राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और इसके आसपास के एनसीआर क्षेत्र में कड़ाके की ठंड के बीच वायु प्रदूषण ने एक गंभीर संकट का रूप ले लिया है। लोगों को सांस लेने में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, और यह स्थिति स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक मानी जा रही है। दिल्ली को स्मॉग की एक मोटी चादर ने घेर लिया है, जिससे दिन के समय भी दृश्यता काफी कम हो गई है।
दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण का कहर
दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण अपने चरम पर है, और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के आंकड़ों के अनुसार, यह 'गंभीर' श्रेणी में आता है और राष्ट्रीय राजधानी के विभिन्न इलाकों में औसतन वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 470 के आसपास दर्ज किया गया है। यह आंकड़ा दर्शाता है कि हवा में प्रदूषकों की मात्रा इतनी अधिक है कि यह स्वस्थ व्यक्तियों के लिए भी हानिकारक है, और विशेष रूप से संवेदनशील आबादी के लिए जानलेवा साबित हो सकती है। इस गंभीर स्थिति के कारण, निवासियों को घरों के अंदर रहने और बाहरी गतिविधियों से बचने की सलाह दी जा रही है।
प्रमुख इलाकों में वायु गुणवत्ता सूचकांक
दिल्ली के विभिन्न प्रमुख इलाकों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) चिंताजनक स्तर पर पहुंच गया है। अक्षरधाम इलाके में AQI 493 दर्ज किया गया है, जो 'गंभीर' श्रेणी के उच्चतम स्तर के करीब है। इसी तरह, सरदार पटेल मार्ग पर AQI 483, बाराखंभा रोड पर AQI 474, द्वारका सेक्टर-14 में AQI 469 और बारापुला फ्लाईओवर पर AQI 433 दर्ज किया गया है। पंडित पंत मार्ग पर भी AQI 417 रहा। ये आंकड़े स्पष्ट रूप से दर्शाते हैं कि दिल्ली-एनसीआर का कोई भी हिस्सा इस गंभीर वायु प्रदूषण से अछूता नहीं है, और हर जगह हवा की गुणवत्ता बेहद खराब है।
कम दृश्यता और यातायात पर असर
धुंध की मोटी चादर के कारण दिल्ली के कई इलाकों में दृश्यता काफी कम हो गई है। सुबह के समय यह स्थिति और भी बदतर हो जाती है, जिससे सड़कों पर यातायात बुरी तरह प्रभावित हो रहा है और वाहन रेंग-रेंग कर चल रहे हैं, और चालकों को हेडलाइट जलाकर धीरे-धीरे गाड़ी चलानी पड़ रही है। बाराखंभा रोड और पंडित पंत मार्ग जैसे व्यस्त इलाकों में भी सुबह 6 बजे AQI क्रमशः 474 और 417। दर्ज किया गया, जिससे यह स्पष्ट होता है कि दिन की शुरुआत से ही प्रदूषण का स्तर बेहद खतरनाक था। कम दृश्यता के कारण दुर्घटनाओं का खतरा भी बढ़ गया है, जिससे यात्रियों और चालकों दोनों को अतिरिक्त सावधानी बरतने की आवश्यकता है।
AQI श्रेणियों की विस्तृत जानकारी
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) को विभिन्न श्रेणियों में वर्गीकृत करता है ताकि आम जनता को प्रदूषण के स्तर और उसके संभावित स्वास्थ्य प्रभावों को समझने में मदद मिल सके और 0-50 के बीच का AQI 'अच्छा' माना जाता है, जबकि 51-100 'संतोषजनक' होता है। 101-200 'मध्यम' श्रेणी में आता है, और 201-300 'खराब' माना जाता है। 301-400 'अत्यंत खराब' की श्रेणी में आता है, और वर्तमान में दिल्ली-एनसीआर में दर्ज किया गया 401-500 के बीच का AQI 'गंभीर' श्रेणी में आता है। यह वर्गीकरण लोगों को प्रदूषण के स्तर के आधार पर आवश्यक सावधानी बरतने में मदद करता है।
स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव और बचाव के उपाय
'गंभीर' श्रेणी का AQI स्वस्थ लोगों के लिए भी अत्यंत खतरनाक माना जाता है। इस स्तर के प्रदूषण से सांस लेने में तकलीफ, खांसी, गले में खराश और आंखों में जलन जैसी समस्याएं आम हो जाती हैं और लंबे समय तक ऐसे वातावरण में रहने से फेफड़ों और हृदय संबंधी गंभीर बीमारियां हो सकती हैं। बच्चों, बुजुर्गों और पहले से ही श्वसन संबंधी बीमारियों से पीड़ित लोगों के लिए यह स्थिति विशेष रूप से जोखिम भरी है और विशेषज्ञों द्वारा सलाह दी जा रही है कि लोग जितना संभव हो सके घरों के अंदर रहें, बाहरी गतिविधियों और खुले में व्यायाम करने से बचें। यदि बाहर निकलना आवश्यक हो, तो N95 मास्क का उपयोग करें और सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करें ताकि सड़कों पर वाहनों की संख्या कम हो सके और घरों के अंदर एयर प्यूरीफायर का उपयोग करना और खिड़कियों को बंद रखना भी सहायक हो सकता है।
दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण का यह मौजूदा संकट एक गंभीर जनस्वास्थ्य आपातकाल की स्थिति पैदा कर रहा है, जिसके तत्काल और प्रभावी समाधान की आवश्यकता है।