Delhi Pollution Level / दिल्ली-NCR में प्रदूषण, कोहरा और ठंड का तिहरा हमला: विजिबिलिटी शून्य, AQI 400 पार

दिल्ली-NCR में प्रदूषण डार्क रेड जोन में है, कई इलाकों में विजिबिलिटी शून्य हो गई है, और बढ़ती सर्दी ने लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। AQI 400 के पार पहुंच गया है, जिससे सांस लेने में दिक्कत और आंखों में जलन जैसी स्वास्थ्य समस्याएं आम हो गई हैं। मौसम विभाग ने कोहरे का येलो अलर्ट जारी किया है।

दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) इस समय एक अभूतपूर्व मौसमी चुनौती का सामना कर रहा है, जहां प्रदूषण, घना। कोहरा और कड़ाके की ठंड एक साथ मिलकर निवासियों के लिए गंभीर परेशानी का सबब बन गए हैं। इन तीनों कारकों के संयुक्त प्रभाव ने क्षेत्र के जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया। है, जिससे दैनिक गतिविधियों में बाधा आ रही है और स्वास्थ्य संबंधी चिंताएं बढ़ गई हैं। कई इलाकों में दृश्यता लगभग शून्य हो गई है, जिससे सड़कों पर चलना बेहद जोखिम भरा हो गया है, जबकि वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है, जो 'डार्क रेड जोन' की स्थिति को दर्शाता है। यह स्थिति न केवल वर्तमान में लोगों के लिए मुश्किल खड़ी कर रही है, बल्कि आने वाले दिनों के। लिए भी चिंता का विषय बनी हुई है, जिससे निवासियों को अत्यधिक सावधानी बरतने की सलाह दी गई है।

प्रदूषण का खतरनाक स्तर: डार्क रेड जोन में दिल्ली-NCR

दिल्ली-NCR में प्रदूषण का स्तर बेहद खतरनाक स्थिति में पहुंच गया है, जिसे 'डार्क रेड जोन' के रूप में वर्गीकृत किया गया है। बुधवार सुबह 6 बजे समीर ऐप के आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली के 38 सक्रिय AQI मॉनिटरिंग सेंटरों में से 37 पर प्रदूषण खतरनाक स्थिति में दर्ज किया गया और यह दर्शाता है कि लगभग पूरे शहर की हवा सांस लेने लायक नहीं है और इसमें सांस लेना स्वास्थ्य के लिए गंभीर रूप से हानिकारक है। 15 इलाकों में AQI 'डार्क रेड जोन' में दर्ज किया गया है, जिसका अर्थ है कि इन क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता अत्यंत खराब है और यह स्वस्थ व्यक्तियों को भी गंभीर रूप से प्रभावित कर सकती है, खासकर संवेदनशील आबादी जैसे बच्चों, बुजुर्गों और श्वसन संबंधी बीमारियों से ग्रस्त लोगों को। इसके अतिरिक्त, 23 इलाकों में 'रेड अलर्ट' जारी किया गया है, जहां AQI 300 से 400 के बीच बना हुआ है, जो भी स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है और लंबे समय तक संपर्क में रहने पर गंभीर परिणाम दे सकता है और दिल्ली का ओवरऑल AQI 383 दर्ज किया गया है, जो 'बहुत खराब' श्रेणी में आता है, लेकिन कई व्यक्तिगत इलाकों में यह 400 के आंकड़े को पार कर गया है, जो स्थिति की भयावहता को उजागर करता है।

विभिन्न इलाकों में AQI की भयावह स्थिति

प्रदूषण के आंकड़ों पर गौर करें तो, आनंद विहार का AQI सबसे अधिक 452 दर्ज किया गया है, जो स्थिति की गंभीरता को दर्शाता है और इसे 'गंभीर' श्रेणी में रखता है। वहीं, NSIT द्वारका का AQI 297 दर्ज किया गया है, जो तुलनात्मक रूप से कम होने के बावजूद अभी भी 'खराब' श्रेणी में आता है और संवेदनशील व्यक्तियों के लिए अस्वस्थ है। अन्य प्रमुख इलाकों में भी AQI 400 के पार है, जो 'गंभीर' या 'बहुत खराब' श्रेणी में आते हैं। इनमें अशोक विहार (414), चांदनी चौक (417), द्वारका सेक्टर-8 (410), आईटीओ (424), जहांगीरपुरी (426), नेहरू नगर (428), पटपड़गंज (427), आरके पुरम (408), रोहिणी (428), सिरी फोर्ट (405), विवेक विहार (443), वजीरपुर (439), शादीपुर (433), पंजाबी बाग (426) और करनी शूटिंग रेंज (400) शामिल हैं। ये आंकड़े स्पष्ट रूप से दर्शाते हैं कि दिल्ली का एक बड़ा हिस्सा गंभीर वायु प्रदूषण की चपेट में। है, जिससे निवासियों के स्वास्थ्य पर सीधा खतरा मंडरा रहा है और उन्हें तत्काल एहतियाती कदम उठाने की आवश्यकता है।

