विदेश / शौचालय की तरह प्रकृति का इस्तेमाल करना बहुत हुआ, हम अपनी ही कब्रें खोद रहे हैं: यूएन महासचिव

Zoom News : Nov 02, 2021, 08:24 AM
ग्लासगो: जीवाश्म ईंधन के अंधाधुंध इस्तेमाल और जलवायु परिवर्तन को लेकर चेतावनी देते हुए संयुक्त राष्ट्र संघ के महासचिव एंटोनिओ गुटेरेस ने सोमवार को कहा कि प्रकृति को शौचालय की तरह इस्तेमाल करना की आदत हमें रोकनी होगी. स्कॉटलैंड के ग्लासगो में संयुक्त राष्ट्र के अंतरराष्ट्रीय जलवायु शिखर सम्मेलन COP26 को संबोधित करते हुए गुटेरेस ने विश्व के नेताओं को चेतावनी दी कि जीवाश्म ईंधन को जलाकर और पर्यावरण को नष्ट करके “हम अपनी कब्र खोद रहे हैं.”

एंटोनिओ गुटेरेस ने दो सप्ताह तक चलने वाले इस सम्मेलन के औपचारिक उद्घाटन समारोह में कहा, “जैसा कि हम इस बहुप्रतीक्षित जलवायु सम्मेलन को शुरू कर रहे हैं, इस वक्त भी हम जलवायु आपदा की ओर बढ़ रहे हैं.” उन्होंने चीन जैसे उभरते देशों सहित प्रमुख आर्थिक शक्तियों से अधिक प्रयास करने का आग्रह किया क्योंकि वे वैश्विक ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में अधिक योगदान करते है.

उन्होंने कहा, “जलवायु परिवर्तन पर जल्द कार्रवाई करने में विफल होकर हम अपनी ही कब्रें खोद रहे हैं. जीवाश्म ईंधन को इस्तेमाल करने की हमारी आदत मानवता को विनाश की ओर धकेल रही है. हमें कठोर फैसला लेने की जरूरत है. या तो हम इसे रोक दें या ये हमें रोक दे. अब ये कहने का समय आ गया है कि अब बहुत हो चुका.”

हमारी धरती हमारे आखों के सामने बदल रही- गुटेरेस

गुटेरेस ने जोर देते हुए कहा, “जैव विविधता को काफी तहस-नहस किया जा चुका है, खुद को कार्बन से काफी मारा जा चुका है, प्रकृति को शौचालय की तरह इस्तेमाल करना बहुत हो चुका, माइनिंग और ड्रिलिंग ये सब बहुत हो चुका है. हमारी धरती हमारे आखों के सामने बदल रही है. समुद्र की गहराई से लेकर पहाड़ों की चोटी तक, सभी जगह बदलाव हो रहे हैं.”

उन्होंने कहा, “ग्लेशियर पिघल रहे रहे हैं और मौसम की चरम घटनाएं लगातार देखी जा रही है. महासागर किसी भी समय की तुलना में आज सबसे ज्यादा गर्म हैं और तेजी से गरम हो रहे हैं.”

जो बाइडन ने अमेरिका के पेरिस समझौते से निकलने पर मांगी माफी

इसके अलावा अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने पेरिस जलवायु समझौते से अमेरिका को बाहर कर लेने के अपने पूर्ववर्ती डोनाल्ड ट्रंप के फैसले के लिए संयुक्त राष्ट्र जलवायु सम्मेलन में सार्वजनिक तौर पर माफी मांगी. बाइडन ने कहा, “मुझे माफी नहीं मांगनी चाहिए, लेकिन मैं इस तथ्य के लिए माफी मांगता हूं कि अमेरिका की पूर्ववर्ती सरकार ने देश को पेरिस समझौते से हटा लिया और हमें लक्ष्य से थोड़ा पीछे कर दिया.”

बाइडन ने जलवायु के प्रति पिछले प्रशासन के दृष्टिकोण की अक्सर आलोचना की है, लेकिन इससे पहले दुनिया के समक्ष सार्वजनिक रूप से खेद नहीं जताया था. बाइडन ने 20 जनवरी को कार्यभार संभालने के बाद पेरिस समझौते में फिर से लौटने की प्रतिबद्धता जताई थी.

ग्लासगो में विश्व के 130 से अधिक नेता सोमवार और मंगलवार को महत्वपूर्ण COP26 अंतरराष्ट्रीय जलवायु शिखर सम्मेलन में शिरकत करेंगे. सभी देश इस बारे में बात करेंगे कि ‘ग्लोबल वार्मिंग’ के खतरे के बारे में उनके अपने देश में कौन से कदम उठाए जा रहे हैं. साथ ही वैश्विक तापमान को सीमित करने के उपायों पर सहमति बनाए जाने पर चर्चा की संभावना है.

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