- भारत,
- 02-Aug-2019 04:32 PM IST
- (, अपडेटेड 02-Aug-2019 04:33 PM IST)
भारतीय सेना ने पारिस्थितिकी के अनुकूल एक पहल के तहत विद्युत मंत्रालय के ऊर्जा दक्षता सेवा लिमिटेड (ईईएसएल) के साथ साझेदारी में नई दिल्ली में अपने अधिकारियों के लिए ई-कार का उपयोग आरम्भ किया है। नई दिल्ली में सेना में ई-कार की शुरूआत करने की परिकल्पना विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर की गई थी और क्यूएमजी, लेफ्टिनेंट जनरल गोपाल आर. ने 01 अगस्त, 2019 को भारतीय सेना के लिए ई-कारों के पहले जत्थे को झंडी दिखाकर रवाना किया। सेना की 10 ई-कारों के पहले जत्थे को पायलट परियोजना के रूप में परिचालित करने तथा इस पहल को आगे बढ़ाते हुए दिल्ली में ई-कारों की संख्या बढ़ाने की योजना है, ताकि किफायत, दक्षता और कम से कम उत्सर्जन सुनिश्चित किया जा सके।
यहां इस बात का उल्लेख करना उचित होगा कि सेना पर्यावरण संरक्षण संबंधी प्रयासों में हमेशा से अग्रणी रही है। भारतीय सेना में बड़ी तादाद में क्षेत्रीय सेना बटालियन (ईसीओ) हैं, जिन्होंने वनरोपण सहित पर्यावरण संरक्षण के प्रयासों में महत्वपूर्ण सेवाएं प्रदान की हैं। कश्मीर से कन्याकुमारी तक दूर-दराज के और पारिस्थितिकीय दृष्टि से संवेदनशील क्षेत्रों में तैनात सेना की इकाईयां पारिस्थितिकीय संतुलन का संरक्षण करने तथा पर्यावरण की रक्षा करने के लिए स्थानीय जनता के साथ तालमेल कायम करके विभिन्न कार्यकलापों को अंजाम दे रही है।
वायु प्रदूषण दिल्ली के लिए एक प्रमुख चुनौती रहा है। दुनियाभर की सरकारें इस बुराई से निपटने के लिए बहुत से संसाधनों का निवेश कर रही हैं। कार्बन उत्सर्जन में कमी लाने की दिशा में इलेक्ट्रिक वाहन प्रौद्योगिकी उपयोगी विकल्प साबित हुई है। टाटा मोटर्स और महिन्द्रा जैसी भारतीय कंपनियों ने इलेक्ट्रिक कारों के अनुसंधान एवं विकास तथा विनिर्माण में पहल की है। ईईएसएल विभिन्न भारतीय एजेंसियों को इस तरह के वाहन उपलब्ध कराने में मुख्य रूप से सहायक रहा है। इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रोत्साहन देने और निकट भविष्य में आम जनता के लिए इसे अपनाए जाने से संबंधित सेना की यह पहल इस प्रौद्योगिकी के विकास में मददगार साबित होगी।
