दीपावली पर्व की शुरुआत धनतेरस के साथ होती है, जिसे धन त्रयोदशी भी कहा जाता है। यह पर्व हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है। 2025 में धनतेरस शनिवार को पड़ रही है, और इस दिन धन के देवता कुबेर, मां लक्ष्मी और आरोग्य के देवता भगवान धन्वंतरि की पूजा का विशेष महत्व है। माना जाता है कि इस दिन खरीदारी करने से धन में 13 गुना वृद्धि होती है।
सोना-चांदी और वाहन खरीदने का शुभ मुहूर्त
ज्योतिष के अनुसार, धनतेरस पर सोना, चांदी, तांबे के बर्तन, इलेक्ट्रॉनिक वस्तुएं और वाहन खरीदने के लिए कई शुभ मुहूर्त हैं। चौघड़िया मुहूर्त (शुभ काल): सुबह 7 बजकर 49 मिनट से सुबह 9 बजकर 15 मिनट तक।
चौघड़िया मुहूर्त (अमृत काल): सुबह 10 बजकर 40 मिनट से दिन के 12 बजकर 6 मिनट तक।
चौघड़िया मुहूर्त (लाभ-उन्नति): दोपहर 01 बजकर 51 मिनट से लेकर दोपहर 03 बजकर 18 मिनट तक।
धनतेरस पूजा विधि
धनतेरस पर घर को अच्छे से साफ करें और दरवाजे पर रंगोली तथा दीप सजाएं। पूजन के समय एक लकड़ी की चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर। उस पर लक्ष्मीजी, कुबेरजी और भगवान धन्वंतरि की प्रतिमाएं स्थापित करें। गंगाजल से जलाभिषेक करें, फिर अक्षत, पुष्प, दीप और धूप अर्पित करें। इस दिन तिजोरी, खाता-बही या नए व्यवसाय के दस्तावेजों की पूजा करना शुभ माना जाता है। शाम के समय यमराज के नाम से दक्षिण दिशा में एक। दीपक अवश्य जलाएं, जिससे अकाल मृत्यु का भय दूर होता है।
धनतेरस के महत्वपूर्ण मंत्र
लक्ष्मी मंत्र: ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं महालक्ष्म्यै नमः॥
पूजा के दौरान इन मंत्रों का जप करने से विशेष लाभ मिलता है:कुबेर मंत्र: ॐ यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धनधान्याधिपतये नमः॥
धन्वंतरि मंत्र: ॐ नमो भगवते वासुदेवाय धन्वंतरये अमृतकलशहस्ताय सर्वभयविनाशनाय नमः॥
इन मंत्रों के जप से धन की वृद्धि, रोगों से मुक्ति और समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है।
शुभ फल प्राप्ति के उपाय
धनतेरस की शाम मुख्य द्वार पर 13 दीपक जलाना शुभ माना जाता है। घर के मंदिर में 11 बार श्री सूक्त का पाठ करें। 'ॐ श्री महालक्ष्म्यै च विद्महे विष्णुपत्नी च धीमहि तन्नो लक्ष्मी प्रचोदयात्' मंत्र का जप करने से जीवन में धन और सौभाग्य का वास होता है।