घने कोहरे की चादर और शून्य दृश्यता

प्रदूषण के साथ-साथ, दिल्ली-NCR घने कोहरे की मोटी चादर में लिपटा हुआ है। कई इलाकों में दृश्यता (विजिबिलिटी) लगभग शून्य हो गई है, जिससे सड़क पर चलना दूभर हो गया है और दैनिक आवागमन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। आईटीओ (ITO) और जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम के पास घने कोहरे की परत छाई हुई है, जिससे सुबह के समय वाहन चालकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है और इस स्थिति में हेडलाइट्स भी प्रभावी नहीं होतीं और वाहन बहुत धीमी गति से चलने को मजबूर होते हैं। दिलशाद गार्डन, आनंद विहार, मयूर विहार, लक्ष्मी नगर, अक्षरधाम और ओखला जैसे क्षेत्रों में भी दृश्यता लगभग न के बराबर रही, जिससे पैदल चलने वालों और साइकिल चालकों के लिए भी खतरा बढ़ गया है। नोएडा के ओखला बर्ड सेंचुरी, यमुना एक्सप्रेसवे और इसके आसपास के अधिकांश इलाकों में भी यही स्थिति देखने को मिली, जहां लंबी दूरी की यात्रा करने वाले चालकों को विशेष रूप से सतर्क रहना पड़ा। इस घने कोहरे का सबसे ज्यादा असर वाहन चालकों पर पड़ रहा है, क्योंकि सड़कों पर कुछ भी ठीक से दिखाई नहीं दे रहा है, जिससे दुर्घटनाओं की संभावना काफी हद तक बढ़ गई है और यातायात धीमा हो गया है।

बढ़ती ठंड और शीतलहर का प्रकोप

प्रदूषण और कोहरे के साथ-साथ, दिल्ली-NCR में बढ़ती सर्दी ने भी लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। बुधवार को न्यूनतम तापमान 8 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचने की संभावना है, जो सामान्य से कम है और ठिठुरन भरी ठंड का संकेत है। पहाड़ों पर हो रही बर्फबारी का असर दिल्ली-NCR में बड़े पैमाने पर देखने को मिल रहा है, जिससे शीतलहर का प्रकोप बढ़ गया है। ठिठुरन भरी ठंड ने लोगों को घरों में दुबकने पर मजबूर कर दिया है, खासकर सुबह और शाम के समय, जब तापमान सबसे कम होता है। यह बढ़ती ठंड, घने कोहरे और प्रदूषण के साथ मिलकर एक ऐसी स्थिति पैदा कर रही है, जो निवासियों के लिए शारीरिक और मानसिक दोनों तरह से चुनौतीपूर्ण है, जिससे उन्हें गर्म कपड़े पहनने और हीटिंग उपकरणों का उपयोग करने की आवश्यकता पड़ रही है।

स्वास्थ्य पर गंभीर असर और अस्पतालों में मरीजों की भीड़

प्रदूषण, कोहरे और ठंड के इस तिहरे हमले का सीधा असर लोगों के स्वास्थ्य पर पड़ रहा है और गले में खराश, आंखों में जलन और सांस लेने में परेशानी जैसी शिकायतें बेहद आम हो गई हैं, जो वायु प्रदूषण के उच्च स्तर और ठंडी हवा के कारण होती हैं। खासकर बच्चों, बुजुर्गों और पहले से ही श्वसन संबंधी बीमारियों जैसे अस्थमा या ब्रोंकाइटिस से जूझ रहे लोगों के लिए यह। स्थिति और भी खतरनाक है, क्योंकि यह उनके लक्षणों को बढ़ा सकती है और नई स्वास्थ्य समस्याओं को जन्म दे सकती है। अस्पतालों में श्वसन संबंधी समस्याओं और अन्य मौसमी बीमारियों से पीड़ित मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा दर्ज किया गया है, जिससे स्वास्थ्य सेवाओं पर दबाव बढ़ गया है। डॉक्टरों ने लोगों को घर के अंदर रहने, मास्क पहनने, पर्याप्त तरल पदार्थ पीने और आवश्यक सावधानी बरतने की सलाह दी है, ताकि इन स्वास्थ्य जोखिमों से बचा जा सके और किसी भी लक्षण के दिखने पर तुरंत चिकित्सा सहायता ली जा सके।

