Dhanteras 2025 / धनतेरस पर ₹1 लाख करोड़ की रिकॉर्ड खरीदारी: सोना-चांदी और कारों की बंपर बिक्री

इस धनतेरस पर भारतीयों ने करीब 1 लाख करोड़ रुपये की रिकॉर्ड खरीदारी की। सोने-चांदी की बिक्री 60,000 करोड़ रुपये रही, जो पिछले साल से 25% अधिक है। ऑटोमोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक्स में भी भारी उछाल देखा गया, मारुति ने सबसे ज्यादा कारें बेचीं।

इस साल धनतेरस पर खरीदारी ने नए कीर्तिमान स्थापित किए हैं। ऑल इंडिया ट्रेडर्स कॉन्फेडरेशन (CAIT) के अनुसार, भारतीयों ने धनतेरस पर करीब 1 लाख। करोड़ रुपये खर्च किए, जो पिछले वर्षों की तुलना में एक महत्वपूर्ण वृद्धि है। यह रिकॉर्ड खरीदारी देश की मजबूत आर्थिक स्थिति और उपभोक्ता उत्साह को दर्शाती है।

सोना-चांदी की बिक्री में उछाल

इस खरीदारी में सबसे बड़ा योगदान सोने-चांदी का रहा, जिनकी बिक्री 60,000 करोड़ रुपये तक पहुंच गई। यह पिछले साल से 25% अधिक है। हालांकि, इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन के अनुसार, सोने की ऊंची कीमतों के कारण मात्रा में लगभग 10% की गिरावट आई है, लेकिन कुल मूल्य में तेज वृद्धि हुई है और दिल्ली में अकेले 10,000 करोड़ रुपये से अधिक की बिक्री दर्ज की गई। इस साल सोने का भाव 53,422 रुपये (70. 14%) बढ़कर 1,29,584 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गया है, जबकि चांदी 83,213 रुपये (96. 74%) बढ़कर 1,69,230 रुपये प्रति किलो हो गई है।

अन्य क्षेत्रों में भी बंपर खरीदारी

सोने-चांदी के अलावा, अन्य क्षेत्रों में भी शानदार बिक्री देखी गई। बर्तन और किचन अप्लायंसेज सेगमेंट में 15,000 करोड़ रुपये की बिक्री। हुई, जबकि इलेक्ट्रॉनिक्स ने लगभग 10,000 करोड़ रुपये का कारोबार किया। सजावटी सामान, लैंप और पूजा सामग्री की बिक्री 3,000 करोड़ रुपये रही। इसके अतिरिक्त, ड्राई फ्रूट्स, मिठाइयां, फल, टेक्सटाइल्स और वाहनों की बिक्री ने 12,000 करोड़ रुपये का आंकड़ा छुआ।

ऑटोमोबाइल सेक्टर में रिकॉर्ड डिलीवरी

ऑटोमोबाइल सेक्टर ने भी धनतेरस पर मजबूत प्रदर्शन किया। फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशंस (FADA) के अनुसार, लगभग 1 लाख कारों की बिक्री हुई, जिसका कुल कारोबार 8,000 करोड़ रुपये रहने का अनुमान है और मारुति सुजुकी इंडिया ने अकेले लगभग 50,000 कारें बेचीं, जो पिछले साल के 42,000 से अधिक है। हुंडई मोटर इंडिया ने भी 14,000 से अधिक यूनिट्स की डिलीवरी की, जो पिछले साल से 20% अधिक है। टोयोटा, टाटा मोटर्स, महिंद्रा एंड महिंद्रा और किआ इंडिया जैसी। अन्य प्रमुख कंपनियों ने भी लगभग 35,000 कारों की डिलीवरी की। CAIT के महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने जीएसटी दरों में कटौती और 'लोकल प्रोडक्ट्स' को बढ़ावा देने की मुहिम को इस खर्च वृद्धि का प्रमुख कारण बताया।