प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भूटान दौरे के दौरान भारत की राजधानी दिल्ली में हुए भयावह कार ब्लास्ट पर अपनी गहरी संवेदनाएं व्यक्त की हैं। सोमवार, 10 नवंबर को लाल किला के पास हुई इस घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। पीएम मोदी ने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि इस घटना से जुड़े किसी भी साजिशकर्ता को बख्शा नहीं जाएगा और सभी दोषियों को न्याय के कटघरे में लाया जाएगा।
भूटान से पीएम मोदी का कड़ा संदेश
भूटान की अपनी आधिकारिक यात्रा पर गए प्रधानमंत्री मोदी ने दिल्ली में हुई इस त्रासदी पर अपनी भावनाएं व्यक्त करते हुए कहा कि 'दिल्ली में हुई भयावह घटना ने सभी के मन को व्यथित कर दिया है। मैं भूटान बहुत भारी मन से आया हूं। ' उन्होंने बताया कि घटना के बाद से ही वे पूरी रात जांच से जुड़ी एजेंसियों के साथ बैठकें करते रहे। पीएम मोदी ने देश को आश्वस्त किया कि पूरा देश पीड़ित। परिवारों के साथ खड़ा है और वे उनके दर्द को समझते हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि एजेंसियां इस साजिश की तह तक जाएंगी और 'किसी भी साजिशकर्ता को बख्शा नहीं जाएगा। ' उन्होंने अंग्रेजी में भी कहा, 'All those responsible will be brought to justice,' जो उनके दृढ़ संकल्प को दर्शाता है। यह बयान ऐसे समय में आया है जब देश की सुरक्षा एजेंसियां इस विस्फोट के पीछे के कारणों और जिम्मेदार लोगों की तलाश में जुटी हुई हैं।
विस्फोट की भयावहता और हताहतों की संख्या
दिल्ली में लाल किला मेट्रो के गेट नंबर एक के पास एक धीमी गति से चल रही कार में। हुए इस शक्तिशाली विस्फोट की तीव्रता इतनी भयानक थी कि आस-पास मौजूद अन्य गाड़ियों और लोगों के परखच्चे उड़ गए। इस दुखद घटना में मरने वालों की संख्या बढ़कर 12 हो गई है, जिसकी जानकारी पुलिस ने मंगलवार को दी। इसके अलावा, 20 से अधिक लोग घायल हुए हैं, जिनका विभिन्न अस्पतालों में इलाज चल रहा है। घायलों में से कई की हालत गंभीर बताई जा रही है, जिससे मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका बनी हुई है। यह विस्फोट लाल किला जैसे संवेदनशील और भीड़भाड़ वाले इलाके के पास हुआ, जिसने सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल खड़े किए हैं।
जांच एजेंसियों की सक्रियता
दिल्ली पुलिस समेत देश की तमाम प्रमुख एजेंसियां इस घटना की जांच में जुट गई हैं। मौके पर मौजूद जांच दल धमाके के कारण का पता लगाने में लगे हैं। पुलिस ने घटना की जांच के दौरान कई संदिग्ध लोगों को हिरासत में लिया है और उनसे पूछताछ की जा रही है। फॉरेंसिक टीमें घटनास्थल से सबूत इकट्ठा कर रही हैं ताकि विस्फोट के पीछे की सच्चाई और साजिशकर्ताओं तक पहुंचा जा सके। जांच का मुख्य उद्देश्य यह पता लगाना है कि क्या यह कोई आतंकी हमला था या इसके पीछे कोई अन्य मकसद था। एजेंसियों का मानना है कि इस घटना के पीछे एक गहरी साजिश हो सकती है, जिसकी परतें खोलना बेहद जरूरी है।
भूटान का भारत के प्रति समर्थन
इस दुखद घड़ी में पड़ोसी देश भूटान ने भी भारत के प्रति अपनी एकजुटता और संवेदना व्यक्त की है। भूटान के नेतृत्व ने 10 नवंबर को दिल्ली में हुए विस्फोट में बहुमूल्य जिंदगियों की दुखद क्षति पर हार्दिक संवेदना व्यक्त की है। उन्होंने विस्फोट से प्रभावित सभी लोगों के लिए विशेष प्रार्थनाएं की हैं। भूटान के महामहिम राजा ने थिम्पू के चांगलिमिथांग स्टेडियम में हजारों भूटानियों के साथ मिलकर दिल्ली विस्फोट के पीड़ितों के लिए प्रार्थना का नेतृत्व किया और यह भारत और भूटान के बीच गहरे संबंधों और आपसी सम्मान को दर्शाता है, जहां एक देश की त्रासदी पर दूसरा देश भी समान रूप से दुख व्यक्त करता है और समर्थन में खड़ा होता है। यह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत के प्रति सहानुभूति और समर्थन का एक महत्वपूर्ण संकेत है।
आगे की कार्रवाई और सुरक्षा उपाय
इस घटना के बाद दिल्ली और देश के अन्य प्रमुख शहरों में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। संवेदनशील इलाकों और भीड़भाड़ वाले स्थानों पर अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किए गए हैं और जांच एजेंसियां इस बात पर भी ध्यान केंद्रित कर रही हैं कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को कैसे रोका जा सके। प्रधानमंत्री मोदी के बयान ने यह स्पष्ट कर दिया है कि सरकार इस मामले को गंभीरता से ले रही है और दोषियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। देश को उम्मीद है कि जल्द ही इस साजिश का पर्दाफाश होगा और पीड़ितों को न्याय मिलेगा।