- भारत,
- 27-Jul-2025 08:40 PM IST
Share Market News: हर बार जब कोई बड़ा आईपीओ बाजार में आता है, तो माहौल गर्म हो जाता है। वॉट्सएप पर टिप्स की बौछार, इंस्टाग्राम रील्स में जीएमपी का शोर और आस-पड़ोस में लोग यह कहते मिलते हैं कि इससे तो पैसा डबल हो जाएगा! लेकिन सवाल है, क्या शेयर मार्केट के दिग्गज ऐसा करते हैं? जवाब है, बिलकुल नहीं। इन्वेस्टमेंट के दिग्गज कहे जाने वाले वॉरेन बफे कहते हैं, स्टॉक मार्केट एक ऐसा खेल है, जिसमें हर बॉल पर शॉट मारने की ज़रूरत नहीं। उनके मुताबिक आईपीओ में निवेश करने से पहले सोच-समझकर कदम उठाना चाहिए। आइए, वॉरेन बफे की सलाह के आधार पर समझते हैं कि आईपीओ में निवेश कैसे करना चाहिए।
1. बिजनेस को समझें, सिर्फ नाम से प्रभावित न हों
आईपीओ में निवेश करते वक्त सबसे पहली गलती होती है—हाइप के पीछे भागना। वॉरेन बफे की सलाह है: जिस बिजनेस को आप समझते नहीं, उसमें निवेश न करें। कई बार लोग बिना कंपनी को जाने सिर्फ इसलिए आवेदन कर देते हैं क्योंकि यह ट्रेंड में है। लेकिन आईपीओ कोई लॉटरी टिकट नहीं है। यह ऐसा है जैसे आप अपनी गली की दुकान में हिस्सा खरीद रहे हों, क्या आप बिना मुनाफे की जानकारी के पैसा लगाएंगे?
2. अंदर की चालों से बचें
आईपीओ उस ताश के खेल जैसा है, जिसमें सामने वाला हर पत्ता जानता है—बस आप नहीं। कंपनी के प्रमोटर और शुरुआती निवेशक अंदर की सारी जानकारी रखते हैं, जबकि आम निवेशक के पास बस एक चमकदार ब्रोशर होता है। बफे की सलाह है कि “अगर आप किसी खेल में यह नहीं समझ पा रहे कि सबसे कमजोर खिलाड़ी कौन है, तो हो सकता है वो आप ही हों।” इसलिए DRHP (ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस) जरूर पढ़ें और समझें कि प्रमोटर कितने शेयर बेच रहे हैं।
3. पहले देखें ट्रैक रिकॉर्ड, फिर करें निवेश
बफे उन कंपनियों में निवेश करना पसंद करते हैं जिनका मुनाफा और प्रदर्शन समय की कसौटी पर खरा उतरा हो। नई कंपनियां भले ही उम्मीदें लेकर आती हों, लेकिन उनका ट्रैक रिकॉर्ड नहीं होता। आपको Paytm का उदाहरण याद होगा, आईपीओ के वक्त जितना शोर था, उतनी ही तेजी से बाद में गिरावट आई। निवेश करने से पहले देखिए कि कंपनी मुनाफा कमा रही है या सिर्फ वादे कर रही है।
4. वही चुनें जिसे आप जानते हों
अगर किसी नए टेक्नोलॉजी वाले स्टार्टअप का आईपीओ आ रहा है और आप उसकी तकनीक नहीं समझते, तो रुक जाइए। बफे का मानना है कि जो चीज़ आप नहीं समझते, उसमें जोखिम छिपा होता है। आप उन सेक्टर की कंपनियों में निवेश करें जिनके बिजनेस मॉडल और मांग को आप समझते हैं। जैसे—FMCG, बैंकिंग, रिटेल आदि। यह नियम सिर्फ निवेश नहीं, जीवन के हर फैसले पर लागू होता है।
5. ब्रांड वैल्यू और मोनोपॉली पर ध्यान दें
बफे ऐसी कंपनियों को पसंद करते हैं जिनके पास मजबूत मोनोपॉली या moat हो—यानी ऐसी खासियत जो प्रतिस्पर्धियों से उन्हें अलग करती हो। हर नई कंपनी यह दावा करती है कि वो अनोखी है, लेकिन क्या वाकई उसके पास ऐसा कुछ है जिसे कॉपी करना आसान नहीं? अगर नहीं, तो उस कंपनी को लंबी रेस का घोड़ा नहीं कहा जा सकता।
6. लिस्टिंग डे के मुनाफे के लालच में न पड़ें
आईपीओ अक्सर इस तरह से तैयार किए जाते हैं कि प्रमोटरों को फायदा हो, निवेशकों को नहीं। वॉरेन बफे कहते हैं, कीमत वो है जो आप चुकाते हैं, मूल्य वो है जो आपको मिलता है। बैंकर्स कीमतें इस तरह सेट करते हैं कि ज्यादा पैसा निकाला जा सके। ऐसे में अगर कंपनी ओवरवैल्यू है, तो आपके लिए ज्यादा मुनाफा नहीं बचेगा। बेहतर है कि आप सही कीमत पर सही कंपनी का इंतजार करें।
7. लिस्टिंग के बाद करें निगरानी
बफे का असली मंत्र है, धैर्य। वो हर आईपीओ में पैसा नहीं लगाते, बल्कि लिस्टिंग के बाद कंपनी को कुछ समय तक ट्रैक करते हैं। आप भी एक पोस्ट-आईपीओ वॉचलिस्ट बनाएं। कुछ तिमाहियों तक कंपनी का मुनाफा और प्रबंधन देखें। अगर सब ठीक रहे, तभी निवेश करें।
लंबी रेस का घोड़ा बनें, शॉर्टकट से दूर रहें
भारत का आईपीओ बाजार टी20 मैच जैसा है, तेज, रोमांचक और अनिश्चित। लेकिन वॉरेन बफे की रणनीति टेस्ट मैच जैसी है, धैर्य, सोच-समझ और समय की कसौटी पर खरे उतरने की ताकत। अगर आप भी निवेश के इस खेल में लंबे समय तक टिके रहना चाहते हैं, तो उनके सुझाए सिद्धांतों को अपनाएं। बिजनेस को समझें, समय दें, और हर चमकती चीज़ को सोना न समझें।
