IPL 2020 / Dream11 में लगा है चीन की कंपनी का पैसा, इससे आत्मनिर्भर भारत को लगेगा झटका -CAIT

News18 : Aug 22, 2020, 08:54 AM
नई दिल्ली। खुदरा कारोबारियों के संगठन कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) द्वारा आयोजित किये जाने वाले आईपीएल (Indian Premier League ) क्रिकेट टूर्नामेंट को ‘आत्मनिर्भर भारत’ और ‘वोकल फॉर लोकल’ अभियान के लिये बड़ा झटका बताया है। संगठन ने आईपीएल में चीन की कंपनियों के निवेश का जिक्र करते हुए कहा कि यह आयोजन आत्मनिर्भर भारत के आह्वान पर बड़ा आघात है।

कैट ने एक बयान में कहा कि ड्रीम11 (Dream11) कंपनी आईपीएल की टाइटल प्रायोजक और पांच टीमों की सह प्रायोजक है। इस कंपनी में चीन की कंपनी टैनसेंट ग्लोबल का निवेश है।

संगठन ने कहा, ‘‘टैनसेंट ग्लोबल के निवेश वाली कंपनी बायजु भारतीय क्रिकेट टीम की प्रायोजक है। इसी तरह अलीबाबा के निवेश वाली कंपनी पेटीएम भारतीय क्रिकेट टीम की टाइटल प्रायोजक और दिल्ली कैपिटल्स की सह प्रायोजक है।

इन सबके अलावा टैनसेंट ग्लोबल के निवेश वाली कंपनी स्विगी आईपीएल की सह प्रायोजक है। कैट ने भारत सरकार से इस स्थिति का मूल्यांकन करने की अपील की। कैट का दावा है कि उसके साथ देशभर की 40,000 व्यापार संघ और सात करोड़ व्यापारी जुड़े हैं।

चीन के साथ बिगड़े हालातों के कारण रद्द हुआ वीवो का करार -जून के महीने में लद्दाख के गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ हिंसक झड़प में 20 भारतीय जवान शहीद हो गए थे। इसके बाद से देशों के बीच रिश्तों में काफी तनाव है। भारत के कई जगहों पर चीन के खिलाफ प्रदर्शन किये गये और चीनी सामानों का बहिष्कार का निर्णय किया गया। भारत सरकार ने भी 50 से ज्यादा चाइनीज ऐप्स को देश में बैन कर दिया है

कई बड़ी चीनी कंपनियों के टेंडर रद्द कर दिये गये हैं। सोशल मीडिया पर फैन लगातार बीसीसीआई को निशाने पर ले रहे थे। इसके बाद बीसीसीआई ने वीवो के साथ करार खत्म करने का फैसला किया। वीवो इंडिया ने 2017 में आईपीएल टाइटल प्रायोजन अधिकार 2199 करोड़ रुपये में हासिल किये थे। इससे लीग को हर सीजन में उसे करीब 440 करोड़ रुपये का भुगतान करना था। इस चीनी मोबाइल कंपनी ने सॉफ्ट ड्रिंक वाली दिग्गज कंपनी पेप्सिको को हटाया था, जिसकी 2016 में 396 करोड़ रुपये की डील थी।

SUBSCRIBE TO OUR NEWSLETTER