देश / डीसीजीआई ने 12-18 वर्ष की आयु के बच्चों में कोवैक्सीन के आपातकालीन उपयोग को दी मंज़ूरी

Zoom News : Dec 26, 2021, 08:05 AM
नई दिल्ली: देश में कोरोना वायरस और उसके वेरियंट ओमीक्रोन के तेजी से बढ़ते खतरे के बीच भारत के औषधि महानियंत्रक (DCGI) ने कुछ शर्तों के साथ 12 साल से अधिक उम्र के किशोरों के लिए भारत बायोटेक (Bharat Biotech) के कोविड-19 रोधी टीके कोवैक्सीन (Covaxin vaccine) को आपातकालीन उपयोग के वास्ते मंजूरी दे दी है. सूत्रों ने शनिवार को यह जानकारी दी.

केंद्रीय औषध मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) की कोविड-19 पर विषय विशेषज्ञ समिति (एसईसी) ने 12 अक्टूबर को भारत बायोटेक के आपात इस्तेमाल के लिए आवेदन पर विचार करने के बाद कुछ शर्तों के साथ 12-18 वर्ष आयु वर्ग के किशोरों के लिए कोवैक्सीन को आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी देने की सिफारिश की थी.

एक सूत्र ने बताया, एसईसी की सिफारिशों का मूल्यांकन एक अन्य विशेषज्ञ समिति द्वारा किया गया था, जिसके बाद डीसीजीआई ने टीका निर्माता कंपनी से अतिरिक्त डेटा मांगा था. सूत्र ने बताया कि डीसीजीआई ने शुक्रवार को अपनी मंजूरी दे दी. भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) ने कुछ शर्तों के साथ 12 साल से अधिक उम्र के किशोरों के लिए भारत बायोटेक के कोविड-19 रोधी टीके कोवैक्सीन को आपातकालीन उपयोग के वास्ते मंजूरी दे दी है. अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी.

यह जायडस कैडिला द्वारा तैयार बिना सुई वाले कोविड-19 रोधी टीके जायकोव-डी के बाद 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों-किशोरों के बीच उपयोग के लिए नियामक की अनुमति प्राप्त करने वाला दूसरा टीका है. रात में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घोषणा की कि 15 से 18 साल के किशोरों के लिए कोविड-19 रोधी टीकाकरण तीन जनवरी से शुरू होगा.

केंद्रीय औषध मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) की कोविड-19 पर विषय विशेषज्ञ समिति (एसईसी) ने 11 अक्टूबर को भारत बायोटेक के आपात इस्तेमाल के लिए आवेदन पर विचार करने के बाद कुछ शर्तों के साथ 2-18 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों-किशोरों के लिए कोवैक्सीन को आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी देने की सिफारिश की थी.

12 साल से 18 साल के किशोरों के लिए टीके की अनुमति

एक अधिकारी ने बताया, एसईसी की सिफारिशों का मूल्यांकन एक अन्य विशेषज्ञ समिति द्वारा किया गया था, जिसके बाद डीसीजीआई ने टीका निर्माता कंपनी से अतिरिक्त डेटा मांगा था. अधिकारी ने बताया कि डीसीजीआई ने शुक्रवार को अपनी मंजूरी दे दी. डीसीजीआई के मंजूरी आदेश में कहा गया है कि मुहैया कराए गए अतिरिक्त सुरक्षा डेटा और एसईसी विशेषज्ञों की सिफारिश के आधार पर 12 साल से 18 साल के किशोरों के लिए टीके की अनुमति देने पर कोई आपत्ति नहीं है.

भारत बायोटेक ने कोवैक्सीन टीके के इस्तेमाल के लिए दूसरे-तीसरे चरण के परीक्षणों को पूरा किया

हैदराबाद की टीका बनाने वाली कंपनी भारत बायोटेक ने 2 से 18 वर्ष की आयु के बच्चों के बीच कोवैक्सीन टीके के इस्तेमाल के लिए दूसरे-तीसरे चरण के परीक्षणों को पूरा किया. इसके बाद कंपनी ने सीडीएससीओ को सत्यापन और आपातकालीन उपयोग मंजूरी के लिए अक्टूबर की शुरुआत में डेटा जमा किया था.

भारत बायोटेक ने कहा, कोवैक्सीन को इस तरह तैयार किया गया ताकि वयस्कों और बच्चों को समान खुराक दी जा सके

घटनाक्रम पर भारत बायोटेक ने एक बयान में कहा, कोवैक्सीन को इस तरह तैयार किया गया है ताकि वयस्कों और बच्चों को समान खुराक दी जा सके. कोवैक्सीन ने कोविड-19 के मूल स्वरूप और बाद के स्वरूपों के लिए वयस्कों में सुरक्षा और असर के लिए एक सिद्ध रिकॉर्ड दिखाया है. हमने बच्चों में उत्कृष्ट सुरक्षा और प्रतिरक्षा डेटा का दस्तावेजीकरण किया है. हम कोवैक्सीन के जरिए वयस्कों और बच्चों के लिए समान स्तर की सुरक्षा प्रदान करने को लेकर आशान्वित हैं.

अगले साल तीन जनवरी से 15 साल से 18 साल के बच्चों का टीकाकरण अभियान आरंभ होगा: पीएम मोदी

बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को घोषणा की कि अगले साल तीन जनवरी से 15 साल से 18 साल की आयु के बीच के बच्चों के लिये कोविड टीकाकरण अभियान आरंभ किया जाएगा। साथ ही 10 जनवरी से स्वास्थ्य व अग्रिम मोर्चे पर तैनात कर्मियों, अन्य गंभीर बीमारियों से ग्रसित 60 साल से ऊपर के लोगों को एहतियात के तौर पर टीकों की खुराक दिए जाने की शुरुआत की जाएगी.

15 साल से 18 साल की आयु के बीच के जो बच्चे हैं, अब उनके लिए टीकाकरण आरंभ होगा

प्रधानमंत्री ने राष्ट्र के नाम संबोधन में यह घोषणाएं की. उन्होंने इस अवसर पर देशवासियों से किसी भी प्रकार के अफवाह से बचने और कोरोना के नए स्वरूप ओमीक्रोन से सतर्क रहने की गुजारिश की. उन्होंने कहा, 15 साल से 18 साल की आयु के बीच के जो बच्चे हैं अब उनके लिए देश में टीकाकरण आरंभ होगा. वर्ष 2022 में तीन जनवरी को सोमवार के दिन से इसकी शुरुआत की जाएगी. उन्होंने कहा कि यह फैसला कोरोना वायरस के खिलाफ देश की लड़ाई को तो मजबूत करेगा ही, स्कूल और कॉलेजों में जा रहे बच्चों की और उनके माता-पिता की चिंता भी कम करेगा.

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