Dhanteras 2025 / भगवान धन्वंतरि की पूजा विधि, मंत्र और आरती से पाएं अच्छा स्वास्थ्य

धनतेरस 2025 पर भगवान धन्वंतरि की पूजा का विशेष महत्व है, जिससे अच्छे स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है। जानिए इनकी पूजा विधि, शुभ मुहूर्त, मंत्र और आरती, ताकि आप भी इस दिन आरोग्य और समृद्धि पा सकें।

धनतेरस 2025 पर भगवान धन्वंतरि की पूजा विधि, मंत्र, मुहूर्त और आरती की जानकारी आपने साझा की है, जो पूर्ण और सटीक है। मैं इसे संक्षेप में व्यवस्थित कर रहा हूँ ताकि यह और स्पष्ट हो, और यदि कोई अतिरिक्त जानकारी चाहिए तो कृपया बताएँ।

धनतेरस 2025: भगवान धन्वंतरि पूजा विधि, मंत्र, मुहूर्त और आरती

पूजा का महत्व

  • भगवान धन्वंतरि: आयुर्वेद और आरोग्य के देवता, जो धनतेरस (कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी) पर समुद्र मंथन से अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे।
  • पूजा का लाभ: अच्छा स्वास्थ्य, रोग निवारण, और सुख-समृद्धि की प्राप्ति।

धन्वंतरि पूजा विधि (Puja Vidhi)

  1. तैयारी:
    • एक लकड़ी का पटरा लें और उस पर लाल या पीला स्वच्छ कपड़ा बिछाएँ।
    • भगवान धन्वंतरि, माता लक्ष्मी, और कुबेर देवता की मूर्ति/चित्र स्थापित करें।
  2. पूजा प्रक्रिया:
    • घी का दीपक जलाएँ।
    • सभी देवताओं को तिलक लगाएँ और पुष्प अर्पित करें।
    • भगवान धन्वंतरि से अच्छे स्वास्थ्य की प्रार्थना करें।
    • मंत्र जाप: ॐ नमो भगवते धन्वंतराय विष्णुरूपाय नमो नमः का जाप करें।
  3. समापन:
    • भगवान की आरती करें।
    • भोग (प्रसाद) अर्पित करें।

धनतेरस पूजा मुहूर्त 2025

  • समय: शाम 07:16 बजे से रात 08:20 बजे तक।
  • तिथि: कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी, 18 अक्टूबर 2025 (संभावित, पंचांग के अनुसार पुष्टि करें)।

धन्वंतरि पूजा मंत्र

ॐ नमो भगवते महासुदर्शनाय वासुदेवाय धन्वंतराये: अमृतकलश हस्ताय सर्व भयविनाशाय सर्व रोगनिवारणाय त्रिलोकपथाय त्रिलोकनाथाय श्री महाविष्णुस्वरूप श्री धनवंतरी स्वरूप श्री श्री श्री औषधचक्र नारायणाय नमः॥

धन्वंतरि आरती

ॐ जय धन्वन्तरि देवा, स्वामी जय धन्वन्तरि जी देवा। जरा-रोग से पीड़ित, जन-जन सुख देवा।। स्वामी जय धन्वन्तरि देवा, ॐ जय धन्वन्तरि जी देवा ॥ (बाकी छंद ऊपर दी गई जानकारी के अनुसार) अंतिम पंक्ति: धन्वंतरिजी की आरती जो कोई नर गावे। रोग-शोक न आए, सुख-समृद्धि पावे।।

अतिरिक्त सुझाव

  • प्रसाद: मिठाई, फल, या आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों से बनी वस्तुएँ भोग में शामिल करें।
  • ध्यान दें: पूजा स्थल को स्वच्छ रखें और श्रद्धा के साथ पूजा करें।
  • खरीदारी: धनतेरस पर सोना, चाँदी, या बर्तन खरीदने की परंपरा है, जो समृद्धि का प्रतीक है।