Donald Trump News / ट्रंप की रूस के साथ व्यापार पर कड़ी चेतावनी: भारत पर 50% शुल्क का भी जिक्र

डोनाल्ड ट्रंप ने रूस के साथ व्यापार करने वाले किसी भी देश पर बहुत कड़े प्रतिबंध लगाने की चेतावनी दी है, जिसमें ईरान को भी शामिल करने का सुझाव दिया गया है। उन्होंने भारत पर 50% शुल्क लगाने का भी उल्लेख किया, जिसमें रूसी तेल की खरीद पर 25% का अतिरिक्त शुल्क शामिल है।

पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस के साथ व्यापारिक संबंध। रखने वाले देशों के लिए गंभीर परिणामों की चेतावनी दी है। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा है कि रूस के साथ व्यापार करने वाले किसी भी देश को बहुत कड़े प्रतिबंधों का सामना करना पड़ेगा। यह बयान अंतरराष्ट्रीय व्यापार और भू-राजनीतिक संबंधों पर अमेरिकी रुख की गंभीरता। को दर्शाता है, खासकर यूक्रेन में चल रहे संघर्ष के संदर्भ में।

ईरान को भी शामिल करने का सुझाव

ट्रंप ने अपने बयान में ईरान को भी इन प्रतिबंधों के दायरे में लाने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा, ‘‘वो उसमें ईरान को भी शामिल कर सकते हैं, यह सुझाव मैंने दिया था। ’’ इस बात को उन्होंने दोहराया, ‘‘तो कोई भी देश जो रूस के साथ व्यापार करेगा, उसे बहुत कड़ी पाबंदियों का सामना करना पड़ेगा। हम इसमें ईरान को भी शामिल कर सकते हैं। ’’ यह सुझाव दर्शाता है कि अमेरिका रूस और उसके सहयोगियों के बीच किसी भी प्रकार के आर्थिक सहयोग को रोकने के लिए व्यापक दृष्टिकोण अपना सकता है। ईरान पर पहले से ही कई अमेरिकी प्रतिबंध लगे हुए हैं, और रूस के। साथ व्यापार के लिए अतिरिक्त प्रतिबंधों से उसकी अर्थव्यवस्था पर और दबाव पड़ सकता है।

भारत पर 50% शुल्क का बोझ

ट्रंप प्रशासन ने भारत पर 50 प्रतिशत शुल्क लगाया है, जिसे दुनिया में सबसे अधिक शुल्कों में से एक बताया गया है। यह शुल्क भारत के लिए एक महत्वपूर्ण आर्थिक चुनौती प्रस्तुत करता है, खासकर जब वह अपनी अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और वैश्विक व्यापार में अपनी स्थिति को बेहतर बनाने का प्रयास कर रहा है। 50% का यह उच्च शुल्क विभिन्न भारतीय उत्पादों और सेवाओं पर लागू होता है, जिससे अमेरिकी बाजार में उनकी प्रतिस्पर्धात्मकता प्रभावित होती है।

रूसी तेल खरीद पर अतिरिक्त शुल्क

इस 50 प्रतिशत शुल्क में रूसी तेल की खरीद को लेकर 25 प्रतिशत का अतिरिक्त शुल्क भी शामिल है। यह विशेष शुल्क उन देशों को लक्षित करता है जो रूस से ऊर्जा आयात करना। जारी रखते हैं, जिससे रूस को यूक्रेन में अपने सैन्य अभियानों के लिए धन मिलता है। भारत, जो अपनी ऊर्जा जरूरतों के लिए काफी हद तक आयात। पर निर्भर करता है, रूसी तेल का एक प्रमुख खरीदार रहा है। इस अतिरिक्त शुल्क का उद्देश्य भारत को रूसी तेल पर अपनी निर्भरता कम करने और वैकल्पिक स्रोतों की तलाश करने के लिए मजबूर करना है। यह कदम वैश्विक ऊर्जा बाजारों पर भी प्रभाव डालेगा, क्योंकि देश ऊर्जा सुरक्षा और भू-राजनीतिक दबावों के बीच संतुलन बनाने का प्रयास करेंगे।

सांसद ग्राहम का कड़ा प्रस्ताव

अमेरिकी सांसद लिंडसे ग्राहम ने एक विधेयक पेश किया है जिसमें रूसी। तेल की खरीद और बिक्री पर 500 प्रतिशत शुल्क लगाने का प्रस्ताव है। यह प्रस्ताव मौजूदा शुल्कों से कहीं अधिक कठोर है और यदि यह कानून बन जाता है, तो यह रूसी ऊर्जा व्यापार पर अभूतपूर्व दबाव डालेगा। इस विधेयक को संसद की विदेश संबंध समिति में लगभग सर्वसम्मत समर्थन मिला है, जो रूस के खिलाफ कड़े उपायों के लिए अमेरिकी विधायिका के भीतर व्यापक सहमति को दर्शाता है।

यूक्रेन युद्ध के वित्तपोषण पर अंकुश

ग्राहम और सांसद रिचर्ड ब्लूमेंथल ने संयुक्त रूप से ‘‘रूस प्रतिबंध अधिनियम 2025’’ पेश किया है। इस अधिनियम का मुख्य मकसद उन ‘‘देशों पर शुल्क और प्रतिबंध लगाना है जो। यूक्रेन में पुतिन के बर्बर युद्ध को जारी रखने के लिए धन मुहैया कराते हैं। ’’ यह विधेयक उन देशों को सीधे तौर पर लक्षित करता है जो रूस के साथ व्यापारिक संबंध बनाए रखते हैं और इस प्रकार अप्रत्यक्ष रूप से यूक्रेन में संघर्ष को बढ़ावा देते हैं और इस तरह के कड़े कानून का उद्देश्य रूस की युद्ध मशीनरी को आर्थिक रूप से कमजोर करना और उन देशों को हतोत्साहित करना है जो उसके साथ व्यापार करके उसे समर्थन दे रहे हैं। यह अंतरराष्ट्रीय समुदाय को एक स्पष्ट संदेश भी देता है कि यूक्रेन के खिलाफ रूस की आक्रामकता को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और इसके गंभीर आर्थिक परिणाम होंगे।