महाराष्ट्र / मुंबई में ब्लैक फंगस से संक्रमित 4, 6 और 14 साल के 3 बच्चों की एक-एक आंख निकाली गई

Zoom News : Jun 18, 2021, 01:31 PM
मुंबई: कोरोना से उबरने के बाद ब्लैक फंगस लोगों को तेजी से अपनी चपेट में ले रहा है. डायबिटीज के मरीजों या फिर वयस्कों के इसके शिकार होने की बातें आपने सुनी होंगी, लेकिन अब ये बीमारी बच्चों को भी अपना शिकार बना रही है. मुंबई में ब्लैक फंगस यानी म्यूकोर्मिकोसिस (Mucormycosis) से संक्रमित तीन बच्चों की आंखें निकालनी पड़ी हैं. 

तीनों बच्चों की उम्र 4, 6 और 14 साल थी. ये सभी कोरोना से संक्रमित थे. इनमें से सबसे बड़ी बच्ची डायबिटीज से पीड़ित थी. बच्चों के ऑपरेशन शहर के दो अलग-अलग हॉस्पिटल फोर्टिस हॉस्पिटल और केबीएच बचाओली ऑप्थेलमिक और ईएनटी हॉस्पिटल (KBH Bachooali Ophthalmic and ENT Hospital) में किए गए.

इसके अलावा 16 साल की एक बच्ची COVID-19 से ठीक होने के बाद डायबिटिक हो गई और बाद में उसके पेट में ब्लैक फंगस का संक्रमण पाया गया. डॉक्टरों का कहना है कि वह कोरोना संक्रमण से पहले डायबिटीज से पीड़ित नहीं थी, लेकिन कोरोना ठीक होने के बाद वह डायबिटिक हो गई. उसके पेट में ब्लैक फंगस का इंफेक्शन था. 

फोर्टिस हॉस्पिटल के वरिष्ठ सलाहकार, बाल रोग विशेषज्ञ डॉ जेसल शेठ ने NDTV से कहा, 'कोरोना की दूसरी लहर में हमने दो लड़कियों को ब्लैक फंगस से संक्रमित पाया. दोनों ही डायबिटिक थीं. इनमें से 14 साल की बच्ची को अस्पताल में भर्ती कराने के 48 घंटे के भीतर ही उसकी एक आंख काली हो गई. फंगस नाक में भी फैल रहा था लेकिन मस्तिष्क तक नहीं पहुंचा. हमने छह सप्ताह तक उसका इलाज किया लेकिन दुर्भाग्य से हमें उसकी एक आंख निकालनी पड़ी.'

कोरोना संक्रमित 4 और 6 साल के दो छोटे बच्चों को मुंबई के केबीएच बचाओली ओप्थाल्मिक और ईएनटी हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था. 

बता दें कि ब्लैक फंगस हाल में तब काफी ज्यादा चर्चा में रहा जब डायबिटीज जैसे कोमोर्बिडिटीज वाले कोरोना के मरीजों में इसके काफी ज्यादा मामले आए. कोरोना से ठीक हुए ऐसे लोगों में ब्लैक फंगस का खतरा ज्यादा होता है.

SUBSCRIBE TO OUR NEWSLETTER