राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और इसके आसपास के एनसीआर क्षेत्र में इन दिनों मौसम एक दोहरी चुनौती पेश कर रहा है और एक तरफ जहां सुबह और रात के समय में ठंड का एहसास बढ़ने लगा है, वहीं दूसरी ओर वायु प्रदूषण का स्तर भी लगातार चिंताजनक बना हुआ है। दिल्ली के कई इलाकों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 400 के आंकड़े को पार कर गया है, जो हवा की गुणवत्ता को 'गंभीर' श्रेणी में धकेलता है। यह स्थिति निवासियों के लिए स्वास्थ्य संबंधी जोखिमों को बढ़ा रही है,। खासकर ऐसे समय में जब तापमान में गिरावट दर्ज की जा रही है।
बढ़ती ठंड और गिरता तापमान
दिल्ली-एनसीआर के निवासियों को अब सुबह और रात के समय में स्पष्ट रूप से ठंड का अनुभव होने लगा है और मौसम विभाग ने आने वाले दिनों में तापमान में और अधिक गिरावट की भविष्यवाणी की है, जिससे ठंड का प्रकोप बढ़ने की संभावना है। यह मौसमी बदलाव अक्सर प्रदूषण के कणों को निचले वायुमंडल में फंसा लेता है, जिससे हवा की गुणवत्ता और खराब हो जाती है और ठंडी हवाएं और कम तापमान प्रदूषण के फैलाव को रोकते हैं, जिससे यह जमीन के करीब जमा हो जाता है और लोगों के लिए सांस लेना मुश्किल हो जाता है।
एनसीआर में प्रदूषण का बढ़ता स्तर
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के आंकड़ों के अनुसार, सोमवार। को राष्ट्रीय राजधानी में वायु गुणवत्ता 'गंभीर' श्रेणी में पहुंच गई। सुबह 7 बजे दिल्ली का औसत AQI 346 दर्ज किया गया, जो 'बेहद खराब' श्रेणी के ऊपरी छोर पर है और 'गंभीर' श्रेणी के करीब है। दिल्ली के पड़ोसी शहरों में भी स्थिति कुछ खास बेहतर नहीं थी और नोएडा का AQI 336 और गाजियाबाद का AQI 302 दर्ज किया गया, दोनों ही 'बेहद खराब' श्रेणी में आते हैं। यह आंकड़े दर्शाते हैं कि पूरे एनसीआर क्षेत्र में हवा। की गुणवत्ता एक गंभीर चिंता का विषय बनी हुई है।
दिल्ली के विभिन्न इलाकों में प्रदूषण का स्तर और भी अधिक चिंताजनक रहा। CPCB के आंकड़ों के अनुसार, आनंद विहार में AQI 379, अलीपुर में 351, अशोक विहार में AQI 373 और बवाना में सबसे अधिक 412 दर्ज किया गया और बवाना का यह आंकड़ा सीधे तौर पर 'गंभीर' श्रेणी में आता है, जो बेहद खतरनाक स्थिति को दर्शाता है। इसके अलावा, चांदनी चौक में AQI 365, बुराड़ी में AQI 389, ITO में AQI 378, मुंडका में 378, ओखला में 347 और PUSA में AQI 348 दर्ज किया गया। ये सभी आंकड़े 'बेहद खराब' श्रेणी में हैं, जो संवेदनशील आबादी के लिए गंभीर स्वास्थ्य प्रभावों का संकेत देते हैं।
पिछले दिनों का AQI रुझान
पिछले कुछ दिनों से दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता लगातार खराब बनी हुई है। रविवार को राष्ट्रीय राजधानी में वायु गुणवत्ता सुबह 'गंभीर' श्रेणी में रही,। जब सुबह 7 बजे तक दिल्ली का AQI 392 दर्ज किया गया था। इससे एक दिन पहले, शनिवार को राजधानी में AQI 'बेहद खराब' श्रेणी में आ गया था और दिल्ली का AQI 355 रहा और शुक्रवार को भी राजधानी में AQI 'बेहद खराब' श्रेणी में था, जिसका आंकड़ा 312 था। दिवाली के बाद से, दिल्ली-एनसीआर में AQI कई इलाकों में लगातार 'खराब' और 'बेहद खराब' श्रेणी में। बना हुआ है, जो इस बात का प्रमाण है कि प्रदूषण एक दीर्घकालिक समस्या बन चुका है।
GRAP-2 के तहत उठाए गए कदम
बिगड़ती वायु गुणवत्ता को देखते हुए, ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) का चरण 2 अभी भी दिल्ली-एनसीआर में प्रभावी है। इस योजना का उद्देश्य प्रदूषण के स्तर के आधार पर। विभिन्न प्रतिबंधों को लागू करके वायु गुणवत्ता में सुधार करना है। GRAP-2 के लागू होने के बाद, नई दिल्ली नगर पालिका परिषद (NDMC) ने राष्ट्रीय राजधानी भर में पार्किंग शुल्क दोगुना करने की घोषणा पहले ही कर दी है। यह कदम लोगों को निजी वाहनों के उपयोग को कम करने और सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से उठाया गया है, जिससे वाहनों से होने वाले प्रदूषण को नियंत्रित किया जा सके।
वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) की श्रेणियां
वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) हवा की गुणवत्ता को मापने का एक पैमाना है। CPCB के अनुसार, 0 से 50 के बीच एक्यूआई को 'अच्छा' माना जाता है, जिसका अर्थ है कि हवा साफ और सांस लेने योग्य है। 51-100 के बीच को 'संतोषजनक' माना जाता है, जो कुछ संवेदनशील लोगों के लिए हल्की परेशानी का कारण बन सकता है। 101-200 के बीच को 'मध्यम' श्रेणी में रखा जाता है, जहां संवेदनशील लोगों को सांस लेने में दिक्कत हो सकती है। 201-300 के बीच को 'खराब' माना जाता है, जिससे अधिकांश लोगों को स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। 301-400 के बीच को 'बेहद खराब' कहा जाता है, जो लंबे समय तक संपर्क में रहने पर श्वसन संबंधी बीमारियों का कारण बन सकता है। अंत में, 401-500 के बीच को 'गंभीर' माना जाता है, जो स्वस्थ लोगों को भी। प्रभावित कर सकता है और बीमार लोगों के लिए गंभीर स्वास्थ्य जोखिम पैदा कर सकता है। दिल्ली के कई इलाकों में AQI का 'गंभीर' श्रेणी में पहुंचना एक अलार्मिंग स्थिति है, जिस पर तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है।