ED Raids Indrajeet Yadav / ED का इंद्रजीत यादव नेटवर्क पर बड़ा एक्शन: ₹5 करोड़ कैश, ₹9 करोड़ की ज्वेलरी और ₹35 करोड़ की संपत्ति के दस्तावेज जब्त

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में इंद्रजीत सिंह यादव और उसके सहयोगियों पर बड़ी कार्रवाई की है. दिल्ली में हुई छापेमारी में ₹5.12 करोड़ नकद, ₹8.80 करोड़ के जेवरात और ₹35 करोड़ की संपत्ति से जुड़े दस्तावेज सहित कुल ₹50 करोड़ से अधिक की संपत्ति जब्त की गई है. यादव पर अवैध वसूली और जबरन लोन सेटलमेंट का आरोप है.

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मनी लॉन्ड्रिंग के एक बड़े मामले में दिल्ली में इंद्रजीत सिंह यादव और उसके सहयोगियों के खिलाफ एक महत्वपूर्ण कार्रवाई की है. इस व्यापक अभियान के तहत, ईडी ने ₹5 और 12 करोड़ नकद और ₹8. 80 करोड़ के सोने व हीरे के जेवरात सहित कुल ₹50 करोड़ से अधिक की संपत्ति जब्त की है. यह कार्रवाई धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA), 2002 के तहत की गई है, जिसमें यादव पर अवैध. वसूली, जबरन लोन सेटलमेंट और इन गैरकानूनी गतिविधियों से अर्जित धन को सफेद करने का आरोप है.

इंद्रजीत यादव पर लगे गंभीर आरोप

ईडी की विस्तृत जांच के अनुसार, इंद्रजीत सिंह यादव पर कई गंभीर आरोप लगे हैं और इनमें अवैध वसूली, निजी फाइनेंसरों से जबरन ऋण सेटलमेंट करवाना और हथियारों के बल पर लोगों को धमकाना शामिल है. आरोप है कि यादव इन गैरकानूनी गतिविधियों से भारी कमीशन कमाता था. इन्हीं आपराधिक गतिविधियों से प्राप्त धन को मनी लॉन्ड्रिंग के माध्यम से वैध बनाने का प्रयास किया जा रहा था. अपोलो ग्रीन एनर्जी लिमिटेड और उससे जुड़े अन्य व्यक्तियों व संस्थाओं पर भी ईडी की नजर है, जो इस कथित मनी लॉन्ड्रिंग नेटवर्क का हिस्सा हो सकते हैं.

जांच का आधार: हरियाणा और यूपी में दर्ज FIRs

ईडी ने अपनी यह जांच हरियाणा और उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा दर्ज की गई 15 से अधिक एफआईआर (FIRs) और चार्जशीट के आधार पर शुरू की है. इन मामलों में भारतीय दंड संहिता (IPC) 1860, शस्त्र अधिनियम (Arms Act) 1959 और भारतीय न्याय संहिता (BNS) 2023 की विभिन्न धाराओं के तहत अपराध दर्ज किए गए हैं. इन प्राथमिकियों में दर्ज अपराधों की गंभीरता ने ईडी को धन शोधन के पहलू की जांच करने के लिए प्रेरित किया, जिससे यह बड़ी कार्रवाई संभव हो पाई.

दिल्ली में सहयोगी के ठिकाने पर छापेमारी

30 दिसंबर को ईडी ने इंद्रजीत सिंह यादव के एक करीबी सहयोगी अमन कुमार से जुड़े एक ठिकाने पर विशेष रूप से कार्रवाई की. यह ठिकाना दिल्ली के पॉश सर्वप्रिय विहार इलाके में स्थित है. इस छापेमारी के दौरान, ईडी के अधिकारियों को अमन कुमार के परिसर से भारी मात्रा. में नकदी और अन्य कीमती सामान बरामद हुआ, जिसने मामले की गंभीरता को और बढ़ा दिया.

छापेमारी में बरामद हुई संपत्तियां

इस छापेमारी के दौरान, ईडी ने कई महत्वपूर्ण चीजें बरामद कीं और सबसे पहले, लगभग ₹5. 12 करोड़ नकद राशि मिली, जिसकी गिनती के लिए मौके पर बैंक अधिकारियों और कैश काउंटिंग मशीनों को बुलाया गया. यह नकदी की भारी मात्रा अवैध लेनदेन के पैमाने को दर्शाती है और इसके अतिरिक्त, एक सूटकेस में भरे सोने और हीरे के जेवरात भी बरामद हुए, जिनकी अनुमानित कीमत लगभग ₹8. 80 करोड़ आंकी गई है. ये जेवरात भी अवैध रूप से अर्जित धन का हिस्सा माने जा रहे हैं. एक अन्य बैग से कई चेक बुक और ऐसे दस्तावेज मिले हैं,. जो लगभग ₹35 करोड़ की संपत्तियों से जुड़े बताए जा रहे हैं. इन दस्तावेजों से यादव और उसके नेटवर्क द्वारा अर्जित की गई अचल संपत्तियों का खुलासा होने की संभावना है.

कुल ₹50 करोड़ से अधिक की संपत्ति जब्त

दिल्ली में हुई इस एक ही छापेमारी में, ईडी ने ₹5. 12 करोड़ नकद, ₹8. 80 करोड़ के जेवरात और ₹35 करोड़ की संपत्तियों से जुड़े दस्तावेजों सहित कुल ₹50 करोड़ से अधिक की संपत्ति जब्त की है. यह बरामदगी इंद्रजीत सिंह यादव के कथित अवैध नेटवर्क की वित्तीय क्षमता और उसके द्वारा किए जा रहे मनी लॉन्ड्रिंग के पैमाने को स्पष्ट रूप से दर्शाती है और ईडी अधिकारियों के अनुसार, मामले से जुड़े अन्य ठिकानों पर भी तलाशी अभियान जारी है और आगे और भी खुलासे होने की संभावना है. जांच पूरी होने के बाद, बरामद किए गए पैसों और संपत्तियों को लेकर आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी, जिसमें उन्हें जब्त करना भी शामिल हो सकता है.

क्रिप्टो वर्ल्ड ट्रेडिंग कंपनी धोखाधड़ी पर भी ED का एक्शन

इसी के साथ, ईडी ने एक और महत्वपूर्ण कार्रवाई को अंजाम दिया है, जो इस मामले से अलग है लेकिन वित्तीय अपराधों के खिलाफ एजेंसी की सक्रियता को दर्शाती है. 24 दिसंबर को, ईडी ने अंबाला, कुरुक्षेत्र, करनाल और चंडीगढ़ में नौ आवासीय परिसरों में तलाशी अभियान चलाया था. यह तलाशी अभियान 'क्रिप्टो वर्ल्ड ट्रेडिंग कंपनी' नामक एक फर्जी संस्था द्वारा. निवेश के बहाने करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी के संबंध में चलाया गया था. इस दौरान, ईडी ने कई अपराध-संकेती दस्तावेज, डिजिटल सबूत और ₹4 लाख नकद जब्त किए थे. यह कार्रवाई दर्शाती है कि ईडी विभिन्न प्रकार के वित्तीय धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग योजनाओं पर लगातार नजर रख रही है और उनके खिलाफ सख्त कदम उठा रही है, चाहे वे पारंपरिक हों या आधुनिक डिजिटल माध्यमों से संबंधित हों.