मौसम विभाग की चेतावनी और आगामी दिनों का पूर्वानुमान

मौसम विभाग ने वर्तमान स्थिति को देखते हुए बुधवार के लिए घने कोहरे का 'येलो अलर्ट' जारी किया है, जो वाहन चालकों और पैदल चलने वालों के लिए अतिरिक्त सावधानी बरतने का संकेत है। येलो अलर्ट का मतलब है कि मौसम की स्थिति पर नजर रखने और सतर्क रहने की आवश्यकता है। इसके अलावा, विभाग ने कल यानी नए साल के मौके पर दिल्ली में बारिश की संभावना भी जताई है और बारिश से कुछ हद तक प्रदूषण में कमी आ सकती है, क्योंकि यह हवा में मौजूद कणों को नीचे बिठा देती है, लेकिन यह ठंड और ठिठुरन को और बढ़ा सकती है, जिससे लोगों को दोहरी चुनौती का सामना करना पड़ सकता है।

आज का अधिकतम तापमान 23 डिग्री सेल्सियस रहने की संभावना है, लेकिन न्यूनतम तापमान 8 डिग्री सेल्सियस पर बना रहेगा, जिससे दिन और रात के तापमान में बड़ा अंतर रहेगा और सुबह-शाम कड़ाके की ठंड महसूस होगी। दिल्ली के अलावा, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के अन्य प्रमुख शहर जैसे नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद और गुरुग्राम भी खतरनाक स्तर के प्रदूषण की चपेट में हैं। नोएडा का AQI 408, ग्रेटर नोएडा का AQI 406, गाजियाबाद का। AQI 388 और गुरुग्राम का AQI 326 रिकॉर्ड किया गया है। ये आंकड़े दर्शाते हैं कि यह समस्या केवल दिल्ली तक सीमित नहीं है, बल्कि पूरे NCR क्षेत्र को प्रभावित कर रही है, जिससे एक व्यापक क्षेत्रीय संकट पैदा हो गया है। इन शहरों में भी घने कोहरे और ठंड का समान प्रभाव देखा जा रहा है, जिससे वहां के निवासियों को भी वैसी ही परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, जैसे कि दृश्यता में कमी, सांस लेने में दिक्कत और ठिठुरन भरी ठंड। यह स्थिति क्षेत्रीय सहयोग और समन्वित प्रयासों की आवश्यकता को रेखांकित करती है।

पहाड़ी राज्यों में बर्फबारी का दिल्ली पर प्रभाव

पहाड़ी राज्यों, विशेषकर हिमालयी क्षेत्रों में हो रही भारी बर्फबारी का सीधा असर दिल्ली-NCR के मौसम पर पड़ रहा है। बर्फबारी के कारण चलने वाली ठंडी हवाएं मैदानी इलाकों तक पहुंच रही हैं, जिससे तापमान में गिरावट आ रही है और शीतलहर का प्रकोप बढ़ रहा है और ये ठंडी और शुष्क हवाएं प्रदूषण के कणों को भी अपने साथ ला सकती हैं या उन्हें मैदानी इलाकों में रोक सकती हैं, जिससे वायु गुणवत्ता और खराब हो जाती है। यह प्राकृतिक घटना, स्थानीय प्रदूषण और कोहरे के साथ मिलकर एक जटिल मौसमी पैटर्न बना रही है, जो क्षेत्र के निवासियों के लिए गंभीर चुनौतियां पेश कर रहा है। आने वाले दिनों में भी इस स्थिति में तत्काल सुधार की उम्मीद कम है, जिससे लोगों को सतर्क रहने। और आवश्यक एहतियाती कदम उठाने की सलाह दी गई है, ताकि वे इन प्रतिकूल मौसमी परिस्थितियों से सुरक्षित रह सकें।