

ब्रिटिश यूनिवर्सिटी ऑफ रीडिंग में वायरलॉजी के प्रोफेसर इयान जोन्‍स के अनुसार, अगर कोई वायरस म्‍यूटेट होकर ज्‍यादा घातक हो जाता है तो संभावना यही है कि वह दूसरे को संक्रमित करने से पहले होस्‍ट को ही मार देगा।

इस्तेमाल हो रहे टीके प्रभावी होंगे:

ब्रिटेन, अमेरिका समेत जिन अन्य देशों में कोरोना की वैक्सीन लगाई जा रही वहां की सरकारों का कहना है कि वर्तमान में इस्तेमाल किए जा रहे टीके वायरस के नए स्ट्रेन पर भी उतने ही कारगर होंगे। भारत में स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि जल्द ही आने वाले टीके इस नए वायरस पर भी असरदार होंगे।

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