टोक्यो ओलंपिक / जोकोविच ने ओलंपिक्स में हार के दौरान गुस्से में अपने रैकेट को तोड़ा, वीडियो हुआ वायरल

Zoom News : Aug 01, 2021, 07:27 AM
टोक्यो: दुनिया के शीर्ष रैंकिंग वाले टेनिस खिलाड़ी नोवाक जोकोविच (Novak Djokovic) ‘गोल्डन स्लैम’ को पूरा करने के सपने के साथ ओलंपिक में भाग लेने आए थे लेकिन शनिवार को कांस्य पदक मुकाबले को गंवाने के बाद वो टोक्यो से खाली हाथ लौटेंगे।

सर्बिया के इस खिलाड़ी को शनिवार को कांस्य पदक मुकाबले में स्पेन के पाब्लो कारेनो बुस्टा ने 6-4, 7-6 , 6-3 से शिकस्त दी। मैच के दौरान जोकोविच ने कई बार आपा खोया और रैकेट पर अपना गुस्सा निकाला।

जोकोविच को 24 घंटे से कम समय में तीसरी बार हार का सामना करना पड़ा।  ओलंपिक के पुरुष एकल के सेमीफाइनल में शुक्रवार को एलेक्जेंडर ज्वेरेव ने जोकोविच को हराकर ‘गोल्डन स्लैम’ पूरा करने वाले पहले पुरुष खिलाड़ी बनने के उनके सपने को तोड़ दिया था। उन्हें इसके बाद मिश्रित युगल के सेमीफाइनल में भी हार का सामना करना पड़ा था।

एक ही साल में चारों ग्रैंड स्लैम के साथ ओलंपिक स्वर्ण जीतने को गोल्डन स्लैम कहते है। स्टेफी ग्राफ (1988) इस उपलब्धि को हासिल करने वाली इकलौती टेनिस खिलाड़ी है।

जोकोविच की निराशा का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि उन्होंने दूसरे सेट में मैच प्वाइंट बचाने के बाद तीसरे सेट की लंबी रैली के दौरान बुस्टा के शॉट को रोकने में नाकाम रहने के बाद अपने रैकेट को स्टैंड की ओर फेंक दिया।

इसके दो गेम के बाद जब बुस्टा ने उनकी सर्विस तोड़ी तो एक बार फिर उन्होंने अपने रैकेट से नेट पर प्रहार कर दिया। उन्होंने इसके बाद रैकेट उठाकर फोटोग्राफरों की ओर उछाल दिया।

चेयर अंपायर ने नेट पर रैकेट फेंकने के बाद जोकोविच को चेतावनी भी दी लेकिन बुस्टा ने अंपायर से पेनल्टी अंक की मांग की क्योंकि रैकेट पर गुस्सा निकालने का ये दूसरा मामला था। अंपायर ने हालांकि पहली घटना बाद जोकोविच को चेतावनी नहीं दी थी।

जोकोविच और निना स्टोजानोविच की  मिश्रित युगल जोड़ी को शुक्रवार को सेमीफाइनल में हार का सामना करना पड़ा था। जिसके बाद उन्हें आज कांस्य पदक मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया की एश बार्टी एवं जॉन पीर्स की मिश्रित युगल जोड़ी से भिड़ना था लेकिन बाएं कंधे में चोट का हवाला देते हुए वह इस मैच से हट गए।

मिश्रित युगल का कांस्य पदक ऑस्ट्रेलियाई जोड़ी को मिल गया। जोकोविच ओलंपिक में अब तब सिर्फ एक पदक जीत सके है। उन्होंने बीजिंग (2008) में कांस्य पदक जीता था।

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